Gita Jayanti: गीता जयंती हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। गीता जयंती हर साल मार्गशीष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आता है। आपको बता दे इस साल गीता जयंती आज यानी 11 दिसंबर को मनाई जा रही हैं। हिन्दू धर्म में गीता का एक अपना महत्वपूर्ण स्थान है ,गीता जयंती के दिन गीता का पाठ करने के कुछ अनोखे फायदे हैं जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे इस लिए आइये जानते हैं गीता पाठ करने के फायदे और गीता जयंती की महत्ता …
Gita Jayanti: श्रद्धालुओं के हृदय से जुड़ा है, गीता
Gita Jayanti: भारतीय धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गीता जयंती मार्गशीष मास के शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन मनाया जाता है। यह सनातन धर्म मानने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। और सनातनी इसका बहुत सम्मान करते हैं क्योंकि यह श्रद्धालुओं के हृदय से जुड़ा हुआ है। आपने यह तो सुना ही होगा यह गीता हमें जीवन के सत्य से अवगत कराती है। और इसमें कर्म, योग, जीवन के दर्शन, भक्ति योग, और ज्ञान योग का विस्तार रूप से वर्णन किया गया है। यह ग्रंथ केवल धार्मिक रूप से ही हमारा मार्गदर्शन नहीं करता है बल्कि जीवन के हर पहलू में हमारा मार्गदर्शन करता है। साथ ही मनुष्य को किस तरह से जीना चाहिए यह सभी विस्तार रूप से गीता में बताया गया है। गीता में सभी सवालों के उत्तर हैं जो एक मनुष्य के मन में उत्पन्न हो सकते हैं। गीता जयंती के दिन लोग गीता का पाठ करते हैं, भजन गाते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा और आराधना करते हैं।
Gita Jayanti: गीता पर्व का महत्व क्यों है ?
Gita Jayanti: इस पर्व का महत्व इसलिए भी है क्योंकि हमें यह जीवन की समस्याओं से लड़ने के लिए प्रेरणा प्रदान करता है। और साथ ही समाधान भी बताता है। इसके अलावा आध्यात्मिक विकास में भी सहायता करता है। आपको बता दें इस साल 11 दिसंबर 2024 को गीता जयंती मनाई जाएगी।
Gita Jayanti: गीता जयंती का शुभ योग
Gita Jayanti: एकादशी तिथि का प्रारंभ 11 दिसंबर 2024 को सुबह 3:42 बजे से होगा वही एकादशी तिथि का समापन 12 दिसंबर 2024 को 1:09 बजे पर हो जाएग। ऐसे में उदयतिथि की माने तो गीता जयंती 11 दिसंबर को मनाई जाएगी।
वही वैदिक पंचांग के अनुसार गीता जयंती के दिन कई सारे शुभ योग भी बन रहे हैं। इस दिन वारियान, रवि और बद्रवास योग का निर्माण होने जा रहा है। साथ ही धार्मिक मान्यता के मुताबिक इन शुभ योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती हैं।
Gita Jayanti: गीता जयंती पूजा विधि क्या है
Gita Jayanti: गीता जयंती वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहने। तत्पश्चात् भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करते हुए उनकी पूजा पूरे विधि विधान से शुरू करें। सूर्य देव को जल देने के पश्चात श्री कृष्ण की मूर्ति या चित्र पर चंदन फूल और दीपक अर्पित करे। फिर भागवत गीता के ग्रंथ को चंदन से तिलक लगाने के बाद गीता कि श्लोक का पाठ शुरू करें और बाद में गीता आरती से पूजा का समापन करें।
Gita Jayanti: गीता पाठ करने के लाभ
Gita Jayanti: शास्त्रों के माने तो गीता का नियमित पाठ करने से मन को शांति मिलती है। और घर में सुख समृद्धि आती है। साथ ही बुरी शक्तियों को दूर करने में भी यह सहायक होता है। गीता धर्म कर्म नीति सफलता सुख और जीवन प्रबंधन के मूल मित्रों से ओत प्रोत है। साथ ही गीता का पाठ करने से जीवन के मूल मंत्रों से हम अवगत होते हैं और यह हमें जीवन की हर कठिन परिस्थिति का सामना करने के लिए शक्ति प्रदान करता है।
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