अगर कोई यात्री अपनी फ्लाइट टिकट बुकिंग के 48 घंटों के भीतर कैंसिल करता है, तो उससे किसी तरह का एक्स्ट्रा चार्ज या कैंसिलेशन फीस नहीं ली जाएगी।
DGCA new rule 2025: हवाई यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एक अहम प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत अगर कोई यात्री अपनी फ्लाइट टिकट बुकिंग के 48 घंटों के भीतर कैंसिल करता है, तो उससे किसी तरह का एक्स्ट्रा चार्ज या कैंसिलेशन फीस नहीं ली जाएगी।
यह प्रस्ताव फिलहाल समीक्षा के चरण में है, लेकिन लागू होने के बाद यात्रियों के अधिकारों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
DGCA क्या चाहता है?
DGCA ने एयरलाइंस को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें कहा गया है कि यात्रियों को टिकट बुकिंग के बाद एक “grace period” दिया जाना चाहिए।
इस अवधि में अगर वे किसी कारणवश अपनी यात्रा रद्द करना चाहें, तो उन्हें पूरा रिफंड मिलना चाहिए — बिना किसी कटौती के।
वर्तमान में, फ्लाइट टिकट कैंसिल करने पर यात्रियों को ₹1500 से लेकर ₹3500 तक का कैंसिलेशन चार्ज देना पड़ता है। कई बार तो रिफंड राशि टिकट की कीमत से भी कम रह जाती है।
DGCA का यह कदम इसी असमानता को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।
DGCA का कहना
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय का कहना है कि यात्रियों को टिकट रद्द करने की “फेयर और ट्रांसपेरेंट पॉलिसी” का अधिकार है।
एक अधिकारी ने बताया —
“हवाई यात्राओं में शिकायतों का सबसे बड़ा हिस्सा कैंसिलेशन चार्ज को लेकर होता है।
इसलिए DGCA का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यात्रियों से किसी तरह का अनुचित शुल्क न लिया जाए।”
एयरलाइंस को भेजी गई ड्राफ्ट पॉलिसी
DGCA ने सभी घरेलू एयरलाइंस से इस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया मांगी है।
नए नियमों के तहत सुझाव दिया गया है कि —
अगर यात्री बुकिंग के 48 घंटे के भीतर टिकट रद्द करते हैं, तो उन्हें पूरा रिफंड दिया जाए।
अगर फ्लाइट डिपार्चर से 24 घंटे से कम समय बचा है, तब एयरलाइन को केवल न्यूनतम सेवा शुल्क ही काटने की अनुमति हो।
यात्रियों को ऑनलाइन बुकिंग के समय यह जानकारी स्पष्ट रूप से दी जाए कि कैंसिलेशन की शर्तें क्या हैं।
DGCA का कहना है कि इस बदलाव से ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी और ग्राहक-अनुकूल सिस्टम विकसित होगा।
DGCA new rule 2025: यात्रियों को क्या फायदा होगा?
अगर यह नियम लागू हो जाता है, तो हवाई यात्रियों के लिए कई फायदे होंगे
रिफंड में राहत: अब बुकिंग के तुरंत बाद प्लान बदलने पर भारी नुकसान नहीं झेलना पड़ेगा।ट्रैवल फ्लेक्सिबिलिटी: अचानक बदलती यात्रा योजनाओं के बावजूद बिना डर टिकट बुक की जा सकेगी।
ट्रस्ट बढ़ेगा: एयरलाइन कंपनियों और यात्रियों के बीच भरोसा मजबूत होगा।
यानी अब “बुकिंग के तुरंत बाद पछतावा” जैसी स्थिति खत्म हो सकती है।
DGCA new rule 2025: एयरलाइंस की राय क्या है?
कुछ एयरलाइंस का मानना है कि इससे ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ेगा क्योंकि कई बार टिकट रद्द होने से सीटें खाली रह जाती हैं।
हालांकि, कई विशेषज्ञों का कहना है कि ग्राहक संतुष्टि में बढ़ोतरी होने से लॉन्ग टर्म में एयरलाइंस को भी फायदा मिलेगा। एक एविएशन एनालिस्ट के मुताबिक आज का यात्री अधिक जागरूक है। यदि नीति पारदर्शी और लचीली होगी, तो बुकिंग बढ़ेगी। इससे इंडस्ट्री को भी लाभ होगा।
DGCA new rule 2025: कब तक लागू होगा यह नियम?
DGCA ने कहा है कि एयरलाइंस और यात्रियों से प्राप्त सुझावों के बाद अंतिम ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। अगर सब कुछ तय समय पर होता है, तो यह नियम 2025 की शुरुआत में लागू हो सकता है। इसके बाद सभी घरेलू एयरलाइंस को नई पॉलिसी अपनाने के लिए बाध्य किया जाएगा।
DGCA new rule 2025: यात्रियों के अधिकारों में एक और कदम
पिछले कुछ वर्षों में DGCA ने यात्रियों के हित में कई सुधार किए हैं
फ्लाइट लेट होने या कैंसिल होने की स्थिति में कंपनसेशन रूल्स
मिस-कनेक्शन और ओवरबुकिंग पर रिफंड गाइडलाइन्स
अब 48 घंटे में टिकट कैंसिलेशन पर नो चार्ज पॉलिसी इन्हीं सुधारों की अगली कड़ी है।
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