
Charminar Fire Tragedy
Charminar Fire Tragedy: हैदराबाद के ऐतिहासिक चारमीनार के पास रविवार सुबह हुई भीषण आग की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। गुलजार हाउस क्षेत्र में एक पुरानी बहुमंजिला इमारत में लगी आग में 8 बच्चों सहित कुल 17 लोगों की जान चली गई।
Charminar Fire Tragedy की शुरुआत कैसे हुई?
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस दर्दनाक हादसे की वजह शॉर्ट सर्किट हो सकता है। आग सबसे पहले इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर लगी और तेजी से ऊपर की मंजिलों तक फैल गई। चश्मदीदों के अनुसार, आग लगने का समय सुबह लगभग 6:10 बजे का था, जब अधिकांश लोग गहरी नींद में थे।
संकरा रास्ता बना मौत का जाल
तेलंगाना फायर सर्विस के महानिदेशक वाई. नागी रेड्डी के मुताबिक, इमारत का मुख्य प्रवेश द्वार केवल दो मीटर चौड़ा था, और पहली व दूसरी मंजिल तक जाने वाली सीढ़ियां सिर्फ एक मीटर की थीं। धुएं और आग से भरी इस संकरी जगह ने निवासियों के लिए बाहर निकलने का कोई विकल्प नहीं छोड़ा।
उन्होंने कहा, “राहत कर्मियों को ऑक्सीजन मास्क लगाकर भीतर घुसना पड़ा, क्योंकि धुआं बहुत ज्यादा था।” एक सुरंग जैसे इस प्रवेश मार्ग के कारण अधिकांश लोग भीतर ही फंसे रह गए।
Tragic and disheartening fire accident around CharMinar today, resulted in loss of 17 lives included many childrens. Our Condolences with Victim’s Families and we demand @TelanganaCMO a detailed enquiry regarding accident and compensation for victim’s families.#GulzarHouse pic.twitter.com/mETB5AYbhH
— NSUI HCU (@nsuiuoh) May 18, 2025
बच्चों समेत कई जिंदगियां बुझ गईं
मरने वालों में 8 मासूम बच्चे भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि यह परिवार कई पीढ़ियों से इस इमारत में रह रहा था और पुराने समय से आभूषणों का व्यापार करता था। सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने घटनास्थल का दौरा करते हुए शोक जताया और कहा, “अब परिवार के केवल दो सदस्य जीवित हैं। यह एक बहुत ही दर्दनाक क्षति है।”
Charminar Fire Tragedy: कैसे चला बचाव कार्य?
दमकल विभाग की 11 गाड़ियों ने दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों की मौत हुई, वे अधिकतर दम घुटने और धुएं में फंसने की वजह से मारे गए।
बचाव कर्मियों ने इमारत की दीवारें और शटर तोड़कर भीतर घुसने की कोशिश की, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि वे सभी लोगों को नहीं बचा सके।
Devastated by the tragic fire at Gulzar House near Charminar that claimed 17 precious lives and left several injured. A single house engulfed in flames, amid tightly packed homes, raises painful questions. Was this just a tragedy, or something more?
Heartfelt condolences to the… pic.twitter.com/FfYa5vt7gw
— Arvind Dharmapuri (@Arvindharmapuri) May 18, 2025
एक चश्मदीद की दिल दहला देने वाली गवाही
Charminar Fire Tragedy घटनास्थल के पास चूड़ियों की दुकान चलाने वाले जाहिद नामक युवक ने बताया कि उन्होंने एक महिला को अपने बच्चे को सीने से लगाए देखा — दोनों की मौत हो चुकी थी।
“हमने दो कमरे खोले तो एक में सात और दूसरे में छह लोग मिले, लेकिन धुआं और आग इतनी थी कि उन्हें नहीं निकाल सके। अगर हम थोड़ा पहले पहुंचते, शायद कुछ लोगों की जान बचा सकते,” जाहिद ने कहा।
प्रशासन और जनता के लिए चेतावनी
अग्निशमन विभाग ने बताया कि इमारत में कोई वैकल्पिक निकासी मार्ग, वेंटिलेशन सिस्टम या खिड़कियाँ नहीं थीं। आग नीचे लगी और धुआं ऊपर की मंजिलों तक तेजी से फैल गया, जिससे एकमात्र बचाव मार्ग भी बंद हो गया।
Charminar Fire Tragedy हादसा हमारे शहरी इलाकों में अग्निसुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर करता है और प्रशासन को चेतावनी देता है कि ऐसी पुरानी इमारतों की नियमित जांच आवश्यक है।
अंतिम शब्द
चारमीनार जैसी ऐतिहासिक जगह के पास यह हादसा केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम के लिए एक गंभीर चेतावनी है। संकरी गलियाँ, अवरुद्ध रास्ते और पुरानी संरचनाएँ अगर समय रहते नहीं सुधारी गईं, तो ऐसे हादसे फिर हो सकते हैं।
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