Asim Munir statement: ऑपरेशन सिंदूर का डर अब भी पाकिस्तान के सिर पर, असीम मुनीर ने माना—भारत से खतरा खत्म नहीं हुआ
Asim Munir statement: भारत के ऑपरेशन सिंदूर में हुए प्रचंड हमले की याद पाकिस्तान अभी तक भुला नहीं पाया है। सार्वजनिक मंचों पर भले ही पाकिस्तान के नेता और सेना खुद को मजबूत और विजयी बताने की कोशिश करते रहें, लेकिन हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर के बयान ने उनकी असली चिंता उजागर कर दी है।
असीम मुनीर ने एक कार्यक्रम के दौरान साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान को अब सिर्फ पारंपरिक युद्ध के लिए नहीं, बल्कि “मल्टी-डोमेन खतरों” के लिए भी तैयार रहना होगा। उनका यह बयान इस बात का संकेत माना जा रहा है कि भारत के साथ हुए हालिया संघर्ष के बाद पाकिस्तान के भीतर असुरक्षा की भावना लगातार बढ़ रही है।
ऑपरेशन सिंदूर: चार दिन जिसने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी
इस साल की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच एक छोटा लेकिन बेहद तेज सैन्य संघर्ष हुआ था। चार दिनों तक चले इस टकराव में भारत ने पाकिस्तान पर स्कैल्प और ब्रह्मोस जैसी अत्याधुनिक मिसाइलों से हमला किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम इन मिसाइलों को रोकने में पूरी तरह नाकाम रहा।
यही वह बिंदु है, जहां से पाकिस्तान की चिंता और डर शुरू होता है। भारत ने उस समय साफ कर दिया था कि ऑपरेशन सिंदूर को सिर्फ रोका गया है, खत्म नहीं किया गया। इसी बयान ने पाकिस्तान के रणनीतिक हलकों में बेचैनी पैदा कर दी है।
असीम मुनीर का नया डर क्या है?
नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (NDU) में बोलते हुए असीम मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान को अब केवल सैन्य मोर्चे पर ही नहीं, बल्कि साइबर वॉर, आर्थिक युद्ध और सूचना युद्ध (इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर) से भी खतरा है।
उनके अनुसार, अब दुश्मन देश सीधे युद्ध की बजाय अप्रत्यक्ष तरीकों से हमला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विरोधी ताकतें पाकिस्तान की आंतरिक कमजोरियों का फायदा उठा रही हैं और प्रॉक्सी ग्रुप्स के ज़रिए अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रही हैं।
आतंकवाद से जूझता पाकिस्तान
पाकिस्तान पहले से ही अपने पश्चिमी प्रांतों खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवाद की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। वहां आए दिन सुरक्षा बलों पर हमले हो रहे हैं और हालात पूरी तरह नियंत्रण में नहीं हैं।
पाकिस्तानी अधिकारी अक्सर यह आरोप लगाते हैं कि ये सशस्त्र समूह अफगानिस्तान से सीमा पार से संचालित होते हैं और उन्हें भारत का समर्थन हासिल है। हालांकि, भारत और अफगानिस्तान दोनों ने इन आरोपों को बार-बार सिरे से खारिज किया है।
गलत सूचना भी बना “नया हथियार”
असीम मुनीर ने अपने भाषण में यह भी कहा कि गलत सूचना और अफवाहें पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए एक नया और गंभीर खतरा बन गई हैं। इसी तर्क के आधार पर पाकिस्तान में हाल के दिनों में सूचना और मीडिया से जुड़े कड़े कानून बनाए गए हैं।
हालांकि, इन कानूनों को लेकर पाकिस्तान के भीतर ही सवाल उठ रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि सेना इन नियमों का इस्तेमाल आलोचकों की आवाज दबाने और अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचलने के लिए कर रही है।
हार के बाद फील्ड मार्शल, सवालों के घेरे में मुनीर
दिलचस्प बात यह है कि ऑपरेशन सिंदूर के समय असीम मुनीर पाकिस्तान के आर्मी चीफ थे। इस संघर्ष के बाद, जहां पाकिस्तान को रणनीतिक झटका लगा, वहीं मुनीर को फील्ड मार्शल के पद से नवाज़ दिया गया। इसे लेकर भी पाकिस्तान में अंदरखाने सवाल उठते रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पदोन्नति असल में सेना की छवि बचाने और अंदरूनी असंतोष को दबाने की कोशिश थी।
भारत की रणनीति से क्यों डरा है पाकिस्तान?
भारत की नई सैन्य नीति साफ संदेश देती है—
आतंकवाद का जवाब अब सिर्फ बयान नहीं, सीधी कार्रवाई होगी। ऑपरेशन सिंदूर इसी नीति का उदाहरण माना जा रहा है।
पाकिस्तान को डर है कि अगर भविष्य में कोई उकसावे वाली घटना होती है, तो भारत फिर से तेज और सीमित लेकिन निर्णायक हमला कर सकता है। यही वजह है कि पाकिस्तान अब हर मोर्चे पर “तैयारी” की बात कर रहा है।
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