Delhi New CM: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ऐतिहासिक जीत के बाद अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री (New Delhi CM) कौन बनेगा। सूत्रों के अनुसार, 19 फरवरी को बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है, जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी।
नई दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी (AAP) के 10 साल के शासन को खत्म कर दिया। इस जीत के साथ ही दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई है।
बीजेपी विधायक दल की बैठक में तय होगा मुख्यमंत्री का नाम
सूत्रों के मुताबिक, 19 फरवरी को दिल्ली बीजेपी कार्यालय में सभी 48 नवनिर्वाचित विधायक एकत्रित होंगे और अपने नेता का चुनाव करेंगे। इस बैठक में केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर पर्यवेक्षक (Observers) भी मौजूद रहेंगे, जो नए मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति बनाएंगे।
बीजेपी प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा,
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने विदेश दौरे से लौट चुके हैं। जल्द ही हमारी संसदीय बोर्ड की बैठक होगी और दिल्ली के नए मुख्यमंत्री की घोषणा की जाएगी।”
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कौन-कौन?
दिल्ली में बीजेपी की जीत के बाद कई प्रमुख नेताओं के नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में हैं। इनमें तीन प्रमुख दावेदार उभरकर सामने आए हैं:
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परवेश वर्मा (Parvesh Verma):
- बीजेपी के प्रमुख जाट चेहरा और पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे।
- नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराकर एक बड़ी जीत दर्ज की।
- जाट समुदाय में मजबूत पकड़ और दिल्ली में ग्रामीण वोट बैंक पर प्रभाव।
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विजेंद्र गुप्ता (Vijender Gupta):
- पूर्व दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और रोहिणी से विधायक।
- पार्टी संगठन में मजबूत पकड़ और विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके हैं।
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सतीश उपाध्याय (Satish Upadhyay):
- दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और संगठन में सक्रिय भूमिका।
- दिल्ली नगर निगम (MCD) की राजनीति में गहरी पकड़।
बीजेपी नेतृत्व किसी नए चेहरे पर लगा सकती है दांव
सूत्रों की मानें तो बीजेपी नेतृत्व किसी युवा और नए चेहरे को भी मुख्यमंत्री बना सकता है। एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा,
“आप कभी नहीं जानते… राष्ट्रीय नेतृत्व कोई नया चेहरा पेश कर सकता है, जो जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरे और प्रशासनिक अनुभव भी रखता हो।”
आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार
2025 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। अरविंद केजरीवाल की पार्टी, जिसने 2020 में 62 सीटें जीती थीं, इस बार केवल 22 सीटों पर सिमट गई।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई बड़े नेता अपने गढ़ में हार गए। हालांकि, आतिशी मार्लेना अपनी सीट बचाने में कामयाब रहीं।
कांग्रेस का सूपड़ा साफ
दिल्ली पर 15 साल (1998-2013) तक शासन करने वाली कांग्रेस के लिए यह चुनाव एक और विफलता साबित हुआ। पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति और कमजोर हो गई।
Delhi New CM: क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी का मुख्य लक्ष्य दिल्ली में स्थायी नेतृत्व प्रदान करना है। नए मुख्यमंत्री के सामने दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था, यमुना की सफाई, जलभराव समस्या, और स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुधार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटने की चुनौती होगी।
Delhi New CM: बीजेपी की प्राथमिकताएं क्या होंगी?
बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान कई बड़े वादे किए हैं, जिन्हें नई सरकार की प्राथमिकता मानी जा रही है:
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आयुष्मान भारत योजना:
- दिल्ली में 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा।
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यमुना की सफाई:
- यमुना नदी को साफ करने के लिए विशेष परियोजना।
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महिलाओं की सुरक्षा:
- महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कड़े कानून और निगरानी व्यवस्था।
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बिजली-पानी सुधार:
- बिजली और पानी की आपूर्ति में सुधार।
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कचरा प्रबंधन:
- दिल्ली के तीन बड़े लैंडफिल साइट्स को खत्म करने का लक्ष्य।
बीजेपी का बयान – शीश महल में नहीं रहेगा मुख्यमंत्री
बीजेपी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री शीश महल (मुख्यमंत्री निवास) में नहीं रहेगा। बीजेपी नेता ने कहा,
“हमारे मुख्यमंत्री जनता के बीच रहेंगे और उनकी समस्याओं को हल करेंगे।”