
Bihar Politics Update: B से बिहार, B से बीड़ी और अब B से बुद्धिहीन! कांग्रेस के बयान पर सियासी तूफान
Bihar Politics Update: बिहार की राजनीति हमेशा से ही तीखे बयान और चुटीले तंज़ के लिए जानी जाती है। विधानसभा चुनाव से पहले हर छोटी-बड़ी बात भी बड़ा मुद्दा बन जाती है। इस बार बहस का केंद्र बना है — केरल कांग्रेस का विवादित बयान, जिसमें ‘B से बीड़ी और B से बिहार’ कहा गया। इस एक लाइन ने ऐसा तूफान खड़ा किया कि कांग्रेस को माफी मांगनी पड़ी, लेकिन तब तक विपक्ष ने इस मुद्दे को हाथों-हाथ उठा लिया।
कांग्रेस के बयान से शुरू हुआ बवाल
दरअसल, केरल कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट किया था। पोस्ट में कहा गया कि जैसे ‘बीड़ी’ और ‘बिहार’ दोनों ही शब्द ‘B’ से शुरू होते हैं, वैसे ही यह कोई अपराध नहीं है। इस पोस्ट के साथ जीएसटी का चार्ट भी शेयर किया गया था, जिसमें बीड़ी पर टैक्स 28% से घटाकर 18% कर दिए जाने का जिक्र था।
लेकिन बिहार की जनता ने इसे अपनी अस्मिता और पहचान से जोड़कर देखा। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कांग्रेस पर चौतरफा हमले शुरू हो गए। बढ़ते विवाद को देखते हुए कांग्रेस ने तुरंत पोस्ट डिलीट किया और माफी भी मांग ली। कांग्रेस ने लिखा – “अगर हमारी पोस्ट से किसी की भावनाएं आहत हुई हों, तो हमें खेद है।”
जेडीयू का पलटवार – ‘B से बुद्धिहीन कांग्रेस वाले’
हालांकि, माफी से भी बात नहीं बनी। जेडीयू नेता निखिल मंडल ने कांग्रेस पर सीधा तंज कस दिया। उन्होंने एक्स पर लिखा –
“बिहार का मतलब है ब्रिलिएंट, इनोवेटिव, हार्डवर्किंग, एक्शन ओरिएंटेड और रिसोर्सफुल। पर यह कांग्रेस वालों को कौन समझाए? B से बुद्धिहीन हैं ये कांग्रेस वाले।”
यह बयान सोशल मीडिया पर धड़ाधड़ शेयर होने लगा। निखिल मंडल के इस पलटवार ने कांग्रेस की मुश्किलें और बढ़ा दीं।
सम्राट चौधरी भी हमलावर
बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी भी इस विवाद में कूद पड़े। उन्होंने केरल कांग्रेस की पोस्ट को शेयर करते हुए कहा –
“पहले हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान और अब पूरे बिहार का अपमान। यही है कांग्रेस का असली चरित्र, जो बार-बार देश के सामने उजागर हो रहा है।”
सम्राट चौधरी का बयान साफ करता है कि एनडीए इस मुद्दे को चुनावी हथियार की तरह इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेगा।
बिहार की अस्मिता क्यों आहत होती है?
यह सवाल उठता है कि आखिर ऐसे बयानों पर बिहार की जनता और नेता इतनी तीखी प्रतिक्रिया क्यों देते हैं? वजह साफ है – बिहार लंबे समय तक देशभर में मज़ाक और भेदभाव का शिकार रहा है। बिहारी पहचान को अक्सर ‘मजदूर’ या ‘गरीबी’ से जोड़ा गया।
लेकिन सच यह है कि बिहार ने देश को अनगिनत IAS-IPS अधिकारी, नेता, वैज्ञानिक, शिक्षक और बड़े-बड़े उद्योगपति दिए हैं। आईआईटी, आईएएस और प्रतियोगी परीक्षाओं में बिहारी छात्रों की सफलता की कहानियां किसी से छिपी नहीं हैं। ऐसे में जब कोई राजनीतिक दल या नेता बिहार को ‘बीड़ी’ जैसे शब्द से जोड़ता है, तो स्वाभाविक है कि लोग इसे अपनी मेहनत और इज्जत पर चोट मानते हैं।
कांग्रेस की रणनीति पर सवाल
यह बयान चुनाव से कुछ ही महीने पहले आया है। कांग्रेस पहले से ही बिहार में मजबूत स्थिति में नहीं है। आरजेडी के साथ गठबंधन के बावजूद, पार्टी की पकड़ कमजोर मानी जाती है। ऐसे में इस तरह का विवादित पोस्ट सीधे तौर पर कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचाता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस को इस वक्त बेहद सावधानी से बयानबाज़ी करनी चाहिए थी। चुनावी मौसम में विपक्ष ऐसी गलतियों को छोड़ने वाला नहीं होता।
चुनाव पर असर?
हालांकि, यह कहना अभी जल्दबाज़ी होगी कि इस विवाद का चुनाव परिणामों पर कितना असर पड़ेगा। लेकिन इतना तय है कि बीजेपी और जेडीयू इस मुद्दे को हवा देंगे। बिहार में पहचान और अस्मिता से जुड़े मुद्दे अक्सर वोटरों को भावनात्मक तौर पर प्रभावित करते हैं।
सोशल मीडिया की भूमिका
इस विवाद में सोशल मीडिया ने भी बड़ा रोल निभाया। केरल कांग्रेस का पोस्ट हटाए जाने के बाद भी स्क्रीनशॉट वायरल होते रहे। निखिल मंडल का पलटवार भी उसी प्लेटफॉर्म पर चर्चा का विषय बना रहा। ट्विटर और फेसबुक पर हैशटैग #BiharKiAsmitA और #CongressApologise ट्रेंड करने लगे।
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