
Australia Immigration Protest ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों के खिलाफ रैलियाँ, Immigration Policy पर बढ़ा विवाद
Australia Immigration Protest: ऑस्ट्रेलिया (Australia) इन दिनों बड़े सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल से गुजर रहा है। 31 अगस्त 2025 को देशभर में हजारों लोगों ने “March for Australia 2025” नामक रैली में हिस्सा लिया। यह रैलियाँ कथित तौर पर सरकार की Immigration Policy Australia और बढ़ती Cost of Living के खिलाफ थीं, लेकिन इनमें भारतीयों (Indians) और अन्य प्रवासी समुदायों को भी सीधा निशाना बनाया गया।
Sydney और Melbourne में बड़े Protest
रविवार को Sydney Protest और Melbourne Protest सबसे ज्यादा चर्चा में रहे।
- Sydney में 5,000–8,000 लोग “Stop Immigration, Save Nation” और “Aussie First” जैसे नारे लगाते हुए सड़कों पर उतरे।
- वहीं Melbourne Protest में हालात और बिगड़े। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। Pepper Spray और लाठीचार्ज तक की नौबत आ गई। इस दौरान 6 लोग गिरफ्तार हुए और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए।
Brisbane और Adelaide में भी गूंजे नारे
- Brisbane Protest में हजारों लोग शामिल हुए। यहां “Send them home” और “Stop the invasion” जैसे नारे गूंजे।
- Adelaide Protest में करीब 15,000 प्रदर्शनकारी जुटे। यहां माहौल और तनावपूर्ण रहा। एक विवादित बयान के बाद पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया।
भारतीय प्रवासियों पर खास फोकस
इस Anti Indian Rally in Australia में प्रचार सामग्री और बैनरों पर खासतौर पर भारत का नाम सामने आया। आयोजकों का दावा था कि “पिछले 5 वर्षों में Indian Students in Australia और प्रवासी भारतीयों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ी है कि यह ग्रीक और इतालवी समुदाय से भी ज्यादा हो गई है।”
इसे कई प्रदर्शनकारी Cultural Replacement बता रहे थे। यानी उन्हें लगता है कि भारतीयों और एशियाई प्रवासियों की बढ़ती संख्या ऑस्ट्रेलियाई पहचान और संस्कृति के लिए खतरा है।
Government का बयान
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इन रैलियों की कड़ी निंदा की। Labor Party Minister Murray Watt ने इन्हें “नफरत फैलाने वाली और Neo-Nazi विचारधारा से जुड़ी रैलियाँ” बताया। सरकार का कहना है कि Immigration Policy Australia देश की आर्थिक और सामाजिक ज़रूरतों को ध्यान में रखकर बनाई जाती है, और प्रवासियों ने देश की प्रगति में अहम योगदान दिया है।
Counter Protest और Community की प्रतिक्रिया
इन रैलियों के खिलाफ भी कई संगठन सामने आए। Refugee Action Coalition और प्रवासी समूहों ने Counter Protest आयोजित किया। उनका कहना है कि ऑस्ट्रेलिया एक Multicultural Nation है और ऐसे नारे देश को बांटने का काम करेंगे।
कई सामुदायिक नेताओं ने इन घटनाओं की तुलना पुरानी White Australia Policy से की। उनका कहना है कि इस तरह की रैलियाँ भारतीयों (Indians in Australia) और अन्य प्रवासियों के बीच डर और असुरक्षा का माहौल बना रही हैं।
Indian Students और Migrants की चिंता
Indian Students in Australia और कामकाजी प्रवासी भारतीयों के बीच चिंता की लहर है। शिक्षा और नौकरी के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने वाले युवाओं को डर है कि कहीं यह माहौल उनके लिए मुश्किलें न बढ़ा दे।
भारतीय समुदाय से जुड़े कई संगठनों ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से अपील की है कि वह प्रवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और Anti Indian Rally in Australia जैसे प्रदर्शनों पर सख्ती से कार्रवाई करे।
Economic Pressure और Political Agenda
विशेषज्ञों का मानना है कि इन रैलियों के पीछे सिर्फ प्रवासी-विरोधी भावना नहीं, बल्कि बढ़ती Unemployment और Cost of Living Crisis भी बड़ा कारण है।
- ऑस्ट्रेलिया में पिछले दो वर्षों में मकान, किराया और रोज़मर्रा की ज़रूरतों की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं।
- सरकार की आव्रजन नीतियों को लेकर विपक्ष भी लगातार हमला बोल रहा है।
कुछ विश्लेषक मानते हैं कि इन रैलियों के जरिए दाएँपंथी समूह 2026 के चुनावों के लिए Political Agenda सेट करने की कोशिश कर रहे हैं।
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