
Big allegation by Rahul Gandhi: Election Commission और बीजेपी की मिलीभगत से हुई वोट चोरी, 40 लाख फर्जी वोटर!
Big allegation by Rahul Gandhi: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर देश की चुनावी प्रक्रिया पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। गुरुवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने सीधे-सीधे Election Commission और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने कहा कि हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बड़ी संख्या में फर्जी वोटिंग हुई है, जिससे चुनाव नतीजों को प्रभावित किया गया। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में 40 लाख से अधिक फर्जी वोटर जोड़े गए, जिनका नाम चुनावी सूची में कैसे और किस आधार पर जोड़ा गया, यह आज तक साफ नहीं किया गया है।
एग्जिट पोल कुछ और, नतीजे कुछ और!
राहुल गांधी ने कहा,
“महाराष्ट्र में एग्जिट पोल के नतीजे कांग्रेस और गठबंधन के पक्ष में थे, लेकिन जब परिणाम आए तो पूरा परिदृश्य बदल गया। ये कैसे संभव है कि पांच महीने में पांच साल जितने वोटर जुड़ जाते हैं, और चुनाव आयोग इसका कोई जवाब नहीं देता?”
राहुल का कहना है कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग से बार-बार डिजिटल वोटर लिस्ट की मांग की, लेकिन आयोग ने यह सूची देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इसके बाद उनकी टीम ने खुद छह महीने तक दस्तावेज खंगाले और चौंकाने वाले सबूत जुटाए।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया – हलफनामा दो, कोर्ट जाओ!
राहुल गांधी के इन गंभीर आरोपों पर Election Commission ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने कहा कि अगर राहुल गांधी के पास कोई सबूत हैं, तो वे उन्हें हलफनामे के रूप में प्रस्तुत करें। साथ ही आयोग ने स्पष्ट किया कि इस तरह के आरोपों को केवल उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है, न कि मीडिया या जनसभाओं के माध्यम से।
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को “गंभीर और लोकतंत्र के लिए खतरनाक” बताते हुए कहा कि सार्वजनिक मंच से इस तरह के आरोप बिना प्रमाण के लगाना संवैधानिक संस्थाओं की साख पर हमला है।
कर्नाटक और बेंगलुरु सेंट्रल का भी उदाहरण दिया
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया कि उनकी पार्टी का आंतरिक सर्वेक्षण कह रहा था कि कर्नाटक में कांग्रेस को 16 सीटें मिलेंगी। लेकिन असल में पार्टी को केवल 9 सीटें मिलीं। उन्होंने खासतौर पर बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट का ज़िक्र किया, जहां केवल एक विधानसभा सीट – महादेवपुरा – से भारी वोटिंग के कारण बीजेपी को जीत मिली।
उनका दावा है कि महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख फर्जी वोटर बनाए गए, जिसकी वजह से कांग्रेस की हार हुई।
क्या ये लोकतंत्र पर हमला है?
राहुल गांधी ने कहा कि अगर चुनाव आयोग ने इस पर एक्शन नहीं लिया, तो इसका मतलब है कि हमारी लोकतांत्रिक संस्थाएं निष्क्रिय हो चुकी हैं या फिर सत्ता के दबाव में काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर न केवल कानूनी लड़ाई लड़ेगी, बल्कि जनजागरण अभियान भी चलाएगी ताकि देश का हर नागरिक समझ सके कि उसके वोट के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ हो रहा है।
सवालों के घेरे में लोकतंत्र
इस पूरे घटनाक्रम ने देश की चुनावी प्रक्रिया, पारदर्शिता और लोकतंत्र को एक बार फिर से कटघरे में खड़ा कर दिया है। अगर विपक्ष के आरोप सही साबित होते हैं, तो यह भारत के लोकतंत्र के इतिहास का सबसे बड़ा चुनावी घोटाला हो सकता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
चुनावी विश्लेषक प्रो. अजीत रंजन कहते हैं –
“राहुल गांधी के आरोपों की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अगर 40 लाख फर्जी वोटर वाकई मौजूद हैं, तो यह चुनाव की वैधता को चुनौती देता है।”
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