Badlapur Rape Case Encounter: Badlapur Rape Case के 24 वर्षीय आरोपी Akshay Shinde की सोमवार शाम को पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मौत हो गई। यह घटना तब घटी जब उसे तलोजा सेंट्रल जेल से ठाणे क्राइम ब्रांच ले जाया जा रहा था।
मुम्ब्रा बाइपास के पास हुए Badlapur Rape Case Encounter ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। इस बीच, Akshay Shinde के पिता ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने मुठभेड़ को फर्जी करार दिया है।
पुलिस के अनुसार, शिंदे, जिस पर पिछले महीने Badlapur में दो नर्सरी छात्रों के यौन शोषण का आरोप था, ने यात्रा के दौरान हिंसक व्यवहार किया और सहायक पुलिस निरीक्षक (API) निलेश मोरे की सर्विस पिस्टल छीन ली। पुलिस का दावा है कि शिंदे ने तीन गोलियां चलाईं, जिनमें से एक ने API मोरे को जांघ में घायल कर दिया। आत्मरक्षा में, वरिष्ठ निरीक्षक संजय शिंदे ने एक गोली चलाई, जिससे आरोपी की मौत हो गई।
वरिष्ठ निरीक्षक संजय शिंदे ने बताया कि रास्ते में अक्षय शिंदे आक्रामक हो गया था। उन्होंने कहा, “वह अधिकारियों को गाली दे रहा था और पूछ रहा था कि उसे फिर से क्यों ले जाया जा रहा है।” संघर्ष के दौरान, शिंदे ने API मोरे की पिस्तौल छीन ली और अधिकारियों पर गोलियां चला दीं। शिंदे ने कहा कि अपनी और अपने साथियों की जान बचाने के लिए उन्होंने एक गोली चलाई, जिससे अक्षय शिंदे घायल हो गया और अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया।
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ToggleBadlapur Rape Case Encounter पर फर्जी मुठभेड़ के आरोप
अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि पुलिस ने उनके बेटे की फर्जी मुठभेड़ में हत्या की। याचिका में विशेष जांच टीम (SIT) द्वारा Badlapur Rape Case Encounter मामले की न्यायिक निगरानी में जांच की मांग की गई है। परिवार का कहना है कि हत्या पूर्वनियोजित थी, क्योंकि मुठभेड़ के समय अक्षय शिंदे पुलिस हिरासत में था।
जे.जे. अस्पताल में किए गए पोस्टमॉर्टम से पता चला कि शिंदे के सिर में एक गोली लगी थी, जिससे उसकी मौत “रक्तस्राविक शॉक” और “रक्तस्राव” के कारण हुई। फोरेंसिक टीमों ने मुठभेड़ स्थल से चार खाली कारतूस और ब्लड सैम्पल्स बरामद किए। पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी की गई है और जांच के लिए नमूने फोरेंसिक परीक्षण हेतु भेजे गए हैं, जिसमें गनशॉट के अवशेषों की जांच भी शामिल है।
परिवार ने उच्च न्यायालय से मामले की तत्काल जांच की मांग की है ताकि सबूतों के साथ छेड़छाड़ न हो।
Badlapur Rape Case Encounter का पुलिसिया विवरण
पुलिस ने दावा किया है कि आत्मरक्षा में गोली चलाई गई थी, क्योंकि अक्षय शिंदे ने तीन गोलियां चलाई थीं, जिनमें से एक ने API मोरे को घायल कर दिया था। इंस्पेक्टर संजय शिंदे ने कहा, “वह हमें मारने की धमकी दे रहा था।” संजय शिंदे ने बताया कि अक्षय ने पुलिसकर्मियों पर दो गोलियां चलाईं लेकिन निशाना चूक गया। इसके बाद आत्मरक्षा में एक गोली चलाई गई, जिससे आरोपी ढेर हो गया।
API निलेश मोरे का इलाज जुपिटर अस्पताल में चल रहा है, और पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि वह खतरे से बाहर हैं।
राजनीतिक विवाद और जांच की मांग
इस मुठभेड़ ने महाराष्ट्र में राजनीतिक बवाल मचा दिया है, और विपक्षी दलों ने स्वतंत्र जांच की मांग की है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पुलिस कार्रवाई का बचाव किया है और इसे “ईश्वर का न्याय” कहा है। कुछ बीजेपी नेताओं ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि मुठभेड़ पर सवाल उठाने वाले “अर्बन नक्सलियों” जैसी बयानबाजी कर रहे हैं।
वहीं, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन, जिसमें शिवसेना (UBT), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस शामिल हैं, ने Badlapur Rape Case Encounter घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। विपक्ष का तर्क है कि राज्य में बढ़ती मुठभेड़ों से कानून व्यवस्था और न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल खड़े होते हैं।
फोरेंसिक जांच और CID की जांच
महाराष्ट्र की अपराध जांच विभाग (CID) इस मामले की जांच का जिम्मा संभालेगी। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने पुलिस वाहन की जांच की जिसमें शिंदे को गोली मारी गई थी। घटनास्थल से महत्वपूर्ण सबूत जैसे गोलियों के खोखे और रक्त के नमूने जुटाए गए हैं। पुलिस ने इस मामले में दो केस दर्ज किए हैं—एक आकस्मिक मृत्यु रिपोर्ट और दूसरा हत्या के प्रयास का मामला, जो शिंदे द्वारा अधिकारियों पर गोली चलाने के लिए दर्ज किया गया है।
अंतिम संस्कार की तैयारी
Badlapur Rape Case Encounter के बाद सार्वजनिक आक्रोश को देखते हुए, Badlapur में स्थानीय अधिकारियों ने अक्षय शिंदे के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी है। पहले तो रिश्तेदारों ने शव लेने से इनकार कर दिया था, लेकिन बाद में पुलिस सुरक्षा में अंतिम संस्कार करने पर सहमति बनी। पुलिस सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि परिवार को रात में अंतिम संस्कार करने का अनुरोध किया जा सकता है ताकि किसी प्रकार की अशांति से बचा जा सके। इसके लिए दो श्मशान घाटों का निरीक्षण किया गया है, जहां अंतिम संस्कार हो सकता है।
अब Badlapur Rape Case Encounter केस में CID की जांच और बॉम्बे हाई कोर्ट की सुनवाई के निष्कर्ष महत्वपूर्ण होंगे। जहां पुलिस आत्मरक्षा का दावा कर रही है, वहीं परिवार की “फर्जी मुठभेड़” की आरोपों ने Badlapur Rape Case Encounter घटना पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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