Site icon Aarambh News

David Warner ने India A बॉल टेम्परिंग विवाद पर सवाल उठाए, Cricket Australia पर दबाव

David Warner

David Warner

FacebookTelegramWhatsAppXGmailShare

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ओपनर David Warner ने हाल ही में इंडिया ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच हुए बॉल टेम्परिंग विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। वॉर्नर ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) से मांग की है कि वह इस मामले पर एक आधिकारिक बयान जारी करे और स्थिति को स्पष्ट करे। उनका मानना है कि इस मामले को जल्दी दबा दिया गया, और इसे लेकर अधिक पारदर्शिता की जरूरत है। आइए इस विवाद और वॉर्नर की प्रतिक्रिया पर गहराई से नजर डालते हैं।

इंडिया ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच बॉल टेम्परिंग विवाद

यह विवाद तब सामने आया जब इंडिया ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच मैकाई में खेले जा रहे पहले वॉर्म-अप मैच के अंतिम दिन, अंपायर शॉन क्रेग ने बॉल को बदलने का आदेश दिया। अंपायर का कहना था कि बॉल पर खरोंच के निशान थे, जिन्हें इंडिया ए के खिलाड़ियों द्वारा किया गया माना गया। इस फैसले ने इंडिया ए के खिलाड़ियों, खासकर विकेटकीपर-बैटर ईशान किशन को नाराज कर दिया। उन्होंने इस निर्णय को “बहुत मूर्खतापूर्ण निर्णय” करार दिया। इसके बाद अंपायर ने किशन को चेतावनी दी कि अगर वह असहमति दिखाते हैं तो उनके खिलाफ रिपोर्ट की जाएगी।

वो दिन मैच का आखिरी दिन था, और दोनों टीमें इस वॉर्म-अप मैच में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए संघर्ष कर रही थीं। जब अंपायर ने बॉल बदलने का आदेश दिया, तो दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच गुस्सा और असहमति की स्थिति बन गई। इंडिया ए के खिलाड़ियों का कहना था कि यह निर्णय पूरी तरह से गलत था, क्योंकि बॉल में खरोंच सामान्य खेल का हिस्सा हो सकती है। इस घटना ने पूरे मैच की स्थिति को प्रभावित किया और क्रिकेट जगत में एक नया विवाद खड़ा कर दिया।

डेविड वॉर्नर का बयान और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया पर सवाल

डेविड वॉर्नर ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के हाथ में है। उनका कहना था कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को इस मुद्दे पर एक आधिकारिक बयान जारी करना चाहिए और यह स्पष्ट करना चाहिए कि इस घटना के बारे में क्या हुआ। वॉर्नर ने सोशल मीडिया पर कहा, “यह पूरा मामला क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के हाथ में है। मुझे लगता है कि उन्होंने इसे बहुत जल्दी दबा दिया, क्योंकि भारत इस गर्मी में ऑस्ट्रेलिया आ रहा है। लेकिन अगर अंपायर ने कुछ गलत देखा है, तो मैं समझता हूं कि इस पर आगे की कार्रवाई होनी चाहिए।”

वॉर्नर ने यह भी कहा, “मैच रेफरी को अपनी टीम के अंपायरों के साथ खड़ा होना चाहिए और यह स्पष्ट करना चाहिए कि अगर अंपायर का निर्णय सही था, तो उन्हें इसका बचाव करना चाहिए। मुझे लगता है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को इस मुद्दे पर एक बयान जारी करना चाहिए।” उनके इस बयान ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया पर दबाव डाला है कि वह इस मुद्दे पर अपनी स्थिति साफ करें।

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का रुख और आधिकारिक बयान

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस विवाद पर जल्दी ही एक आधिकारिक बयान जारी किया। बयान में कहा गया कि बॉल को केवल क्षति के कारण बदला गया था, और इसके लिए किसी भी खिलाड़ी को दोषी नहीं ठहराया गया। बयान में यह भी स्पष्ट किया गया कि दोनों टीमों के कप्तान और मैनेजर को इस निर्णय के बारे में पहले ही सूचित किया गया था, और इस पर आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

हालांकि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का यह बयान विवाद को शांत करने के लिए था, लेकिन डेविड वॉर्नर का मानना है कि इस मामले में और अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता है। उनका कहना है कि यदि अंपायर का निर्णय सही था, तो उसे सही तरीके से सार्वजनिक किया जाना चाहिए और कोई भी निर्णय केवल पारदर्शिता के साथ लिया जाना चाहिए।

बॉल टेम्परिंग विवाद का ऐतिहासिक संदर्भ

यह पहली बार नहीं है जब बॉल टेम्परिंग क्रिकेट में चर्चा का विषय बना है। 2018 में, ऑस्ट्रेलिया के डेविड वॉर्नर, स्टीव स्मिथ और कैमरन बैनक्रॉफ्ट को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बॉल टेम्परिंग मामले में दोषी पाया गया था। उस समय वार्नर को एक साल के लिए क्रिकेट से प्रतिबंधित कर दिया गया था और उन्हें भविष्य में किसी भी नेतृत्व भूमिका से वंचित कर दिया गया था। यह मामला क्रिकेट की साख और अनुशासन के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया था।

अब, जब डेविड वॉर्नर खुद बॉल टेम्परिंग के मामले पर सवाल उठा रहे हैं, तो यह साबित होता है कि बॉल टेम्परिंग और खेल के नियमों पर चर्चा अभी भी जारी है। यह स्थिति क्रिकेट के नियमों और अनुशासन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है, क्योंकि खिलाड़ी अब इस मामले को और अधिक गंभीरता से उठा रहे हैं।

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का रुख और भविष्य की कार्रवाई

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस विवाद को जल्दी निपटाने का प्रयास किया है, लेकिन डेविड वॉर्नर के सवाल यह दर्शाते हैं कि इस प्रकार के विवादों पर और अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता है। वॉर्नर का मानना है कि यदि अंपायर ने बॉल को बदलने का फैसला किया था, तो यह क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का कर्तव्य बनता है कि वह इस पर स्पष्टता प्रदान करे और सुनिश्चित करे कि इस तरह के विवाद भविष्य में दोहराए न जाएं।

अगर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया इस मामले पर अपने रुख को स्पष्ट करता है, तो इससे पूरे क्रिकेट जगत में पारदर्शिता आएगी और खिलाड़ियों को यह समझने में मदद मिलेगी कि इस तरह के मामलों में किस तरह से कार्रवाई की जाती है। यह क्रिकेट के खेल को और भी पारदर्शी और निष्प

Exit mobile version