सर्विकल कैंसर, जिसे हिंदी में बच्चेदानी के मुंह का कैंसर कहा जाता है, महिलाओं में पाया जाने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। यह मुख्य रूप से ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के संक्रमण के कारण होता है। अगर समय रहते इस कैंसर की पहचान कर ली जाए, तो इसे रोका या शुरुआती चरण में सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है।
सर्विकल कैंसर के कारण
इस कैंसर का मुख्य कारण HPV वायरस का संक्रमण है, जो मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंधों के माध्यम से फैलता है। हालांकि, यह मिथक है कि केवल सेक्शुअली एक्टिव महिलाओं को ही यह कैंसर हो सकता है। कोई भी महिला, भले ही वह यौन रूप से सक्रिय न हो, इस बीमारी की चपेट में आ सकती है।
अन्य जोखिम कारक:
- कमजोर इम्यून सिस्टम
- धूम्रपान
- अधिक गर्भधारण
- लंबे समय तक ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव्स का उपयोग
- अस्वच्छ जीवनशैली
सर्विकल कैंसर के शुरुआती लक्षण
इस कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद ज़रूरी है, ताकि समय पर इलाज किया जा सके।
- असामान्य रक्तस्राव – मासिक धर्म के बीच, संभोग के बाद या मेनोपॉज़ के बाद रक्तस्राव होना।
- अत्यधिक वजाइनल डिस्चार्ज – बदबूदार और गाढ़ा डिस्चार्ज होना।
- पेल्विक पेन – संभोग के दौरान या सामान्य दिनों में लगातार पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना।
- मूत्र संबंधित समस्याएं – बार-बार पेशाब आना या पेशाब करते समय दर्द महसूस होना।
सर्विकल कैंसर की रोकथाम
इस घातक बीमारी से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:
1. HPV वैक्सीन
HPV वैक्सीन सर्विकल कैंसर से बचाव में बेहद प्रभावी होती है। इसे 9 से 15 साल की उम्र में लगवाना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है।
- 9-15 साल की लड़कियों के लिए: दो डोज़ (पहली डोज़ आज, दूसरी छह महीने बाद)
- 15-25 साल की महिलाओं के लिए: तीन डोज़ (0, 1, और 6 महीने में)
- 25-45 साल की महिलाओं के लिए: यह वैक्सीन कम प्रभावी हो सकती है, लेकिन फिर भी बचाव में मददगार है।
2. पैप स्मीयर टेस्ट
महिलाओं को 35 साल की उम्र के बाद हर 3 साल में पैप स्मीयर टेस्ट कराना चाहिए। यह टेस्ट वजाइना से फ्लूड निकालकर उसमें कैंसर कोशिकाओं की पहचान करता है। इससे शुरुआती चरण में ही सर्विकल कैंसर का पता लगाया जा सकता है।
3. सुरक्षित यौन संबंध
HPV संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षित यौन संबंध बनाना और कॉन्डम का उपयोग करना ज़रूरी है।
4. स्वस्थ जीवनशैली
धूम्रपान छोड़ना, पौष्टिक आहार लेना और नियमित रूप से व्यायाम करना शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करता है और सर्विकल कैंसर के खतरे को कम करता है।
सर्विकल कैंसर का इलाज
अगर किसी महिला को सर्विकल कैंसर हो जाता है, तो इसका इलाज संभव है।
- सर्जरी – कैंसर के शुरुआती चरण में ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।
- रेडिएशन थेरेपी – कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए हाई-एनर्जी किरणों का उपयोग किया जाता है।
- कीमोथेरेपी – दवाओं के माध्यम से कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोका जाता है।
सर्विकल कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सही जानकारी और समय पर जांच के ज़रिए इसे रोका जा सकता है। HPV वैक्सीन लगवाना, नियमित पैप स्मीयर टेस्ट कराना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना इस बीमारी से बचने के लिए ज़रूरी कदम हैं। यदि किसी महिला को शुरुआती लक्षण दिखाई दें, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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