करिश्मा राय पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती और मंत्री चंद्रिका राय के बड़े भाई विधान चंद्र राय की बेटी है।
Bihar election: बिहार की परसा विधानसभा सीट फिर से सुर्खियों में है। इसकी वजह है राजद सुप्रीमो लालू यादव का एक खास फैसला। दरअसल उन्होंने परसा सीट से अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की साली डॉक्टर करिश्मा राय को टिकट दे दिया है। करिश्मा राय पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती और मंत्री चंद्रिका राय के बड़े भाई विधान चंद्र राय की बेटी है।
परिवारवाद का असर बिहार की राजनीति में है या नहीं इस बात को तो जनता तय करेगी। लेकिन करिश्मा राय की एंट्री से लालू परिवार में हलचल जरूर मच गई है। जहां से कभी उनके चाचा चंद्रिका राय विधायक रहे थे। हालांकि वे अब जदयू में शामिल हो चुके हैं जबकि राजद ने अब उन्हीं के परिवार की दूसरी पीढ़ी करिश्मा राय पर दाव खेला है।
Bihar election: क्या है परसा सीट का इतिहास ?
बिहार की राजनीति में परसा सीट हमेशा से चर्चा का विषय रही है। परसा विधानसभा सीट हमेशा से लालू परिवार के आस-पास घूमती है। 2020 के चुनाव में यहां से राजद के छोटे लाल राय ने जीत हासिल की थी लेकिन बाद उन्होंने राजद का साथ छोड़ दिया और जेडीयू में शामिल हो गए। और अब 2025 के चुनाव में परसा सीट के लिए मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। एक तरफ लालू परिवार की नई प्रतिनिधि करिश्मा राय होगी तो दूसरी तरफ वही छोटेलाल राय जो कभी राजद के टिकट पर परसा सीट से जीते थे।
Bihar election: करिश्मा राय का राजनीतिक करियर
करिश्मा राय पेशे से डॉक्टर है। उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद समाज सेवा को चूना और 2020 में ऑफीशियली आरजेडी में शामिल हुई। पार्टी में उनकी एंट्री तेजस्वी यादव की मौजूदगी में पटना में एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी। करिश्मा खुद को राजनीति के जरिए समाज में सुधार लाने वाली ‘डॉक्टर’ कहती हैं। इसके अलावा वह महिलाओं की सुरक्षा, ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर सक्रिय रही है और उनके खिलाफ हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर आवाज उठाई है।
Bihar election: बीते चुनाव में क्या हुआ था?
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में सारण जिले की परसा सीट से राजद के छोटे लाल राय ने जीत हासिल की थी। दूसरे नंबर पर जदयू के प्रत्याशी और तेज प्रताप यादव के ससुर पूर्व मंत्री चंद्रिका राय रहे। उन्होंने 17293 वोटो के अंतर से जीत दर्ज की थी। इस सीट पर लगभग 57.7% मतदान हुआ था। यह सीट पहले से ही आरजेडी के कब्जे में थी।
2015 में चंद्रिका राय ने इस सीट से जीत हासिल की थी फिर बाद में वह जदयू में शामिल हो गए थे।
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