राजनीतिक इतिहास में एक नए मुकाम की ओर बढ़ते हुए, नीतीश कुमार 25 सालों में रिकॉर्ड दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं।
Bihar CM: राजनीतिक इतिहास में एक नए मुकाम की ओर बढ़ते हुए, नीतीश कुमार 25 सालों में रिकॉर्ड दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। यह शपथग्रहण समारोह 20 नवंबर, 2025 को पटना के गांधी मैदान में आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के कई बड़े नेता और केंद्रीय हस्तियां शामिल होंगी, जिससे उनकी राजनीतिक पकड़ और नेतृत्व के महत्व की एक बार फिर पुष्टि होगी।
Bihar CM: नीतीश की वापसी का सियासी निहितार्थ
नीतीश कुमार को हालिया विधानसभा चुनाव में एनडीए की बड़े बहुमत की जीत के बाद फिर से मुख्यमंत्री पद की पेशकश की गई। उन्होंने गठबंधन नेताओं के समर्थन के बाद अपनी बागडोर की दावेदारी गवर्नर को सौंप दी है और नई सरकार बनाने की प्रक्रियाएं शुरू हो चुकी हैं। यह उनके राजनीतिक करियर का एक महत्वपूर्ण अध्याय माना जा रहा है, क्योंकि लगातार दसवीं बार मुख्यमंत्री बनना किसी भी अन्य नेता के लिए आसानी से हासिल नहीं होने वाली उपलब्धि है।
उनकी संभावित मंत्रिमंडल संरचना में इस बार कुछ नए और चर्चित चेहरे उठकर सामने आ रहे हैं। माना जा रहा है कि रामकृपाल यादव, श्रेयसी सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाया जा सकता है। अगर यह सच हुआ, तो यह सिर्फ अनुभव और युवा ऊर्जा का मिश्रण ही नहीं होगा, बल्कि गठबंधन समीकरणों को भी नया आयाम मिलेगा।
Bihar CM: नए चेहरे रामकृपाल यादव, श्रेयसी सिंह और दीपक प्रकाश
रामकृपाल यादव: दानापुर विधानसभा सीट से जीतने के बाद रामकृपाल यादव का नाम मंत्री पद के दावेदारों में जोर पकड़ रहा है। उनका राजनीतिक अनुभव और क्षेत्रीय आधार उन्हें कैबिनेट में शामिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प बनाता है।
श्रेयसी सिंह: जमुई की विधायक और अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज श्रेयसी सिंह को भी मंत्री पद की चर्चा में रखा जा रहा है। उनकी अचानक लोकप्रियता और युवा नेतृत्व क्षमता को देखते हुए उनकी नियुक्ति से सरकार में नई ऊर्जा और सामाजिक विविधता आएगी।
दीपक प्रकाश: खास चर्चा में है कि उपेंद्र कुशवाहा के बेटे, दीपक प्रकाश, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के कोटे से बिना चुनाव जीते ही मंत्री बनने की राह पर हैं। दीपक ने हालिया विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था और वे विधायक भी नहीं हैं, लेकिन अनुमान है कि उन्हें विधान परिषद के जरिये कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। यह कदम गठबंधन की अंदरूनी राजनीति को भी संतुलित करने वाला माना जा रहा है।
Bihar CM: कैबिनेट विस्तार
इन नामों के अलावा, अनुमान है कि न्यूनतम 20 मंत्री शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। गठबंधन ने कैबिनेट में विभिन्न पार्टियों को प्रतिनिधित्व देने की योजना बनाई है जिसमें जेडीयू, भाजपा, LJP (Ram Vilas), HAM (Secular) और RLM जैसे घटक शामिल हैं। मंत्री पदों का विभाजन सीटों की संख्या के अनुपात में तय करने की रणनीति पूरी हो चुकी है।
विशेष रूप से, RLM को कम-गिनती में एक मंत्री पद मिलने की संभावना है, और उस कैटेगरी में दीपक प्रकाश की एंट्री एक संकेत मानी जा रही है कि गठबंधन ने युवा पीढ़ी और स्थानीय नेतृत्व को आगे लाने का फैसला किया है।
Bihar CM: राजनीतिक संदेश और चुनौतियाँ
नीतीश कुमार की यह वापसी सिर्फ व्यक्तिगत जीत नहीं है। यह एनडीए की सियासी मजबूती और बिहार में उनकी लोकप्रियता का ताजा प्रमाण है। उनके नेतृत्व में जिस तरह के चेहरे मंच पर आ रहे हैं, उससे यह साफ़ संकेत मिलता है कि गठबंधन अनुभव और नए दम के बीच संतुलन बनाना चाहता है। हालांकि, चुनौतियाँ भी कम नहीं हैं। समाजिक संतुलन बनाए रखना, रामकृपाल यादव और श्रेयसी सिंह जैसे नाम सामाजिक विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन उनकी जिम्मेदारियों और विभागों के चयन में संतुलन बनाए रखना तय करना होगा।
नवागंतुकों की परीक्षा: दीपक प्रकाश जैसे नए चेहरे की मंत्री पद पर नियुक्ति उन्हें एक बड़ी ज़िम्मेदारी देती है। उन्हें जनता और पार्टी दोनों को यह भरोसा देना होगा कि वे असरदार भूमिका निभा सकते हैं।
गठबंधन दबाव और विभागीय आवंटन: कैबिनेट बंटवारे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सभी घटक पार्टियों को संतुष्ट करने वाली हिस्सेदारी मिले और विभागों का आवंटन गठबंधन की रणनीति को प्रतिबिंबित करे।
Bihar CM: नतीजा
20 नवंबर का शपथग्रहण समारोह बिहार की राजनीति के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। नीतीश कुमार की दसवीं शपथ उनके लंबे राजनैतिक सफर का प्रतीक है, जबकि रामकृपाल यादव, श्रेयसी सिंह और दीपक प्रकाश जैसे नाम उनकी नई टीम को ताजगी, गठबंधन संतुलन और युवा नेतृत्व के साथ मजबूत करने की दिशा में उनके दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस नए सरकार में किस प्रकार का मंत्रिमंडल आकार लेता है और ये रणनीतिक फैसले बिहार की अगली राजनीतिक और विकास यात्रा को कैसे दिशा देंगे।
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