लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव को खुद अपनी ही पार्टी के समर्थकों ने सभा स्थल से खदेड़ दिया।
Bihar politics: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सियासी तापमान भी चरम पर पहुंच गया है। बुधवार को बिहार की राजनीति में बड़ा हंगामा उस वक्त मच गया जब आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव को खुद अपनी ही पार्टी के समर्थकों ने सभा स्थल से खदेड़ दिया। घटना वैशाली जिले के महनार विधानसभा क्षेत्र की बताई जा रही है, जहां तेज प्रताप एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे।
Bihar politics: “तेजस्वी जिंदाबाद” के नारों के बीच तेज प्रताप को निकालना पड़ा मंच से
जानकारी के मुताबिक, तेज प्रताप यादव जैसे ही मंच पर पहुंचे, कुछ कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। भीड़ में मौजूद तेजस्वी समर्थकों ने “तेजस्वी जिंदाबाद” और “मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव” के नारे लगाने शुरू कर दिए। धीरे-धीरे माहौल इतना गर्म हो गया कि तेज प्रताप को कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर बाहर निकलना पड़ा।
स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, नाराज समर्थकों ने तेज प्रताप की गाड़ी पर पत्थर फेंके, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया। सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह हालात को संभाला और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। हालांकि, इस दौरान किसी के घायल होने की खबर नहीं है।
Bihar politics: पार्टी के भीतर बढ़ी खींचतान
आरजेडी परिवार के भीतर मतभेदों की चर्चा लंबे समय से होती रही है, लेकिन इस घटना ने उस दरार को एक बार फिर उजागर कर दिया। तेज प्रताप यादव ने हाल ही में कई बार संकेत दिए थे कि पार्टी में उनकी अनदेखी की जा रही है। वहीं, तेजस्वी यादव पार्टी के निर्विवाद नेता के रूप में सामने आए हैं और कार्यकर्ताओं का झुकाव भी उनके पक्ष में नजर आता है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस घटनाक्रम ने आरजेडी के अंदरूनी तनाव को चुनाव से ठीक पहले सार्वजनिक कर दिया है।
Bihar politics: तेजस्वी का पलटवार ‘महिलाओं को दी जा रही रिश्वत’
उधर, आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि चुनाव में महिलाओं को 10 हजार रुपये तक की रिश्वत दी जा रही है ताकि उनका वोट खरीदा जा सके।
तेजस्वी ने कहा, “सरकारी तंत्र का खुलेआम दुरुपयोग हो रहा है। जिन महिलाओं को सरकार ने योजनाओं का लाभ देने का वादा किया था, अब उन्हीं को वोट के बदले पैसों का लालच दिया जा रहा है। चुनाव आयोग सबकुछ देखकर भी खामोश है।”
उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग तुरंत कार्रवाई करे और ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाए।
Bihar politics: चुनाव आयोग पर उठे सवाल
तेजस्वी यादव के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। विपक्षी दलों का कहना है कि अगर यह आरोप सही हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है। हालांकि, चुनाव आयोग ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
एनडीए नेताओं ने तेजस्वी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि आरजेडी अपनी हार निश्चित देखकर झूठा प्रचार फैला रही है।
Bihar politics: एनडीए और महागठबंधन आमने-सामने
बिहार में इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ समेत एनडीए के दिग्गज नेता लगातार रैलियां कर रहे हैं। दूसरी तरफ, तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी महागठबंधन की ओर से प्रचार संभाले हुए हैं।
तेजस्वी लगातार रोजगार, पलायन और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सरकार को घेर रहे हैं। वहीं, एनडीए “सुशासन” और “विकास” के नाम पर वोट मांग रही है।
Bihar politics: तेज प्रताप की भूमिका पर सस्पेंस
तेज प्रताप यादव की भूमिका पर अब सवाल खड़े हो गए हैं। पार्टी में उनकी स्थिति कमजोर होती दिख रही है, जबकि तेजस्वी का कद लगातार बढ़ता जा रहा है।
आरजेडी के कई पुराने कार्यकर्ताओं का कहना है कि तेज प्रताप को अपने बयानों और व्यवहार पर नियंत्रण रखना चाहिए, क्योंकि उनकी कुछ टिप्पणियों ने पहले भी पार्टी को असहज किया है।
Bihar politics: चुनावी माहौल में बढ़ी गरमी
महनार की घटना के बाद आरजेडी कार्यकर्ताओं में दो गुट साफ नजर आने लगे हैं — एक जो तेजस्वी के साथ खड़ा है और दूसरा जो तेज प्रताप के प्रति सहानुभूति रखता है। हालांकि, आरजेडी नेतृत्व ने इस विवाद को “छोटी घटना” बताते हुए शांति बनाए रखने की अपील की है।
लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह झगड़ा आने वाले दिनों में महागठबंधन की चुनावी रणनीति पर असर डाल सकता है।

