इस भीषण धमाके में अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि दर्जनों घायल अस्पतालों में भर्ती हैं।
Delhi Red fort blast: दिल्ली की ठंडी होती शाम अचानक दहशत में बदल गई, जब सोमवार को लाल किले के पास खड़ी एक कार में जोरदार विस्फोट हुआ। धमाका इतना जबरदस्त था कि आसपास की इमारतों के शीशे चटक गए, सड़कों पर भगदड़ मच गई और कुछ ही मिनटों में पूरा इलाका आग और धुएं से भर गया। इस भीषण धमाके में अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि दर्जनों घायल अस्पतालों में भर्ती हैं।
Delhi Red fort blast: घटना कैसे हुई
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शाम करीब 6:45 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक सफेद रंग की कार कुछ समय से खड़ी थी। ट्रैफिक सिग्नल हरा होते ही गाड़ी थोड़ी आगे बढ़ी और अचानक तेज धमाके के साथ उसमें आग लग गई। आसमान में उठते धुएं के गुबार को देखकर लोग घबराकर भागने लगे। कई राहगीर और पास की दुकानों के लोग इस धमाके की चपेट में आ गए।
पास की एक दुकान चलाने वाले शकील अहमद ने बताया, “हमने बस एक जोरदार आवाज सुनी, जैसे धरती हिल गई हो। बाहर निकले तो हर तरफ धुआं और चीखें थीं।”
Delhi Red fort blast: फौरन पहुंची पुलिस और राहत टीम
धमाके की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस, दमकल विभाग और एंबुलेंस की कई गाड़ियाँ मौके पर पहुंचीं। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। मौके से कार के कुछ टुकड़े, जल चुके मोबाइल और एक संदिग्ध बैग बरामद हुआ है।
दिल्ली पुलिस के कमिश्नर ने बताया कि शुरुआती जांच में यह “उच्च तीव्रता का विस्फोट” प्रतीत होता है। धमाके में इस्तेमाल विस्फोटक की प्रकृति जानने के लिए फॉरेंसिक टीम सैंपल इकट्ठा कर रही है।
Delhi Red fort blast: NIA को सौपी गयी जिम्मेदारी
गृह मंत्रालय ने घटना को गंभीर मानते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को जांच सौंपने के संकेत दिए हैं। फिलहाल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और NSG (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) मिलकर जांच कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यह कोई साधारण हादसा नहीं लगता। विस्फोट के पीछे किसी साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।”
सुरक्षा एजेंसियाँ अब सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान खंगाल रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि धमाके से पहले गाड़ी में कौन मौजूद था और उसे वहाँ क्यों पार्क किया गया था।
Delhi Red fort blast: इलाके में दहशत, ट्रैफिक हुआ प्रभावित
धमाके के बाद लाल किले के आसपास के सभी रास्तों को बंद कर दिया गया। चांदनी चौक से लेकर दरियागंज तक भारी ट्रैफिक जाम लग गया। मेट्रो सेवा भी कुछ समय के लिए रोक दी गई। स्थानीय दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं और पुलिस ने आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान शुरू किया।
दिल्ली पुलिस ने जनता से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या छोड़े हुए वाहन की सूचना तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को दें।
Delhi Red fort blast: पीड़ितों के परिजनों का दर्द
धमाके में मारे गए 11 लोगों में से कई स्थानीय निवासी थे जो रोज़ाना शाम को लाल किले के पास काम या सैर के लिए आते थे। एक पीड़ित की बेटी ने रोते हुए कहा, “पापा बस दूध लेने गए थे, हमें क्या पता था कि वो वापस नहीं आएंगे।”
AIIMS और LNJP अस्पताल में घायलों का इलाज जारी है। कुछ की हालत नाज़ुक बताई जा रही है। सरकार ने मृतकों के परिवारों को मुआवज़ा देने की घोषणा की है।
Delhi Red fort blast: क्या आतंकी हमला था?
हालांकि अभी तक किसी संगठन ने इस धमाके की ज़िम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन जांच एजेंसियाँ इसे संभावित आतंकी हमले के रूप में भी देख रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, कार में रिमोट से संचालित विस्फोटक डिवाइस हो सकता है। इसके अलावा कार की नंबर प्लेट भी फर्जी पाई गई है।
Delhi Red fort blast: सुरक्षा व्यवस्था सख्त
घटना के बाद राजधानी के सभी प्रमुख स्थलों इंडिया गेट, संसद भवन, राजघाट और रामलीला मैदान — पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। यूपी और हरियाणा की सीमाओं पर भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
अयोध्या, वाराणसी और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों पर भी सुरक्षा जांच तेज कर दी गई है।
Delhi Red fort blast: सरकार की प्रतिक्रिया
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए कहा, “दिल्ली में हुए इस दुर्भाग्यपूर्ण धमाके की गहराई से जांच की जा रही है। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”
प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और दिल्ली प्रशासन को राहत और जांच के कार्य में पूरा सहयोग देने के निर्देश दिए हैं।
