हरियाणा के सोनीपत जिले में “Anti Corruption Bureau” (ACB) ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई के तहत सिटी थाना के सब-इंस्पेक्टर बलवान सिंह को रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने समझौते की कॉपी देने के एवज में 50,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इसके अलावा, जांच में यह भी सामने आया कि वह पहले ही 3.50 लाख रुपये की रिश्वत ले चुके थे। एसीबी ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ने की कोशिश की, हालांकि वह थोड़ी देर के लिए भागने में सफल रहे, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें जल्द ही काबू में कर लिया।
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ToggleAnti Corruption Bureau: मामले का खुलासा कैसे हुआ?
यह मामला तब सामने आया जब एक व्यक्ति ने पानीपत स्थित ‘Anti Corruption Bureau‘ टीम को शिकायत दी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसके भाई के खिलाफ सोनीपत के सिटी थाना में एक महिला द्वारा मामला दर्ज कराया गया था। महिला और युवक के बीच पहले सहमति से संबंध थे, लेकिन बाद में विवाद हो गया, जिससे मामला पुलिस के पास पहुंचा। बाद में दोनों के बीच समझौता हो गया, और युवक ने समझौते की कॉपी की मांग की।
इसी बीच, सब-इंस्पेक्टर बलवान सिंह ने समझौते की कॉपी देने के लिए 50,000 रुपये की रिश्वत की मांग की। पहले से ही बलवान पर 3.50 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप थे, जिसकी जानकारी शिकायतकर्ता ने एसीबी को दी।
Anti Corruption Bureau की रणनीति और कार्रवाई
शिकायत मिलने के बाद ‘Anti Corruption Bureau’ (ACB) की टीम ने इंस्पेक्टर तेजपाल के नेतृत्व में एक योजना तैयार की। योजना के तहत टीम ने मंगलवार को सोनीपत कोर्ट परिसर स्थित पुलिस चौकी पर छापेमारी की। बलवान सिंह को रंगे हाथों पकड़ने का प्रयास किया गया, लेकिन वह भागने में सफल हो गया। हालांकि, तुरंत की गई कार्रवाई के चलते उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
अब ‘Anti Corruption Bureau’ (ACB) ने इस मामले से संबंधित सभी साक्ष्य जुटा लिए हैं और जांच को आगे बढ़ा रही है। बलवान सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है, और एसीबी की टीम अब गहराई से इस मामले की जांच कर रही है।
Anti Corruption Bureau ने बताया भ्रष्टाचार की गंभीरता
यह मामला केवल एक पुलिसकर्मी द्वारा रिश्वत लेने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की गहराई को उजागर करता है। बलवान सिंह पर पहले ही 3.50 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप था, और अब उन्होंने 50,000 रुपये की मांग की थी। इस पर एसीबी ने जनता से अपील की है कि यदि किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगी जाती है, तो इसकी तुरंत सूचना एसीबी को दी जाए।
एसीबी की सफल कार्रवाई
‘Anti Corruption Bureau’ (ACB) की इस सफल कार्रवाई ने यह साबित किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ एजेंसियां सख्त हैं। एसीबी ने इस ऑपरेशन को बड़ी सावधानी और कुशलता से अंजाम दिया, जिससे एक भ्रष्ट अधिकारी को न्याय के कटघरे में लाया जा सका।
जनता से ‘Anti Corruption Bureau‘ ने की अपील
हरियाणा एसीबी ने फिर से जनता से अपील की है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक रहें और यदि कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत मांगता है, तो इसकी सूचना तुरंत एसीबी को दें। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जनता का सहयोग अत्यंत आवश्यक है। एसीबी के टोल-फ्री नंबर 1800-180-2022 या 1064 पर रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं, लेकिन एसीबी जैसे संस्थान इसे खत्म करने के लिए प्रयासरत हैं। हमें सभी को मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी होगी और इसे जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे।
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