भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने हाल ही में 53 दवाओं को “नॉट ऑफ़ स्टैण्डर्ड क्वालिटी” (NSQ) के रूप में वर्गीकृत किया है। यह वर्गीकरण जांच और क्वालिटी परीक्षणों के बाद किया गया है। इसमें शामिल दवाओं में पैरासिटामोल, पैन-D, कैल्शियम और विटामिन D3 सप्लीमेंट, एंटी-डायबिटीज गोलियां और उच्च रक्तचाप की दवाएं शामिल हैं।
Table of Contents
ToggleCDSCO की गुणवत्ता जांच प्रक्रिया
CDSCO की गुणवत्ता जांच प्रक्रिया में स्टेट ड्रग ऑफिशल्स द्वारा किए गए अचानक परीक्षण शामिल हैं। ये जांच हर महीने की जाती हैं और इसके आधार पर NSQ अलर्ट जारी किए जाते हैं। हाल की जांचों में पाया गया कि पैरासिटामोल टेबलेट, पैन-D, विटामिन B कॉम्प्लेक्स और विटामिन C सॉफ्टजेल, शेल्कल (विटामिन C और D3), एंटी-डायबिटीज दवा ग्लाइमपीराइड, और उच्च रक्तचाप की दवा टेल्मिसार्टन जैसे कई लोकप्रिय दवाएं क्वालिटी परीक्षण में विफल हो गई हैं।
प्रभावित दवा कंपनियां
इन दवाओं का निर्माण करने वाली कंपनियों में एलकम लेबोरेटरीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड (HAL), हेटेरो ड्रग्स, कर्नाटका एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड और प्योर एंड क्योर हेल्थकेयर शामिल हैं।
क्या है NSQ?
NSQ का अर्थ है “नॉट ऑफ़ स्टैण्डर्ड क्वालिटी”। यह एक ऐसा इंडिकेटर है जो यह दिखता है कि किसी दवा ने क्वालिटी के आवश्यक मानकों को पूरा नहीं किया है। NSQ दवाएं मरीजों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकती हैं, क्योंकि इनकी प्रभावशीलता और सुरक्षा संदिग्ध है। CDSCO द्वारा जारी की गई NSQ सूची में कई शीर्ष बेची जाने वाली दवाएं शामिल हैं, जो बाजार में उपलब्ध हैं।
गुणवत्ता में कमी की वजहें
दवाओं की गुणवत्ता में कमी के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जैसे:
- मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में कमी: दवाइयों की मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकें और प्रक्रिया यदि स्थापित मानकों के अनुसार नहीं हैं, तो इससे दवाओं की क्वालिटी प्रभावित हो सकती है।
- कच्चे माल की क्वालिटी: यदि दवाओं के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की क्वालिटी सही नहीं है, तो उत्पाद की क्वालिटी भी प्रभावित होगी।
- पर्यावरणीय फैक्टर: उत्पादन के दौरान पर्यावरणीय स्थितियाँ, जैसे तापमान और ह्यूमिडिटी, दवा की क्वालिटी को प्रभावित कर सकते हैं।
CDSCO की कार्रवाई
CDSCO ने क्वालिटी फेल के लिए एक अलर्ट जारी किया है, जिसमें दवाओं की एक सूची और उनके निर्माताओं की प्रतिक्रियाएँ शामिल हैं। CDSCO ने यह भी कहा कि कुछ कंपनियों ने यह दावा किया है कि उन्होंने इन ख़राब बैचों का उत्पादन नहीं किया है। कंपनियों ने ये आशंकाएं भी जताई हैं कि ये दवाएं नकली हो सकती हैं।
महत्वपूर्ण दवाओं का मूल्यांकन
विभिन्न प्रकार की दवाएं जो गुणवत्ता जांच में विफल हो गई हैं, उनमें शामिल हैं:
- पैरासिटामोल IP 500 mg: यह एक सामान्य दर्द निवारक है जो कई बीमारियों के उपचार में उपयोग किया जाता है।
- पैन-D: यह एक एंटी-एसिड है, जो पेट में एसिड को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- शेल्कल: यह एक कैल्शियम सप्लीमेंट है, जिसका उपयोग हड्डियों की सेहत के लिए किया जाता है।
- ग्लाइमपीराइड: यह एक एंटी-डायबिटीज दवा है, जिसका उपयोग ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
- टेल्मिसार्टन: यह हाई ब्लड प्रेशर की दवा है।
चिकित्सकों और मरीजों के लिए सलाह
चिकित्सकों को सलाह दी गई है कि वे अपने मरीजों को उन दवाओं के विकल्प सुझाएँ जो गुणवत्ता जांच में पास हुई हैं। मरीजों को भी सलाह दी जाती है कि वे केवल प्रमाणित स्रोतों से ही दवाएं खरीदें और किसी भी दवा की क्वालिटी के बारे में संदेह होने पर चिकित्सक से परामर्श करें।
भारत में दवाओं की क्वालिटी में कमी एक गंभीर मुद्दा है, जिसे CDSCO द्वारा समय-समय पर की जाने वाली जांचों के माध्यम से पहचाना जा रहा है। हालांकि, यह सुनिश्चित करना कि दवाएं मानक गुणवत्ता के अनुरूप हों, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। इस दिशा में उठाए गए कदमों से भविष्य में मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य में सुधार होगा।
क्वालिटी टेस्ट में इतनी दवाओं का फेल होना बताता है कि दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग को ठीक करने के लिए और भी सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है साथ ही यह सुनिश्चित करना आवश्यक है की ख़राब क्वालिटी वाली दवा बनाने वाले निर्माताओं को कड़ी से कड़ी सजा मिले। साथ ही जैसा की दावा दवा कंपनियों द्वारा किया गया है कि ये फेल हुई दवाएं नकली हो सकती हैं, सरकार को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि नकली दवाएं बाजार तक न पहुँच पाएं। सिर्फ तब ही मरीजों का विश्वास इन दवाओं में बहाल हो सकता है।
Israel Army प्रमुख ने लेबनान में संभावित प्रवेश के लिए सैनिकों को अलर्ट पर रखा
Sarco Pod: स्विट्ज़रलैंड में बना आत्महत्या करने के लिए एक कैप्सूल, जाने कैसे करता है काम
World Pharmacist Day: 25 सितंबर को स्वास्थ्य सेवा में फार्मासिस्टों की महत्वपूर्ण भूमिका का जश्न