
डिप्रेशन : एक खतरनाक साइलेंट किलर – लक्षण, कारण और बचाव के उपाय
Depression : आजकल के समय में डिप्रेशन एक बड़ी परेशानी बन चुकी है जो आजकल युवावस्था तथा 30 से 40 वर्ष के लोगों को ज्यादा होती है, हालांकि डिप्रेशन किसी भी उम्र में हो सकता है । डिप्रेशन एक गंभीर डिसऑर्डर है जो व्यक्ति को आत्महत्या करने पर मजबूर कर सकता है। पहचानते हैं क्या है डिप्रेशन और क्या है उसके उपाय और क्या है लक्षण?
Depression क्या है ?
Depressionएक ऐसी अवस्था है जिसमें व्यक्ति हमेशा दुखी, हताश और बेसहारा महसूस करता है । यह एक तरीके का मूड डिसऑर्डर है , जिसमें व्यक्ति हर समय उदास रहने लगता है और उसकी हर चीजों में से दिलचस्पी खत्म हो जाती है। डिप्रेशन में गया हुआ व्यक्ति हमेशा अकेला रहता है और नकारात्मक चीज सोचने लगता है।
हम सभी में जिंदगी में कभी ना कभी ऐसे पड़ाव को जरुर महसूस किया होगा जिसमें हम बिल्कुल हताश हो जाते हैं। हमें हमेशा दुखी रहने का मन करता है, जब हमें सफलता नहीं प्राप्त होती है या हम किस चीज से संघर्ष कर रहे होते हैं एक सबसे बड़ा कारण यह भी है कि जब हमें कोई हमारा अपना छोड़कर चले जाए, पर कई लोग इस सिचुएशन से बाहर निकलने में सफल हो जाता है और आगे बढ़ते हैं, पर उनमें से कई लोग ऐसे भी होते हैं जो महीनो तक दुखी और किसी के जाने के कारण दर्द में रहते हैं ऐसे लोग धीरे-धीरे करके डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। आम भाषा में कहा जाए तो जो लोग तीन हफ्ते या एक महीने से ज्यादा दुखी वह परेशान हो किसी चीज को लेकर इसका साफ-साफ के मतलब है कि वह इंसान डिप्रेशन में जा रहा है।
सहयोग की आवश्यकता
जो व्यक्ति डिप्रेशन में गया हो वह ज्यादातर अकेले रहना प्रेफर करता है। वह हमेशा एक ही कमरे में बैठा रहना चाहता है और खाना कम खाने लगता है।
ऐसे व्यक्ति को हमें अकेला नहीं छोड़ना चाहिए, और हमेशा उसके साथ रहकर समय बिताना चाहिए। डिप्रेशन में गया हुआ व्यक्ति हमेशा गलत सोचता रहता है व्यक्ति खुदकुशी जैसे कदम भी उठा सकता है तो कैसे व्यक्ति को लगता है कि जीने का कोई फायदा नहीं है, वह जीवन से हार मान लेता है। ऐसे व्यक्ति को सहयोग,प्यार और मोटिवेशन की जरूरत होती है। हमें ऐसे व्यक्तियों को प्यार से सहयोग से और मोटिवेशन से ठीक करने की जरूरत है हालांकि दवाइयां से भी इसका इलाज संभव है।
Depression के प्रकार
Depression कई प्रकार के होते हैं, पर यह कुछ मुख्य पांच प्रकार हैं जो ज्यादातर व्यक्तियों में पाए जाते हैं।
- मेजोटाइप डिप्रेशन : इस डिप्रेशन में व्यक्ति बहुत ज्यादा दुखी महसूस करता है। इस प्रकार के डिप्रेशन में मैरिज में ऊर्जा की कमी होती है और वह काफी धीमा होता है, उसे व्यक्ति को किसी चीज में रुचि नहीं होती।
- अनाधिकृत डिप्रेशन : इस तरीके के डिप्रेशन में व्यक्ति को बहुत ज्यादा मूड स्विंग्स होने लगते हैं। ऐसा व्यक्ति काफी स्वार्थी भावनाओं को अपने अंदर लेकर चलता है और व्यापक मानसिक
त्रुटियां हो सकती है। - अतिदीन डिप्रेशन: यह डिप्रेशन अन्य डिप्रेशन से अधिक गंभीर और लंबे समय तक रहता है। यह स्थिति इतनी गंभीर होती है कि व्यक्ति अपने रोजमर्रा के काम करने में भी असफल रहता है। और आगे बढ़ाने की चाहत कम हो जाती है ऐसे में वह आत्महत्या जैसे विचारों को ज्यादा सोचने लगते हैं।
- पेरिओडिकल डिप्रेशन : इस अवस्था में व्यक्ति को कई सालों तक कठिन समय गुजारना पड़ता है हालांकि कुछ समय के लिए वह ठीक महसूस जरूर करते हैं पर फिर से उनका डिप्रेशन वापस आ जाता है।
