
पंचमी तिथि
4 मार्च को फागुन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है और मंगलवार भी है। पंचमी तिथि का व्रत विभिन्न देवी देवताओं को समर्पित होता है और इस दिन कई महत्वपूर्ण पर व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। चलिए जानते हैं इस व्रत के बारे में संपूर्ण जानकारी।
पंचमी तिथि व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में पंचमी तिथि को शुभ तिथि माना जाता है यह तिथि बुध ग्रह से संबंधित होते हैं इसलिए इस दिन बुध ग्रह से जुड़ी पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ मिलता है पंचमी तिथि के दौरान यदि कोई व्यक्ति व्रत रखता है और पूजा करता है तो उसे समृद्धि, ज्ञान और लाभ की प्राप्ति होती है।
पंचमी तिथि व्रत के लाभ
•पंचमी तिथि का व्रत करना पूजा करना विशेष फायदेमंद माना जाता है।
•इस दिन नागों की पूजा करने से परिवार पर आने वाले संकट टल जाते हैं।
•देवी सरस्वती की आराधना करने से विद्या और बुद्धि का विकास होता है।
स्वास्थ्य लाभ
•पंचमी के दिन व्रत रखने से शरीर की शुद्धि होती है।
• इस दिन व्रत रखने से मानसिक शांति और संतुष्टि की प्राप्ति होती है।
वही पंचमी तिथि पर कोई भी नया कार्य आरंभ करना शुभ माना जाता है। इस दिन दान करने से आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है और व्यापार में भी लाभ मिलता है।
पंचमी तिथि व्रत की पूजा विधि
•इस व्रत में सूर्य उदय से पहले उठे और स्नान करें।
•पूजा सामग्री में दूध ,चावल, फुल, हल्दी, कुमकुम ,दीपक, फल और प्रसाद तैयार करें।
•पंचमी तिथि के अनुसार मंत्र का जाप करें और भगवान की आरती करें।
•वही इस दिन ब्राह्मण या जरूरतमंदों को वस्त्र जैसी चीज दान करें।
सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
•सूर्योदय- सुबह 6:42 am
•सूर्यास्त- शाम 6:22 pm
पंचमी तिथि से जुड़ी पौराणिक कथाएँ
1. एक कथा के अनुसार, एक किसान के दो पुत्र थे। एक दिन खेत जोतते समय एक साँप के बच्चे की मृत्यु हो गई। उसकी माता नागिन ने क्रोधित होकर किसान के पूरे परिवार को डस लिया। केवल उसकी पुत्रवधू बची थी, जिसने नाग माता की पूजा की और दूध अर्पित किया। इससे प्रसन्न होकर नाग माता ने किसान के परिवार को पुनर्जीवित कर दिया। तब से नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने की परंपरा चली आ रही है।
2. कहा जाता है कि ब्रह्माजी ने जब सृष्टि का निर्माण किया, तो पृथ्वी पर मौन छाया हुआ था। तब उन्होंने अपने कमंडल से एक शक्ति प्रकट की, जो वीणा बजाने लगी और पृथ्वी पर शब्द, संगीत और ज्ञान का संचार हुआ। वह शक्ति देवी सरस्वती थीं। तभी से इस दिन को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है।
पंचमी तिथि का व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है इस दिन सभी देवी देवताओं को पूजा जाता है।