Bird Flu: बर्ड फ्लड कैसे बीमारी है जो संक्रमित चिकन, मोर और बत्तख जैसे पक्षियों का सेवन करने से होता है। पहले बर्ड फ्लू इन पक्षियों में होता है उसके बाद जो भी नॉन वेजिटेरियन व्यक्ति उसे संक्रमित पक्षी को खाता है तो उसको भी बर्ड फ्लू हो जाता है।
बिल्लियों में भी हो रहा है बर्ड फ्लू
आपने बर्ड फ्लू पक्षियों और इंसानों में तो सुना ही होगा लेकिन अब, बर्ड फ्लू बिल्लियों को भी अपना शिकार बन रहा है।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में पालतू बिल्लियों में बट फ्लू (H5N1) देखने को मिल रहा है.
इस बीमारी की वजह से बिल्लियों को पालने वाले लोग काफी सतर्क हो गए हैं उनके साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। हालांकि बिल्लियों से इंसानों में फैलने की संभावना काम है लेकिन फिर भी हमें सुरक्षा भारत ने की जरूरत है।
भारत में बिल्लियों में भी बर्ड फ्लू आने से, पालतू बिल्लियों के मालिकों की चिंताएं बढ़ गई है । जानकारी के अनुसार छिंदवाड़ा में तीन बिल्लियों की मौत बर्ड फ्लू के कारण पहले से ही हो चुकी है, प्रभावित बिल्लियों में पहले तेज बुखार देखने को मिला फिर उनको भूख लगे काम हो गई फिर देखा गया कि उनकी बिल्लियां धीरे-धीरे सुस्त होते जा रही है और इसके बाद तीन दिन के अंदर ही बिल्लियों की मौत हो जाती है। एक्सपट्र्स के अनुसार वायरस की पहचान 2.3.2.1a lineage से की है जो भारत में पोल्ट्री आउटब्रे के लिए जिम्मेदार स्ट्रेन है।
बिल्ली की मौत के बाद की आत्महत्या
हसनपुर में एक महिला ने अपनी पालतू बिल्ली के मौत के बाद एक ऐसी हरकत को अंजाम दिया जिसे सभी को चौंका दिया। यह दर्शाता है की व्यक्ति सिर्फ इंसान से ही पर इम्तिहान प्यार नहीं कर सकता बल्कि जानवरों के लिए भी अपनी जान दे सकता है।
हसनपुर में एक महिला की बिल्ली की मौत के बाद उसने बिल्ली के शब्द को दो दिनों तक बेड पर रखा और रोती रही अंत में महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
महिला का नाम पूजा बताया जा रहा है जो अभी सिर्फ 32 वर्ष की ही थी। सूत्रों के अनुसार पूजा की शादी 8 साल पहले दिल्ली में ही हुई थी , लेकिन शादी के 2 साल बाद उनके संबंध उनके पति से बिगड़ने लगे जिस वजह से वह उनसे अलग हो गई। उसके बाद पूजा अपने स्वर्गीय पिता गुलाब दास के घर आ गई और वहीं रहने लगी। स्वर्गीय गुलाब दास निरंकारी मिशन से जुड़े थे और निरंकारी मिशन गजरौला के पूर्व मुखी भी थे।
बिल्ली का नाम कट्टो रखा
आसपास के लोगों ने बताया की पूजा मकान के तीसरी मंजिल पर एक कमरे में रहती थी और आज से सवा साल पहले गलियों में घूम रही बिल्ली के बच्चे को उसने पकड़ लिया और उसकी पालना शुरू कर दिया। पूजा ने बिल्ली का नाम कट्टो भी रखा । लोगों का कहना है कि वह महिला बिल्ली के बच्चे को इस कदर रखती थी कि जैसे वह उसकी खुद की औलाद हो।
कट्टो कुछ समय से अस्वास चल रही थी जिसके बाद गुरुवार को उसकी मृत्यु हो गई।
पूजा ने अपनी बिल्ली को अन्य नृत्य बिल्लियों की तरह गाढ़ा नहीं बल्कि अपने बेड पर ही मृत शरीर को रखकर दो दिनों तक रोती रही।
अंत में पूजा से अपनी बिल्ली का जाना बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
शव को भेज पोस्टमार्टम के लिए
जैसे ही पूजा के आत्महत्या की खबर सामने आई तो लोगों ने इस वक्त पुलिस को सूचना दी।
फिलहाल पुलिस ने सब को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
प्रभारी निरीक्षक रविंद्र प्रताप ने बताया की बिल्ली के गम में फंदे पर लटक कर जान देने की जानकारी मिली है। सबका पोस्टमार्टम कराया जा रहा है सभी बिंदुओं पर जांच चल रही है।
पूजा की मां गजरा देवी ने कहा था कि इसको दफना दो, लेकिन वह बिल्ली से अत्यधिक प्यार करती थी, इसलिए दफनाने के बजाय अपने बेड पर बिल्ली को अपने पास रखे हुए थी। शनिवार शाम करीब आठ बजे परिवार के लोग पूजा के कमरे में पहुंचे तो पंखे के सहारे उसका शव फंदे पर लटका हुआ था और बिल्ली का शव भी बेड पर ही मौजूद था।
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