आम धारणा है कि curd in winter खाने से सर्दी-जुकाम, गला खराब या खांसी की समस्या बढ़ जाती है।
सर्दियों का मौसम शुरू होते ही लोग कई तरह के खाद्य पदार्थों को लेकर सतर्क हो जाते हैं। इन्हीं में से एक है दही। आम धारणा है कि curd in winter खाने से सर्दी-जुकाम, गला खराब या खांसी की समस्या बढ़ जाती है। इस वजह से कई लोग सर्दियों में दही का सेवन कम या बंद कर देते हैं। लेकिन क्या वाकई दही से ठंड बढ़ सकती है? क्या यह सिर्फ एक मिथ है या सच? आइए आयुर्वेद और मॉर्डन साइंस की नजर से इस सवाल का जवाब जानते हैं।
दही की तासीर कैसी होती है?
दही स्वभाव से ठंडी तासीर वाला फूड माना जाता है। इसलिए आमतौर पर कहा जाता है कि ठंड में इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें। हालांकि, पोषण के लिहाज से दही किसी भी मौसम में बेहद फायदेमंद और हेल्दी माना जाता है।
दही में पाए जाते हैं –
- गुड बैक्टीरिया (प्रोबायोटिक्स)
- मैग्नीशियम
- कैल्शियम
- प्रोटीन
- पोटैशियम
- विटामिन B12 और अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट
- ये सभी तत्व शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं, लेकिन ठंड में इसका सेवन कब और कैसे किया जाए, इस पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है।
आयुर्वेद क्या कहता है?
आयुर्वेद में दही को कफ बढ़ाने वाला खाद्य पदार्थ माना गया है। इसका अर्थ है कि दही शरीर में बलगम को बढ़ा सकता है। ठंड के मौसम में वैसे ही कफ का स्राव बढ़ जाता है, ऐसे में दही की ठंडी प्रकृति समस्या को और बढ़ा सकती है। आयुर्वेद के अनुसार सावधानियां
- सर्दियों में दही कम मात्रा में खाएं।
- जिन लोगों को पहले से कफ, साइनस, खांसी, दमा या सांस लेने में परेशानी है, उन्हें दही से बचना चाहिए।
- रात में दही बिल्कुल नहीं खाना चाहिए, खासकर ठंड के सीजन में।
- दिन के समय सीमित मात्रा में दही खाना अधिक सुरक्षित माना जाता है।
- आयुर्वेद मानता है कि दही बलगम को गाढ़ा करता है, जिससे नाक बंद होना, गले में खराश, कफ जमना जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
मॉडर्न साइंस क्या कहती है?
इसके उलट, मॉडर्न साइंस दही को एक इम्यूनिटी बूस्टर मानती है। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स पाचन को दुरुस्त रखते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं।
दही में मौजूद कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन B12 हड्डियों और मांसपेशियों के लिए फायदेमंद होते हैं।
कब करें दही से परहेज?
विशेषज्ञों के अनुसार,
- अगर आपको पहले से सर्दी-जुकाम है,
- गले में खराश है,
- या सांस से जुड़ी समस्या है,
तो शाम या रात में दही नहीं खाना चाहिए। इससे बलगम बढ़ सकता है और लक्षण खराब हो सकते हैं।
साइंस की सलाह
- दही हमेशा कमरे के तापमान पर खाएं।
- फ्रिज में रखी ठंडी दही से गला खराब हो सकता है।
- ताजा दही सबसे अधिक लाभकारी होती है।
दिलचस्प बात ये भी है कि कई न्यूट्रिशनिस्ट मानते हैं कि दही में पाया जाने वाला विटामिन C सर्दी-जुकाम के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
क्या सर्दियों में दही खाना सुरक्षित है?
जी हां, सर्दियों में दही खाना पूरी तरह सुरक्षित और हेल्दी है, लेकिन कुछ नियमों का पालन करना चाहिए—
- दही दिन के समय खाएं।
- एक कटोरी दही पर्याप्त है।
- अगर गला खराब है या कफ है, तो दही की मात्रा और समय का खास ध्यान रखें।
- रात में दही से बचें।
- दही को ठंडा या फ्रिज वाला न खाएं।
अगर इन बातों को ध्यान में रखकर दही खाया जाए, तो यह सर्दियों में भी शरीर के लिए फायदेमंद है।
curd in winter के प्रमुख फायदे
- इम्यूनिटी बूस्ट करता है
दही में मौजूद विटामिन C रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, जिससे सर्दी-जुकाम से बचाव होता है। -
पाचन मजबूत करता है
प्रोबायोटिक्स gut health को सुधारते हैं और कब्ज, गैस जैसी समस्याओं को दूर रखते हैं। -
हड्डियों को करता है मजबूत
कैल्शियम और फॉस्फोरस हड्डियों और दांतों को मजबूती देते हैं। -
स्किन और हेयर के लिए वरदान
चेहरे पर लगाने से स्किन सॉफ्ट होती है, दाग और टैनिंग कम होती है।
बालों में लगाने से रूसी कम होती है और स्कैल्प हेल्दी रहता है। -
ब्लड प्रेशर और दिल को रखता है हेल्दी
दही का नियमित सेवन हाई BP को नियंत्रित करने में मदद करता है और हृदय के लिए अच्छा माना जाता है।







