Child obesity health risks: कहीं आपका बच्चा भी तो खतरे में नहीं? छोटी-सी लापरवाही बन सकती है बड़ी बीमारी की वजह
Child obesity health risks: आज के समय में बच्चों का मोटापा एक चुपचाप बढ़ती हुई गंभीर समस्या बनता जा रहा है। पहले यह परेशानी ज्यादातर बड़ों में देखी जाती थी, लेकिन अब छोटे-छोटे बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं। मोबाइल, टीवी, जंक फूड और शारीरिक गतिविधि की कमी—ये सब मिलकर बच्चों की सेहत पर भारी पड़ रहे हैं।
हाल ही में UNICEF की World Obesity Atlas रिपोर्ट ने चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर बच्चों की जीवनशैली में सुधार नहीं हुआ, तो इस दशक के अंत तक हर 10 में से 1 बच्चा मोटापे का शिकार हो सकता है। यह सिर्फ वजन बढ़ने की बात नहीं, बल्कि आने वाली कई बीमारियों का खतरा है।
बच्चों में मोटापा क्यों बढ़ रहा है?
आज के बच्चे पहले जैसे नहीं रहे। खेल के मैदान की जगह मोबाइल स्क्रीन ने ले ली है। विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों में मोटापा बढ़ने के कुछ मुख्य कारण हैं:
- जरूरत से ज्यादा जंक और प्रोसेस्ड फूड
- घंटों मोबाइल, टीवी और वीडियो गेम्स
- बाहर खेलने और दौड़ने की कमी
- नींद पूरी न होना
- माता-पिता की व्यस्तता और खानपान पर ध्यान न देना
इन आदतों की वजह से बच्चे धीरे-धीरे शारीरिक रूप से सुस्त हो जाते हैं, और वजन बढ़ने लगता है।
मोटापा बच्चों की जिंदगी कैसे प्रभावित करता है?
बच्चों में बढ़ता वजन सिर्फ उनके शरीर को ही नहीं, बल्कि उनकी पूरी जिंदगी की क्वालिटी को प्रभावित करता है। World Health Organization भी बार-बार चेतावनी दे चुका है कि बचपन का मोटापा आगे चलकर गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
मोटापे से बच्चों में इन समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है:
- कम उम्र में ब्लड प्रेशर
- टाइप-2 डायबिटीज
- दिल से जुड़ी बीमारियां
- जोड़ों में दर्द
- सांस लेने में दिक्कत
- आत्मविश्वास की कमी और मानसिक तनाव
कई मामलों में यह समस्याएं आगे चलकर कैंसर और समय से पहले मृत्यु का कारण भी बन सकती हैं।
क्या आनुवांशिक कारण भी जिम्मेदार हैं?
कुछ हद तक हां। अगर माता-पिता मोटापे से जूझ रहे हैं, तो बच्चों में भी इसका खतरा बढ़ सकता है।
लेकिन विशेषज्ञ साफ कहते हैं कि गलत जीवनशैली सबसे बड़ा कारण है। सही खानपान और एक्टिव दिनचर्या से इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
समय रहते क्या करें माता-पिता?
अगर हम अभी नहीं जागे, तो आने वाले सालों में हालात और गंभीर हो सकते हैं। अच्छी बात यह है कि थोड़े-से बदलाव से बड़ा फर्क पड़ सकता है।
बच्चों को मोटापे से बचाने के आसान उपाय:
- रोज कम से कम 1 घंटा शारीरिक गतिविधि
- मोबाइल और टीवी का समय सीमित करें
- घर का बना ताजा खाना दें
- फल, सब्जियां और दालें खाने की आदत डालें
- मीठे पेय और जंक फूड से दूरी
- समय पर सोने और जागने की आदत
- बच्चों के साथ खुद भी एक्टिव रहें
बच्चे वही सीखते हैं, जो वे अपने माता-पिता को करते हुए देखते हैं।
स्कूल और समाज की भी जिम्मेदारी
सिर्फ घर ही नहीं, स्कूल और समाज को भी बच्चों की सेहत के प्रति जागरूक होना होगा। स्कूलों में खेल, योग और फिजिकल एक्टिविटी को जरूरी बनाया जाना चाहिए। बच्चों पर पढ़ाई के साथ-साथ सेहत का दबाव भी नहीं पड़ना चाहिए।
निष्कर्ष
बच्चों का मोटापा कोई छोटी समस्या नहीं है, बल्कि यह भविष्य की कई बड़ी बीमारियों की जड़ बन सकता है। अगर आज हम थोड़ी-सी लापरवाही करेंगे, तो कल इसकी कीमत बच्चों को अपनी सेहत से चुकानी पड़ सकती है।
अब वक्त है रुककर सोचने का—
क्या हमारा बच्चा सही खा रहा है?
क्या वह पर्याप्त खेल रहा है?
क्या हम उसकी सेहत पर उतना ध्यान दे रहे हैं, जितना उसके भविष्य पर?
छोटे-छोटे बदलाव आज करें, ताकि बच्चों का कल स्वस्थ और खुशहाल हो सके।
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