
Bareilly Violence Case तौकीर रज़ा के करीबी नदीम समेत 29 उपद्रवी जेल भेजे गए, SIT Investigation जारी
Bareilly Violence में तौकीर रज़ा के करीबी नदीम गिरफ्तार। Police Wireless Handset बरामद। SIT Investigation जारी, 29 Rioters Arrested।
बरेली में हाल ही में भड़की हिंसा (Bareilly Violence) को लेकर पुलिस और प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। तौकीर रज़ा के करीबी और पूर्व IMC जिला अध्यक्ष नदीम पर गंभीर आरोप लगते हुए पुलिस ने उसे समेत कुल 29 उपद्रवियों (Rioters Arrested) को जेल भेज दिया है। इस पूरे मामले ने प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है।
भीड़ को भड़काने का आरोप
पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार की नमाज़ के बाद अचानक माहौल बिगड़ा और भीड़ ने हिंसक रूप ले लिया। इस दौरान नदीम पर आरोप है कि वह Mob Incitement की अगुवाई कर रहा था। चश्मदीद गवाहों और वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिस का दावा है कि नदीम ने भीड़ को न केवल उकसाया बल्कि वह मौके पर सक्रिय भूमिका में नजर आया।
पुलिस Wireless Handset की बरामदगी
इस पूरे घटनाक्रम का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह रहा कि जब पुलिस ने नदीम को हिरासत में लिया तो उसके पास से एक Police Wireless Handset बरामद किया गया। प्रशासन का कहना है कि यह हैंडसेट हिंसा के दौरान छीन लिया गया था। पुलिस अब इसकी फोरेंसिक जांच करवा रही है ताकि यह पता चल सके कि इसका इस्तेमाल भीड़ को निर्देश देने या संचार बाधित करने के लिए किया गया था या नहीं।
SIT Investigation का गठन
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत एक SIT Investigation टीम बनाई है। इस SIT का नेतृत्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कर रहे हैं और इसका मकसद पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश करना है। SIT यह जांच करेगी कि आखिर किन-किन लोगों ने हिंसा की योजना बनाई और कौन-कौन इसमें शामिल थे।
दुकानों की सीलिंग और इंटरनेट सेवा बंद
हिंसा के बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए 74 दुकानों को सील कर दिया है। पुलिस का कहना है कि इन दुकानों का इस्तेमाल भीड़ जुटाने और पथराव करने वालों को छिपाने के लिए किया गया था। वहीं, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवा अस्थायी रूप से बंद कर दी गई।
राजनीतिक कनेक्शन पर सवाल
चूंकि नदीम को Tauqeer Raza का करीबी माना जाता है, इसीलिए अब पूरे मामले का राजनीतिक एंगल भी चर्चा में है। विपक्षी दल सरकार पर सवाल उठा रहे हैं कि प्रशासन केवल एक समुदाय को टारगेट कर रहा है, जबकि सरकार का कहना है कि कार्रवाई केवल सबूतों और कानून के आधार पर हो रही है।
जनता में खौफ़ और प्रशासन की तैयारी
घटना के बाद स्थानीय लोग काफी डरे हुए हैं। बाज़ारों में सन्नाटा है और सुरक्षा के लिए RAF व PAC की भारी तैनाती की गई है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई और हिंसा फैलाने की कोशिश करेगा तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी।
कोर्ट में पेशी और आगे की प्रक्रिया
सभी 29 उपद्रवियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने अदालत को बताया कि और भी कई आरोपियों की तलाश की जा रही है और आने वाले दिनों में गिरफ्तारी की संख्या और बढ़ सकती है।
Bareilly Violence पर सरकार का रुख
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस घटना को प्रदेश की शांति भंग करने की साज़िश बताया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी दोषी को बख्शा न जाए। साथ ही, पुलिस अधिकारियों को मामले की मॉनिटरिंग लगातार करने और हर रिपोर्ट सीधे लखनऊ भेजने को कहा गया है।
सोशल मीडिया पर बहस
Bareilly Violence का मुद्दा सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड कर रहा है। लोग इसे धार्मिक भावना से जोड़कर देख रहे हैं, वहीं कुछ इसे पूरी तरह राजनीतिक षड्यंत्र मान रहे हैं। हालांकि प्रशासन का कहना है कि जांच पूरी होने तक किसी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाजी होगी।