
Child-Brain-Development क्या आपको पता है सोशल मीडिया का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है? इस बात पर कोई शक नहीं है कि सोशल मीडिया का बच्चों के दिमाग पर कितना बुरा असर डालता है। सोशल मीडिया के जरिए बच्चों के दिमाग में अश्लीलता हुआ खराब सो तेजी से उत्पन्न होती है।
Child-Brain-Development: आपने एडोलिसेंस सीरीज के बारे में जरूर सुना होगा,ये सीरीज नेटफ्लिक्स पर मौजूद है।
इस सीरीज में यह दिखाया गया है कि कैसे टीनएजर सोशल मीडिया और इंटरनेट को अपनी असली दुनिया मान बैठे हैं। इतना ही नहीं बल्कि कई बच्चे ऐसे हैं जो सोशल मीडिया पर साइबर पुलिंग का शिकार हो रहे हैं। बच्चे सोशल मीडिया में रिलीज देखकर उसी को सच मान लेते हैं सीरीज में जो कैरेक्टर है तो पूरी तरीके से परफेक्ट होता है। इसीलिए कई बच्चे अपने आप को इस कैरेक्टर से कंपेयर करने लगते हैं, और खुद के लुक्स को लेकर परेशान होने लगते हैं। आपको बता दे की एडोलिसेंस सीरीज में भी एक बच्चा जिसका नाम जमी मिलर बताया जा रहा है वह बच्चों द्वारा बुलिंग से तंग आ जाता है, और इसके चलते वह बच्चा अपने ही क्लास की एक लड़की की हत्या कर देता है। यह सीरीज पूरी तरीके से इसी बात पर आधारित है कि कैसे बच्चे सोशल मीडिया की लाइफ को अपनी लाइफ से कंपेयर करने लगते हैं, और रियल्टी में ना जी कर रिय में जीने लगते हैं।
Child-Brain-Development: विज्ञान का नजरिया
इस बात का प्रमाण विज्ञान भी देता है, विज्ञान के अनुसार दिमाग पर हमारे आसपास हो रही हर छोटी से छोटी चीज का असर पड़ता है। अगर हम सोशल मीडिया या ज्यादा देर तक मोबाइल उसे करते हैं, या किसी भी तरीके की वर्चुअल दुनिया में अपना समय ज्यादा बिताते हैं तो इससे हमारे वायलेट होने के चांस सबसे ज्यादा बढ़ाते हैं।
Child-Brain-Development: बच्चों पर प्रभाव
बच्चों पर सोशल मीडिया का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। क्योंकि उनका दिमाग आजकल के कंटेंट को प्रोसेस करने के लिए तैयार नहीं होता है। और आपने यह बात तो सुनी ही होगी की बचपन में बच्चों को जैसा माहौल मिलता है, बच्चों का व्यवहार उसी की तरह परिवर्तित होता है। इतना ही नहीं बल्कि जब बच्चा मां के पेट में होता है, तब भी बच्चे का दिमाग मां के दिमाग से जुड़ा रहता है, इसीलिए कहा जाता है की गर्भावस्था के दौरान मां की रुचि जिस चीज में ज्यादा होती है, उसका बच्चा भी उसी तरीके के आचरण से बड़ा होता है। यही कारण है की महिलाओं को गर्भावस्था में हमेशा सकारात्मक बातें और सोच रखने की नसीहत दी जाती है। डॉक्टर के अनुसार हर उम्र में दिमाग अलग-अलग स्किल्स और क्षमताओं को विकसित करता है। अगर बच्चा एक साल से कम उम्र का है तो उसके दिमाग का विकास सिर्फ 60% ही हुआ रहता है। समर में बच्चों की देखने की सुनने की और महसूस करने की क्षमता डेवलप होती है। दिसंबर में बच्चे अपनी माता-पिता की आवाज समझने की कोशिश करते हैं। बच्चे इमोशंस के बारे में जानने की कोशिश करते हैं जैसे हंसना रोना घबराहट दर्द आदि।
Child-Brain-Development: 1 से 3 साल के बच्चे
- जब बच्चा 1 से 3 साल के बीच में रहता है तब उनका दिमाग 80 परसेंट डेवलप रहता है।
- 1 से 3 साल के बीच में बच्चे शब्दों को समझना और बोलने का प्रयास करते हैं।
- इस उम्र में बच्चे अपनी माता-पिता के आसपास के लोगों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं, अपने माता-पिता के भावनाओं को समझने की कोशिश करते हैं।
- आपने देखा होगा कि सुंदर के बच्चे हर चीजों में छानबीन करने की कोशिश करते हैं, हर चीज तोड़फोड़ देते हैं, ऐसा इसीलिए क्योंकि वह चीजों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं।
Child-Brain-Development: 3 से 6 साल के बच्चे
- जब बच्चे 3 से 6 साल के होते हैं तब उनमें न्यूरॉन तेजी से बढ़ने लगता है।
- इस उम्र में बच्चे भाषा और सोच विचार में अच्छे हो जाते हैं।
- इस उम्र में बच्चों की अच्छा और बड़ा जानने की क्षमता बढ़ने लगती है।
- यह एक ऐसी उम्र है जो बच्चों का दिमाग बहुत ज्यादा एक्टिव रहता है, इस समय में बच्चों को जो भी सिखाया जाए वह वह जिंदगी भर याद रखते हैं।
Child-Brain-Development: 6 से 12 साल के बच्चे
- इस उम्र में बच्चे अपनी समस्याओं का हल निकालने में अपनी क्षमता को बढ़ाते हैं।
- इस उम्र में वह समझ में कैसे रहना है और नैतिक जिम्मेदारियां को समझने की कोशिश करते हैं।
- इस उम्र में बच्चे पढ़ाई और खेलों में विकसित होना सीखते हैं।
Child-Brain-Development: 12 से 18 साल के बच्चे
- इस उम्र में बच्चों के प्रिफरेंटल कार्टेक्स जिसका मतलब है दिमाग में निर्णय लेने वाला भाग, तेजी से विकसित होने लगता है।
- इस दौरान बच्चे अपने भावनाओं और विचारों को समझने लगते हैं।
- इस समय में बच्चे इंडिपेंडेंस बनने की कोशिश करते हैं।
- इस समय में बच्चे रिस्क लेना चाहते हैं और अपने जिंदगी के निर्णय लेने की कोशिश करते हैं।
- यह कैसा समय है जब बच्चे सोशल प्रेशर के दबाव में आने लगते हैं और कॉन्फिडेंस अनस्टेबल होने की संभावनाएं बढ़ने लगती है।
Child-Brain-Development: 18 से 25 साल के लोग
- यह समय ऐसा है जब लोग अपने प्रेजेंट से ज्यादा फ्यूचर के बारे में सोचने लगते हैं।
- लोग अपने लॉन्ग टर्म प्लानिंग और भविष्य के बारे में प्लान कर रहे होते हैं।
- यह ऐसा समय है जब लोगों में भावनाएं बढ़ती हैं, और वह अपनी भावनाओं पर नियंत्रण पाने की कोशिश करते हैं।
- इस समय वह रिश्तो की गहराइयों को समझने की कोशिश करते हैं।
यह भी पड़े :- IDBI Bank Jobs 2024: आईडीबीआई बैंक में 1000 पदों पर भर्ती, जानें आवेदन प्रक्रिया, योग्यता और सैलरी