- सामान्य डिप्रेशन : यह सबसे सिंपल डिप्रेशन है इस डिप्रेशन में उदासी निराशा और अस्थाई ध्यान और ऊर्जा की कमी महसूस होने लगती है। इस सामान्य डिप्रेशन है क्योंकि हर व्यक्ति के जीवन में एक स्थिति ऐसी आती है जिसमें उसे सामान्य डिप्रेशन से गुजरना पड़ता है हालांकि इसमें चिंता की बात नहीं है कुछ समय बाद व्यक्ति ठीक महसूस करने लग जाता है।
Depression के लक्षण
Depression के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं।
- छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना: अगर किसी व्यक्ति को छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आने लगता है या चिड़चिड़ापन रहने लगता है तो यह डिप्रेशन का कारण हो सकता है।
- Suicidal thoughts : डिप्रेशन कभी-कभी इतना बढ़ जाता है कि इंसान में जीने की इच्छा खत्म होने लगती है। उसे लगता है की जीने से कोई फायदा नहीं है, उसको ऐसा लगता है कि मर जाना ही सबसे अच्छा विकल्प है।
- खाना ना खाना: डिप्रेशन के कारण व्यक्ति सोने ज्यादा लगता है दुखी ज्यादा रहने लगता है, इसी कारण उसने भूख लगने की क्षमता खत्म हो जाती है और धीरे-धीरे करके उसका वजन कम होने लगता है।
- अनिंद्र या अत्यधिक नींद आना: डिप्रेशन के कारण कई लोगों को बिल्कुल भी नींद नहीं आती है, व्यक्ति कई कई रातों तक सो नहीं पता उसके बाद उसको नींद की गोलियों का सहारा लेना पड़ता है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सामान्य लोगों से ज्यादा सोते हैं। व्यक्ति एक-एक दो-दो दिन तक बिना उठे सोते रहते हैं।
- हमेशा थकान महसूस करना: अगर आपको हमेशा थकान महसूस होता है और आप कोई काम करना नहीं चाहते, आपके अंदर जरूर से ज्यादा आलस भरा गया है तो यह भी डिप्रेशन का ही लक्षण है।
- चिंता और बेचैनी: डिप्रेशन में गई लोगों को चिंता होने लगती है और बेचैनी भी महसूस होने लगती है।
- ध्यान केंद्रित ना कर पाना: अगर कोई व्यक्ति किसी चीज में अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहा उदाहरण के तौर पर” अगर कोई व्यक्ति किताब पढ़ने की सोच रहा है पर वह पढ़ नहीं पा रहा अर्थात किसी दूसरे कामों में भटक जाता है । या कामकरते-करते उसे किसी चीज की चिंता सताने लग जाए तो यह भी डिप्रेशन के ही लक्षण है।
- रुचि खत्म होना: अगर आप हमेशा अकेले में रहना चाहते हैं और समाज में हिस्सा नहीं ले रहे। और आपकी रुचि नहीं खेल में है और ना ही किसी सामाजिक कार्य में। एसएमएस सतर्क हो जाएगी क्योंकि यह भी डिप्रेशन के लक्षण है।
Depression से कैसे बचा जाए
अगर किसी व्यक्ति को डिप्रेशन जैसी समस्या है, तो आपको उनका सहयोग देना चाहिए। ऐसे व्यक्तियों का मनोबल बढ़ाना चाहिए और उन्हें प्यार करना चाहिए। हालांकि डिप्रेशन के उपचार के अन्य विकल्प भी मौजूद हैं।
- Brain stimulation therapy: इस थेरेपी में इलेक्ट्रोकनफ्लिक्ट थेरेपी, transcranial simulation or nerve stimulation Shamil Hai। यह सब डिप्रेशन को ठीक करने के उपाय हैं।
- मनोचिकित्सक: इस तकनीक में व्यक्ति थेरेपी लेने जाते हैं। जहां पर मरीज और डॉक्टर आपस में बातचीत करते हैं।
- दवा: स्वास्थ्य के देखभाल के लिए उपयोग होने वाली दवा डिप्रेशन का भी इलाज कर सकती है। डॉक्टर एस दवा देकर भी डिप्रेशन का इलाज करते हैं।
- पूरक चिकित्सा: दवा के अलावा अतिरिक्त उपचार है, जिसमें व्यक्ति को ठीक करने के लिए पारंपरिक तरीका शामिल है।
Depression में कौन से टेस्ट किए जाते हैं?
- PET स्कैन
Bake depression inventory (BDI)
हैमिल्टन डिप्रेशन रेटिंग स्केल ( HDRS)
जरीएट्रक डिप्रेशन स्केल (GDS)
अगर आप या आपका कोई करीबी डिप्रेशन से ग्रस्त है तोह उसकी मदद करे और नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक भी कर सकते है ।