ADGP Haryana suicide: हरियाणा के ADGP वाई पूरन कुमार की आत्महत्या, चंडीगढ़ आवास में मिली लाश
ADGP Haryana suicide: चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित अपने आवास में हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) वाई पूरन कुमार ने मंगलवार को कथित तौर पर खुद को गोली मार ली। यह घटना न सिर्फ उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे पुलिस विभाग और राज्य प्रशासन के लिए एक बड़ा सदमा है।
पूरे मामले की गंभीरता इसी बात से समझी जा सकती है कि उनकी पत्नी, आईएएस अफसर अमनीत पी. कुमार, इस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में जापान में एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ हैं। घटना के समय घर में उनकी बेटी ही मौजूद थी।
घटना का विवरण
सूत्रों के अनुसार, पूरन कुमार ने अपने घर के बेसमेंट में जाकर आत्महत्या की। बेसमेंट साउंडप्रूफ था, जिसके चलते गोली की आवाज बाहर नहीं आई। काफी देर बाद उनकी बेटी ने नीचे जाकर देखा कि पिता की लाश बेसमेंट में पड़ी थी और पास में उनकी सर्विस रिवॉल्वर भी मिली। बेटी ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
जानकारी के अनुसार, सोमवार को उन्होंने अपने गनमैन से यह रिवॉल्वर ली थी। फॉरेंसिक और पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है और मामले की जांच जारी है।
पुलिस और प्रशासनिक भूमिका
वाई पूरन कुमार हरियाणा कैडर के सीनियर IPS अधिकारी थे। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती पाई और पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज में वर्तमान में पदस्थ थे। उनके पास लंबे अनुभव और प्रशासनिक समझ थी।
पुलिस विभाग में उनके सहकर्मी और वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, वह हमेशा सिस्टम में सुधार और पुलिस कार्यशैली को बेहतर बनाने के लिए सक्रिय रहे। समय-समय पर उन्होंने सीनियॉरिटी और प्रशासनिक मुद्दों को लेकर पत्र भी लिखे।
पेशेवर जीवन और चुनौतियां
पूरे करियर में पूरन कुमार ने कई महत्वपूर्ण जांचों और अभियानों का नेतृत्व किया। उनकी जिम्मेदारी में टीचर हत्याकांड जैसी संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण जांच भी शामिल थी।
हालांकि उनके जीवन में तनाव का कारण क्या था, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है। पुलिस और प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि उनकी आत्महत्या के पीछे व्यक्तिगत या पेशेवर दबाव की संभावना हो सकती है, लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही वास्तविक कारण सामने आएगा।
परिवार और सामाजिक पहलू
पूरे मामले ने उनके परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है। बेटी ने इस दुखद घटना का सामना अकेले किया, जबकि पत्नी विदेशी दौरे पर थीं। इस समय परिवार के लिए समाज और विभाग का समर्थन बेहद जरूरी है।
साथ ही, यह घटना उच्च पदस्थ अधिकारियों के मानसिक स्वास्थ्य और उनके तनावपूर्ण जीवन पर भी सवाल उठाती है। पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक पदों पर कार्यरत लोग अक्सर लंबे समय तक तनाव और दबाव में रहते हैं। ऐसे मामलों में मानसिक स्वास्थ्य समर्थन और काउंसलिंग की व्यवस्था महत्वपूर्ण होती है।
विभाग और भविष्य की कार्रवाई
चंडीगढ़ पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और रिवॉल्वर को अपने कब्जे में ले लिया। घटना की पूरी जांच जारी है। पुलिस विभाग ने कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आत्महत्या के वास्तविक कारणों का पता चलेगा।
इस घटना ने विभाग में भी चर्चा का विषय बनाया है कि उच्च पदस्थ अधिकारियों के मानसिक स्वास्थ्य और तनाव का प्रबंधन कैसे किया जाए। साथ ही, पुलिस विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि अपने कर्मचारियों को पर्याप्त समर्थन और परामर्श उपलब्ध हो।
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