मोकामा विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले बाढ़ इलाके में गुरुवार देर रात दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
Bihar election violence: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले राज्य की सियासत में सनसनी फैलाने वाला मामला सामने आया है। मोकामा विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले बाढ़ इलाके में गुरुवार देर रात दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद हमलावरों ने उन पर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। इस वारदात ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। परिजनों ने इस हत्या के लिए बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर आरोप लगाया है। पुलिस ने इस मामले में अनंत सिंह समेत चार लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
Bihar election violence: घटना का पूरा विवरण
जानकारी के मुताबिक, मृतक दुलारचंद यादव अपने गांव नेहालपुर से घर लौट रहे थे, तभी देर रात कुछ लोगों ने उन्हें रास्ते में रोका। चश्मदीदों के अनुसार, हमलावरों ने पहले उनसे किसी बात पर बहस की और फिर अचानक फायरिंग शुरू कर दी। गोली लगते ही दुलारचंद जमीन पर गिर पड़े, लेकिन हमलावर यहीं नहीं रुके। उन्होंने अपनी SUV से दुलारचंद पर गाड़ी चढ़ा दी और फरार हो गए।
मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। हत्या की खबर फैलते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई। सैकड़ों लोग रात भर थाने के बाहर जुटे रहे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते रहे।
Bihar election violence: अनंत सिंह पर सीधे आरोप
मृतक के परिजनों ने थाने में दिए बयान में कहा कि दुलारचंद हाल ही में मोकामा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी अनंत सिंह के खिलाफ प्रचार कर रहे थे। उनका झुकाव एनडीए के उम्मीदवार की ओर था, जिससे अनंत सिंह के समर्थक नाराज थे। परिजनों का आरोप है कि चुनावी रंजिश के चलते ही यह हत्या कराई गई।
दुलारचंद के बेटे पंकज यादव ने कहा, “मेरे पिता हमेशा मोकामा के विकास की बात करते थे। उन्होंने किसी से दुश्मनी नहीं की। लेकिन कुछ लोगों को यह बात पसंद नहीं आई। उन्हें पहले धमकियाँ मिल रही थीं, पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अगर पुलिस ने पहले ही ध्यान दिया होता, तो आज मेरे पिता जिंदा होते।”
Bihar election violence: पुलिस ने क्या कहा
बाढ़ के एसडीपीओ सौरभ कुमार ने बताया कि मामले में नामजद आरोपियों में अनंत सिंह के अलावा तीन अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। पुलिस ने घटनास्थल से कारतूस के कई खोखे बरामद किए हैं और इलाके की CCTV फुटेज खंगाली जा रही है।
एसडीपीओ ने कहा, “यह मामला बेहद संवेदनशील है क्योंकि चुनावी माहौल चल रहा है। हमने चार टीमों का गठन किया है जो आरोपी की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही हैं। जल्द ही सभी को गिरफ्तार किया जाएगा।”
Bihar election violence: सियासी बयानबाजी तेज
इस घटना के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है। जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “यह साफ दिखाता है कि कुछ उम्मीदवार चुनाव जीतने के लिए हिंसा का सहारा ले रहे हैं। प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ऐसे लोगों को सबक मिले।”
वहीं राजद की ओर से बयान आया है कि यह सरकार की नाकामी का नतीजा है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, “अगर कानून व्यवस्था ठीक होती, तो कोई इस तरह खुलेआम हत्या करने की हिम्मत नहीं करता। बिहार में अपराधी बेलगाम हो चुके हैं।”
Bihar election violence: चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट
घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य चुनाव आयोग ने भी संज्ञान लिया है। आयोग ने पटना जिला प्रशासन से पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। साथ ही सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि आगामी वोटिंग के दौरान किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए संवेदनशील इलाकों में विशेष निगरानी रखी जाए।
Bihar election violence: मोकामा का विवादित इतिहास
मोकामा सीट लंबे समय से बाहुबली नेताओं के प्रभाव में रही है। अनंत सिंह इस सीट से कई बार विधायक रह चुके हैं और उनका नाम पहले भी कई आपराधिक मामलों में आ चुका है। हालांकि, हर बार वे खुद को निर्दोष बताते रहे हैं। अब इस ताजा हत्या के बाद एक बार फिर उनका नाम विवादों में है, जिससे मोकामा का राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है।
Bihar election violence: जनता में डर और गुस्सा
इलाके के लोगों में गहरा आक्रोश है। शुक्रवार सुबह बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने मोकामा-बाढ़ रोड पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। लोगों ने कहा कि अगर आरोपी जल्दी नहीं पकड़े गए तो वे चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
गांव के बुजुर्ग हरिनारायण यादव ने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि चुनाव से पहले ऐसा खून-खराबा होगा। अब तो लोग घर से बाहर निकलने से डर रहे हैं। सरकार को सख्ती दिखानी होगी।”
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