Delhi Air Pollution India Gate Protest: प्रदर्शन क्यों भड़का? पुलिस से झड़प, पेपर स्प्रे और माओवादी पोस्टर विवाद ने बढ़ाया मामला
India Gate Protest: राजधानी दिल्ली में रविवार को इंडिया गेट पर छात्रों का वायु प्रदूषण के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण प्रदर्शन देखते-देखते हिंसक हो गया। छात्र जब सड़क जाम करने की कोशिश करने लगे तो पुलिस ने उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग किया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की हुई और पेपर स्प्रे के इस्तेमाल की भी पुष्टि हुई।
इस घटना ने सिर्फ़ दिल्ली की राजनीति को नहीं, बल्कि पूरे देश में प्रदूषण पर चल रही बहस को नया मोड़ दे दिया है।
India Gate Protest कैसे शुरू हुआ?
रविवार सुबह बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं इंडिया गेट के पास पोस्टर और प्लेकार्ड लेकर पहुंचे। छात्रों का मुख्य मुद्दा था:
- दिल्ली में लगातार बढ़ता Air Pollution
- AQI का खतरनाक स्तर
- सरकारी डेटा में ‘गलत रिपोर्टिंग’ के आरोप
- प्रदूषण कम करने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने की मांग
कुछ देर प्रदर्शन के बाद छात्र इंडिया गेट सर्कल पर ही धरने पर बैठ गए, जिसके बाद ट्रैफ़िक जाम की स्थिति बनने लगी।
पुलिस के साथ झड़प क्यों हुई?
नई दिल्ली के डीसीपी देवेश कुमार महला के अनुसार:
- प्रदर्शनकारी बैरिकेड पार कर सड़क पर बैठ गए
- पीछे एम्बुलेंस और मेडिकल वाहन फंस गए
- पुलिस ने छात्रों से मार्ग खाली करने को कहा
- लेकिन छात्रों ने हटने से इंकार कर दिया
इसके बाद पुलिस ने उन्हें हटाया। इसी दौरान छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई।
पुलिस का बड़ा दावा: प्रदर्शनकारियों ने किया पेपर स्प्रे का इस्तेमाल
डीसीपी महला ने कहा:
“पहली बार पुलिसकर्मियों पर पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया गया। हमारे कुछ अधिकारियों की आंखों में पेपर स्प्रे डाला गया है और उन्हें RML अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।”
पुलिस ने इस घटना पर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
प्रदर्शनकारियों के आरोप — “सरकार डेटा छिपा रही है”
एएनआई से बात करते हुए कई छात्रों ने कहा:
- “हमें साफ हवा चाहिए, झूठा डेटा नहीं।”
- “सरकार नहीं मान रही कि यह हेल्थ इमरजेंसी है।”
- “AQI 700 तक पहुंच रहा है लेकिन आंकड़ों के साथ खेल किया जा रहा है।”
एक महिला प्रदर्शनकारी के अनुसार:
“सरकार को अपनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हम नर्क जैसी हवा में जी रहे हैं।”
माओवादी कमांडर हिड़मा की तस्वीरें—नया विवाद
प्रदर्शन स्थल पर कुछ छात्रों के हाथों में माओवादी कमांडर माड़वी हिड़मा के पोस्टर देखे गए, जिसे कुछ दिन पहले सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में ढेर किया था।
इस विज़ुअल पर राजनीति गरमा गई।
बीजेपी का हमला—“अर्बन नक्सल आंदोलन का नया चेहरा”
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने X पर लिखा:
“हवा की गुणवत्ता के बहाने अर्बन नक्सल एजेंडा चलाया जा रहा है। मृत नक्सली हिड़मा के पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है। पुलिस पर मिर्ची स्प्रे किया गया।”
उन्होंने यह भी दावा किया:
- पिछले 10 सालों में यह वर्ष दिल्ली का सबसे बेहतर Air Quality वर्ष रहा
- पराली जलाने में कमी आई है
- AAP-शासित पंजाब सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता राज्य है
AAP का पलटवार — “AQI फर्जीवाड़ा, हेल्थ इमरजेंसी”
AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने सरकार पर किया पलटवार:
“दिल्ली में फर्जीवाड़े वाली सरकार है। पानी छिड़क कर AQI बदला जा रहा है, जबकि असल AQI 700 के पार जा चुका है।”
AAP ने मांग की:
- दिल्ली-NCR के सभी मुख्यमंत्री
- पर्यावरण मंत्री
- केंद्रीय मंत्रालय
इनकी संयुक्त बैठक तुरंत बुलाई जाए।
RLD का बयान — “पंजाब में पराली जिम्मेदार”
RLD नेता मलूक नागर ने कहा कि:
- “दिल्ली में प्रदूषण का बड़ा कारण पंजाब में पराली जलाना है।”
- “पंजाब सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे।”
दिल्ली में AQI की स्थिति कितनी खराब?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार:
- रविवार को AQI 500 के करीब रहा
- सोमवार सुबह भी कई इलाकों में AQI 400+ दर्ज
- आनंद विहार में AQI 441, “गंभीर श्रेणी”
यह स्तर मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक माना जाता है।
दिल्ली में GRAP-3 लागू — क्या बंद है?
GRAP-3 लागू होने के बाद:
- सभी निर्माण और विध्वंस गतिविधियां बंद
- 50% दफ्तर कर्मचारियों के लिए Work From Home की सलाह
- भारी वाहनों की सख्त निगरानी
- धूल वाले क्षेत्रों में पानी का छिड़काव
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा:
“जहां धूल-मिट्टी है, वहां लगातार पानी का छिड़काव हो रहा है। दिल्ली की सीमाओं पर वाहनों की कड़ी निगरानी की जा रही है।”
क्या क्लाउड सीडिंग का प्लान फेल हो गया?
कुछ सप्ताह पहले दिल्ली सरकार ने Artificial Rain (Cloud Seeding) का प्रयास किया था, लेकिन:
- लागत भारी थी
- हवा में नमी कम थी
- बादल पर्याप्त नहीं बने
इस वजह से रेन-सीडिंग योजना विफल रही।
दिल्ली की हवा इतनी खराब क्यों? कारण
- पराली जलाना
- इंडस्ट्रियल उत्सर्जन
- निर्माण गतिविधियां
- वाहन धुआं
- मौसम और हवा की दिशा
- धूल प्रदूषण
- कम हवा की गति
