Delhi NCR Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में हवा ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ स्तर की ओर, AQI 377 पहुंचा
Delhi NCR Air Pollution लगातार गंभीर स्थिति में बना हुआ है। राजधानी की हवा 15वें दिन भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई है। Central Pollution Control Board (CPCB) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को Delhi-NCR का औसत AQI 377 दर्ज हुआ, जो आम नागरिकों के लिए भी गंभीर स्वास्थ्य खतरे की स्थिति बताता है।
पिछले कुछ दिनों में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है और मौसम विभाग के अनुसार जल्दी राहत मिलती नहीं दिख रही। हवा की कम रफ्तार, तापमान में गिरावट और उद्योगों-वाहनों से बढ़ते उत्सर्जन के कारण प्रदूषण तेजी से बढ़ा है।
AQI लगातार 15 दिनों से ‘Very Poor Category’ में बना
राजधानी की हवा पिछले आधे महीने से लगातार खराब से गंभीर स्तर की ओर बढ़ रही है।
| दिन | AQI स्तर |
|---|---|
| शुक्रवार | 377 |
| गुरुवार | 335 |
| बुधवार | 327 |
| मंगलवार | 352 |
| सोमवार | 382 |
ये आंकड़े साफ दिखाते हैं कि Delhi NCR Air Pollution में तेजी से उछाल है।
कई क्षेत्रों में AQI 500 के पार — हवा ‘Hazardous’
दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया कि AQI 500 के पास या उससे ऊपर पहुँच गया, जो ‘Hazardous’ यानी अत्यंत खतरनाक श्रेणी माना जाता है।
सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र:
- रोहिणी – AQI 527
- चांदनी चौक – AQI 500
- वज़ीरपुर – AQI 489
- जहांगीरपुरी
- IGI Airport
- नोएडा सेक्टर-116
- अलीपुर और DTU परिसर
- इंदिरापुरम
इन इलाकों में हवा इतनी जहरीली है कि स्वस्थ व्यक्ति भी सांस लेने में दिक्कत महसूस कर सकता है।
GRAP-III नियम हटे, पर प्रदूषण में सुधार नहीं
दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत चरण-3 की पाबंदियाँ हटाई गई थीं। इनके दौरान:
- निर्माण गतिविधियाँ
- भारी वाहनों का आवागमन
- औद्योगिक धुआँ नियंत्रण
जैसी कार्रवाइयों पर सख्ती थी।
लेकिन GRAP-III हटने के बाद भी हवा की गुणवत्ता सुधरने के बजाय और बिगड़ गई। यह साफ बताता है कि सिर्फ अस्थायी प्रतिबंध से समस्या का समाधान नहीं होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि प्रशासनों को सख्ती बढ़ानी होगी और प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर निगरानी और मजबूत करनी होगी।
स्वास्थ्य के लिए बढ़ रहा खतरा
Delhi NCR Air Pollution के कारण हवा में PM2.5 और PM10 कणों की संख्या बेहद अधिक हो गई है। ये कण बेहद छोटे होते हैं और फेफड़ों में जाकर गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी:
- बच्चों में खांसी, आंख जलना, सांस फूलना
- बुजुर्गों और अस्थमा मरीजों में सांस संबंधी बीमारियां
- गर्भवती महिलाओं पर अधिक खतरा
- हृदय और फेफड़ों की बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि संवेदनशील लोगों को घर से गैर-जरूरी बाहर निकलने से बचना चाहिए।
खुद को सुरक्षित कैसे रखें?
दिल्ली की हवा इन दिनों ‘जहरीली’ मानी जा रही है। ऐसे में लोग इन उपायों से खुद को बचा सकते हैं:
- N95 Mask का उपयोग करें।
- सुबह-शाम तेज़ व्यायाम से बचें — इन समय हवा सबसे खराब होती है।
- घर में एयर-प्यूरीफायर का उपयोग करें।
- खिड़कियाँ बंद रखें ताकि बाहरी हवा अंदर न आए।
- बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों को बाहरी गतिविधि से दूर रखें।
- पर्याप्त पानी पीएं, ताकि शरीर हाइड्रेट रहे।
ये उपाय Delhi NCR Air Pollution के गंभीर प्रभाव से बचाव में काफी मददगार हो सकते हैं।
प्रदूषण के बढ़ने के मुख्य कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार प्रदूषण बढ़ने के कई बड़े कारण सामने आए हैं:
- तापमान में गिरावट से हवा में स्थिरता
- हवा की गति कम रहने से प्रदूषण का जमाव
- वाहन और उद्योगों से उत्सर्जन
- पास के राज्यों से आने वाला धुआँ
- निर्माण और सड़क धूल
- कचरा-जलाना और ठंड में बढ़ती घरेलू ईंधन खपत
इन सभी कारकों ने मिलकर Delhi NCR Air Pollution को खतरनाक स्तर तक पहुंचा दिया है।
समाधान क्या? अधिकारियों की तैयारी सवालों के घेरे में
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या हर साल दोहराई जाती है, लेकिन दीर्घकालिक योजना का अभाव दिखता है।
आवश्यक कदम:
- प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों की जांच
- वाहनों के उत्सर्जन पर सख्त निगरानी
- बड़े स्तर पर वृक्षारोपण
- यातायात प्रबंधन
- निर्माण धूल का प्रभावी नियंत्रण
अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो Delhi NCR Air Pollution आने वाले दिनों में और भी खतरनाक स्तर पर पहुँच सकता है।
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