Delhi High Court bomb threat: दिल्ली हाईकोर्ट में बम धमकी! ईमेल से मचा हड़कंप, खाली कराए गए सभी कोर्टरूम
Delhi High Court bomb threat: दिल्ली हाईकोर्ट, जिसे देश का न्याय मंदिर कहा जाता है, जहाँ हर रोज़ लोग अपने हक़ की लड़ाई लड़ने पहुँचते हैं और न्याय की घंटी गूंजती है। लेकिन शुक्रवार की सुबह वहाँ ऐसा कुछ हुआ जिसने पूरे माहौल को हिला कर रख दिया। कोर्ट प्रशासन को एक धमकी भरा ईमेल मिला, जिसमें साफ लिखा था कि दोपहर दो बजे तक हाईकोर्ट परिसर में बम धमाका होगा। इस ईमेल ने न केवल अदालत बल्कि पूरे देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए।
धमकी भरा ईमेल और शुरुआती दहशत
यह धमकी भरा ईमेल अचानक कोर्ट प्रशासन के पास पहुँचा। संदेश छोटा था लेकिन उसमें डर और दहशत भरने के लिए काफी शब्द थे। इसमें कहा गया कि हाईकोर्ट के अंदर एक विस्फोट होगा और खास बात यह कि इस ईमेल में पाकिस्तान और तमिलनाडु का भी ज़िक्र किया गया। यह ज़िक्र मामले को और गंभीर बना देता है क्योंकि इससे एक बड़ी साज़िश की आशंका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
सोचने वाली बात यह है कि जिस जगह पर हर रोज़ इंसाफ़ की उम्मीदें जागती हैं, अगर वही जगह आतंक और धमकी की चपेट में आ जाए तो आम जनता का भरोसा कितना हिल सकता है।
कोर्ट परिसर खाली कराया गया
जैसे ही ईमेल की जानकारी सामने आई, तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी गई।
- कोर्ट के सभी रूम खाली कराए गए।
- जजों ने सुनवाई रोक दी और उन्हें सुरक्षित जगह पर पहुँचा दिया गया।
- वकीलों, कर्मचारियों और वहां मौजूद अन्य लोगों को भी तुरंत बाहर निकाल दिया गया।
कुछ ही मिनटों में हाईकोर्ट परिसर, जहाँ आमतौर पर कानूनी बहस और न्याय की आवाजें गूंजती हैं, वहां सन्नाटा छा गया। चारों ओर पुलिस की गाड़ियों का शोर था और लोगों के चेहरों पर बेचैनी साफ झलक रही थी।
बम निरोधक दस्ते की तलाश
इस बीच बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुँच गया। तलाशी अभियान तुरंत शुरू किया गया। हाईकोर्ट के हर कोने-कोने की छानबीन की गई। हर कमरे, हर चैंबर और हर कोना पुलिस की निगरानी में आया। तलाशी के दौरान पूरा परिसर सुरक्षा घेरे में था।
लोगों के बीच चर्चा थी कि कहीं यह धमकी सिर्फ दहशत फैलाने के लिए तो नहीं दी गई। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने इसे हल्के में नहीं लिया और हर संभावना की जांच शुरू कर दी।
सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती
दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियाँ अब उस ईमेल की तहकीकात कर रही हैं। सबसे अहम सवाल यह है कि ईमेल भेजने वाला कौन है। क्या यह किसी आतंकी संगठन की साज़िश है, या फिर कोई शरारती तत्व इस तरह की अफवाह फैलाकर देश की न्यायपालिका को डराने की कोशिश कर रहा है?
पाकिस्तान और तमिलनाडु का ज़िक्र इस मामले को और भी पेचीदा बना देता है। क्या यह धमकी किसी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ी है? या फिर देश के अंदरूनी हालात को अस्थिर करने की कोशिश है? फिलहाल इन सवालों के जवाब खोजना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती है।
आम जनता पर असर
यह घटना केवल न्यायपालिका तक सीमित नहीं है। आम लोगों पर भी इसका गहरा असर पड़ा है। हाईकोर्ट वह जगह है जहाँ हर रोज़ हजारों लोग अपने मामलों के लिए आते हैं। वहां अचानक धमकी मिलने से लोगों के मन में डर और असुरक्षा की भावना बैठ गई है।
सोचिए, अगर इंसाफ़ देने वाली जगह पर ही खतरा मंडराने लगे तो आम नागरिक अपने अधिकारों के लिए कहाँ जाएगा? यह घटना निश्चित तौर पर आम जनता के भरोसे को हिला देने वाली है।
न्यायपालिका को डराने की कोशिश या बड़ी साज़िश?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि इस धमकी के पीछे असली मकसद क्या है। क्या यह देश की न्यायपालिका को डराने की कोशिश है ताकि फैसलों को प्रभावित किया जा सके? या फिर यह किसी बड़ी साज़िश का हिस्सा है, जो अभी सामने आना बाकी है।
देश की सुरक्षा एजेंसियाँ इस समय अलर्ट पर हैं। हाईकोर्ट के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हर आने-जाने वाले की गहन जांच की जा रही है।
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