Bengaluru Airport Namaz: बेंगलुरु में बवाल, बीजेपी ने सरकार से पूछा ,“हाई सिक्योरिटी जोन में ये कैसे हुआ?”
Bengaluru Airport Namaz: बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Kempegowda International Airport) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में कुछ लोग टर्मिनल-2 (T2) के अंदर खुले में नमाज अदा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में बवाल मच गया है।
बीजेपी नेताओं ने इसे सुरक्षा नियमों की अनदेखी बताते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है, वहीं कर्नाटक सरकार अब एयरपोर्ट पर धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों पर बैन लगाने की तैयारी में है।
Kempegowda Airport Controversy
सोशल मीडिया पर यह वीडियो रातोंरात वायरल हो गया। इसमें 4-5 लोग एयरपोर्ट के T2 टर्मिनल में फर्श पर बैठकर नमाज पढ़ते दिख रहे हैं।
आसपास एयरपोर्ट स्टाफ और सुरक्षा कर्मी भी दिखाई दे रहे हैं, लेकिन किसी ने उन्हें रोका नहीं।
सूत्रों के अनुसार, नमाज पढ़ने वाले लोग मक्का जाने वाले यात्रियों के परिजन थे, जो उन्हें विदा करने आए थे।
एयरपोर्ट में पहले से ही एक निर्धारित नमाज रूम (Prayer Room) मौजूद है, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक जगह पर नमाज अदा की, जिससे यह विवाद खड़ा हुआ।
बीजेपी ने उठाए सवाल
वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी नेता विजय प्रसाद ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “बेंगलुरु एयरपोर्ट एक हाई-सिक्योरिटी जोन है। क्या यहां धार्मिक कार्यक्रमों की अनुमति दी जा सकती है?
क्या इन लोगों ने पहले से किसी अधिकारी से इजाज़त ली थी?”
उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और आईटी मंत्री प्रियांक खरगे को टैग करते हुए लिखा कि सरकार आरएसएस की पथ संचलन जैसी गतिविधियों पर रोक लगाती है, लेकिन इस तरह की घटनाओं पर आंख मूंद लेती है।
विजय प्रसाद ने आगे कहा कि,“यह सिर्फ धार्मिक मामला नहीं है, बल्कि यह सुरक्षा का बड़ा खतरा भी है।
अगर कोई भीड़ या समूह बिना अनुमति के हाई-सिक्योरिटी एरिया में एकत्र हो सकता है, तो कल को कोई इसका गलत फायदा भी उठा सकता है।”
कांग्रेस सरकार की सफाई
इस विवाद पर कर्नाटक सरकार ने कहा है कि मामला जांच के अधीन है और एयरपोर्ट प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है। सरकार ने माना कि “एयरपोर्ट एक संवेदनशील इलाका है, और वहां किसी भी धार्मिक या राजनीतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं होनी चाहिए।”
सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार अब एयरपोर्ट परिसर में धार्मिक और राजनीतिक गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है।
नया दिशा-निर्देश (Guideline) जल्द जारी किया जा सकता है, जिसमें सभी एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और सरकारी भवनों को नो-रिलिजियस जोन घोषित किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर तीखी बहस
इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंट गया है।
कुछ लोगों का कहना है कि “अगर कोई शांति से नमाज पढ़ रहा है, तो उसमें दिक्कत क्या है?”
वहीं, दूसरे पक्ष का तर्क है कि “सार्वजनिक जगहों, खासकर एयरपोर्ट जैसे हाई-सिक्योरिटी जोन में धार्मिक गतिविधियां करना गलत है।”
कई यूज़र्स ने लिखा कि अगर किसी को नमाज पढ़नी ही थी, तो एयरपोर्ट के अंदर मौजूद नमाज रूम का इस्तेमाल करना चाहिए था।
वहीं, कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि “क्या अब बाकी धर्मों के लोग भी वहां पूजा या आरती कर सकते हैं?”
विपक्ष का पलटवार
कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा,
“बीजेपी हर चीज़ को हिंदू-मुस्लिम रंग देने में जुटी रहती है।
यहां कुछ लोग अपने परिजनों के लिए दुआ कर रहे थे, इसमें सुरक्षा खतरे की बात करना बेमानी है।”
हालांकि विपक्ष के इस बयान से विवाद और बढ़ गया है। बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि, “धर्म चाहे कोई भी हो, नियम सबके लिए समान होने चाहिए।
अगर आरएसएस की पथ संचलन पर रोक लगाई जा सकती है, तो एयरपोर्ट में नमाज पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए।”
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
वीडियो वायरल होने के बाद एयरपोर्ट सिक्योरिटी और CISF ने स्थिति का जायज़ा लिया है। अधिकारियों ने कहा कि “ऐसी घटनाओं को दोबारा नहीं होने दिया जाएगा।”
अब सभी यात्रियों और आगंतुकों के लिए नए सुरक्षा निर्देश जारी किए जा रहे हैं, जिनमें धार्मिक अनुष्ठान, भीड़ इकट्ठा करना और वीडियो रिकॉर्डिंग पर रोक लगाई जा सकती है।
अब क्या होगा आगे?
कर्नाटक सरकार ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में वह सभी सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगाने का आदेश जारी कर सकती है। यह आदेश केवल मुस्लिम समुदाय तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सभी धर्मों पर लागू होगा — यानी न पूजा, न नमाज, न कोई धार्मिक सभा।
इस कदम का उद्देश्य होगा “सार्वजनिक स्थानों को तटस्थ और सुरक्षित बनाए रखना।”
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