पहली बार चीन चार चूहों को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (Tiangong Space Station) पर भेज रहा है।
China space experiment: जहां कभी “बिल्ली चली हज को” जैसी कहावतें मज़ाक में कही जाती थीं, वहीं अब चीन ने इस कहावत को एक नया अर्थ दे दिया है। पहली बार चीन चार चूहों को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (Tiangong Space Station) पर भेज रहा है।
इस मिशन के ज़रिए चीन यह पता लगाना चाहता है कि अंतरिक्ष में जीवों का शरीर, व्यवहार और प्रजनन प्रणाली किस तरह बदलती है।
China space experiment: ‘Life in Orbit’ मिशन की शुरुआत
यह प्रयोग चीन के Tiangong स्पेस स्टेशन पर चल रहे ‘Life in Orbit Mission’ का हिस्सा है। इस मिशन के तहत भेजे गए चूहे किसी साधारण प्रयोग का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि यह एक दीर्घकालिक बायोलॉजिकल एक्सपेरिमेंट है।
इन चूहों को Shenzhou-19 स्पेसक्राफ्ट से भेजा गया है, जो मंगलवार को सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में पहुंचा।
स्पेस एजेंसी CNSA (China National Space Administration) के अनुसार, इन चूहों के रहने के लिए विशेष ‘एनिमल मॉड्यूल’ बनाया गया है, जिसमें ऑक्सीजन सप्लाई, तापमान नियंत्रण और खाने की स्वतः आपूर्ति प्रणाली मौजूद है।
China space experiment: क्यों भेजे जा रहे हैं चूहे?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह प्रयोग यह समझने के लिए अहम है कि शून्य गुरुत्वाकर्षण (microgravity) का प्रभाव जीवित प्राणियों के शरीर पर क्या पड़ता है। चूहों का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि उनका जैविक ढांचा (biological structure) इंसानों से काफी मिलता-जुलता है।
स्पेस बायोलॉजिस्ट डॉ. झू लियांग ने कहा, “अगर चूहे अंतरिक्ष में सामान्य रूप से खा-पी और प्रजनन कर सकते हैं, तो इसका मतलब है कि इंसान भी भविष्य में लंबी अवधि तक वहां रह सकता है।”
China space experiment: क्या जानना चाहते हैं वैज्ञानिक?
वैज्ञानिक इस मिशन से कई अहम जानकारियां हासिल करना चाहते हैं, जैसे; अंतरिक्ष में हड्डियों और मांसपेशियों पर क्या असर होता है।
प्रजनन प्रणाली स्पेस में कैसे काम करती है।
हार्मोन और डीएनए में क्या बदलाव आते हैं
और क्या छोटे जीव अंतरिक्ष में स्वस्थ रूप से जीवन व्यतीत कर सकते हैं
इन आंकड़ों से भविष्य में इंसानों के चंद्रमा और मंगल पर लंबे मिशन की दिशा तय की जा सकेगी।
China space experiment: स्पेस स्टेशन में रखी जाएगी चूहों की ‘लाइव निगरानी’
Tiangong स्पेस स्टेशन पर मौजूद तीन अंतरिक्ष यात्री इन चूहों की लगातार निगरानी करेंगे। स्टेशन में लगे हाई-डेफिनिशन कैमरों से हर हरकत रिकॉर्ड की जाएगी और डेटा धरती पर भेजा जाएगा। वैज्ञानिक इस बात का भी अध्ययन करेंगे कि चूहों की नींद, चलने का तरीका और भूख पर अंतरिक्ष की स्थिति का क्या असर पड़ता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन चूहों को लगभग 30 दिन तक स्पेस में रखा जाएगा।
China space experiment: पहले भी जानवर गए हैं अंतरिक्ष में
अंतरिक्ष में जानवरों को भेजने की परंपरा नई नहीं है।
1957 में रूस ने Laika नाम की कुतिया को अंतरिक्ष में भेजकर इतिहास रचा था।
इसके बाद अमेरिका ने बंदरों, खरगोशों और मकड़ियों पर प्रयोग किए।
लेकिन चीन का यह मिशन खास इसलिए है क्योंकि यह लंबे समय तक जीवों के जीवनचक्र पर केंद्रित है।
China space experiment: चीन का बड़ा कदम “वैज्ञानिक से ज़्यादा रणनीतिक”
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन इस प्रयोग के ज़रिए न सिर्फ वैज्ञानिक डेटा जुटा रहा है बल्कि स्पेस रिसर्च में अपनी तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन भी कर रहा है। अमेरिका के बाद अब चीन ही एकमात्र ऐसा देश है जिसके पास अपना संपूर्ण मानवयुक्त स्पेस स्टेशन है। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी का लक्ष्य है कि 2030 तक Tiangong स्टेशन को एक स्थायी ‘स्पेस लैब’ में तब्दील किया जाए, जहां जीव विज्ञान से लेकर मेडिकल रिसर्च तक सभी प्रयोग किए जा सकें।
China space experiment: सोशल मीडिया पर यूजर्स बोले ‘अब चूहे भी बनेंगे एस्ट्रोनॉट!’
सोशल मीडिया पर चीन के इस प्रयोग को लेकर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है।
एक यूजर ने मज़ाक में लिखा, “पहले इंसान चूहों पर प्रयोग करते थे, अब चूहे इंसानों के लिए रास्ता बना रहे हैं।”
वहीं कुछ लोगों ने इस मिशन को ‘भविष्य के मानव बसावट की शुरुआत’ बताया।
China space experiment: अगला चरण – कीड़े और पौधे भी जाएंगे अंतरिक्ष
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर यह प्रयोग सफल रहा तो अगले चरण में चीन कीटों, सूक्ष्मजीवों और पौधों को भी अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है। इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि अलग-अलग जीवन रूप अंतरिक्ष की कठोर परिस्थितियों में कैसे टिक पाते हैं।
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