अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीय नागरिकों को लेकर यूएस मिलिट्री एयरक्राफ्ट पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। इनमें 79 पुरुष, 25 महिलाएं और 13 बच्चे शामिल थे।
कांग्रेस का गंभीर आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया कि डिपोर्टेशन के दौरान भारतीय नागरिकों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा, “हथकड़ी लगाकर भारतीयों को अपमानित किया गया। यह देखकर एक भारतीय के तौर पर मुझे दुख होता है।”
खेड़ा की पुरानी घटना का संदर्भ
पवन खेड़ा ने अमेरिकी राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “दिसंबर 2013 में देवयानी खोबरागड़े को हथकड़ी लगाकर कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई थी। उस समय यूपीए सरकार ने इसका तीखा विरोध किया था।”
तत्कालीन सरकार की प्रतिक्रिया
खेड़ा ने बताया कि उस घटना के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसे निंदनीय बताया था। भारत सरकार ने अमेरिकी दूतावास के कई विशेषाधिकार वापस ले लिए थे। मीरा कुमार और सुशील कुमार शिंदे जैसे नेताओं ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया था।
गौरव गोगोई का बयान
लोकसभा में कांग्रेस के डिप्टी लीडर गौरव गोगोई ने भी इस मामले पर विरोध जताया। उन्होंने कहा, “भारतीय नागरिकों को जंजीरों में बांधकर डिपोर्ट करना अमानवीय है। प्रधानमंत्री मोदी इस अपमानजनक व्यवहार पर चुप क्यों हैं?”
अमेरिकी दूतावास की सफाई
दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिका अपनी सीमा पर सख्ती से निगरानी कर रहा है। इमिग्रेशन कानूनों को सख्त किया गया है और अवैध प्रवासियों को हटाया जा रहा है। यह स्पष्ट संदेश है कि अवैध प्रवास जोखिम के लायक नहीं है।”
अमेरिका से डिपोर्ट भारतीयों की संख्या
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक सैन एंटोनियो, टेक्सास से 205 भारतीय नागरिकों को लेकर एक C-17 विमान रवाना हुआ। इनमें गुजरात, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के लोग शामिल थे।
इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार और कूटनीति से जुड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।
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