Dhanteras 2025 इन 7 चीजों को घर लाना है बेहद शुभ, मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा और दूर होगा दुर्भाग्य
Dhanteras 2025 : भारत में दीपावली की शुरुआत Dhanteras 2025 से होती है। यह दिन सिर्फ खरीदारी या सोने-चांदी का नहीं, बल्कि शुभता, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक है। इस साल धनतेरस 18 अक्टूबर 2025, शनिवार को मनाई जाएगी। वहीं, 19 अक्टूबर रविवार को भी त्रयोदशी तिथि रहेगी, इसलिए इन दोनों दिनों में आप शुभ मुहूर्त में खरीदारी कर सकते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, धनतेरस के दिन कुछ विशेष वस्तुएं घर लाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, भगवान धन्वंतरि का आशीर्वाद मिलता है और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। आइए जानते हैं कि इस धनतेरस पर कौन सी 7 चीजें घर लाने से जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य बढ़ता है।
Dhanteras 2025 क्या है?
धनतेरस हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था, जो स्वास्थ्य और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं। इसलिए यह दिन आरोग्य, आयुर्वेद और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।
इस दिन से दीपावली उत्सव की शुरुआत होती है। लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं, दीप जलाते हैं और नए सामान की खरीदारी करते हैं। माना जाता है कि इस दिन किया गया शुभ कार्य कई गुना फल देता है।
Dhanteras 2025 में धनिया के दाने – धन वृद्धि का प्रतीक
धनतेरस पर धनिया खरीदना बहुत शुभ माना गया है। कहा जाता है कि धनिया धन और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन धनिया के बीज खरीदकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें, फिर उसमें से कुछ दाने अपने घर के गमले में बो दें।
मान्यता है कि अगर उस धनिये से पौधा निकल आता है, तो घर में हमेशा खुशहाली और बरकत बनी रहती है। यह छोटा-सा उपाय जीवन से दुर्भाग्य को दूर करने में सहायक होता है।
Dhanteras 2025 में सोना या चांदी – मां लक्ष्मी का आशीर्वाद
सोना और चांदी दोनों ही पवित्र धातुएं मानी जाती हैं। धनतेरस के दिन इनका खरीदना शुभ फल देता है।
सोना शुद्धता और ऐश्वर्य का प्रतीक है, जबकि चांदी शांति और चंद्रमा की ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है।
आप सोने के सिक्के, आभूषण या चांदी के बर्तन खरीद सकते हैं। कहा जाता है कि इससे घर में मां लक्ष्मी का स्थायी वास होता है।
Dhanteras 2025 के दिन पीतल या तांबे के बर्तन – आरोग्य और शुभता के प्रतीक
धनतेरस पर पीतल, तांबा या स्टील के बर्तन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। ये धातुएं शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक हैं।
माना जाता है कि जब भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे, तो उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इसीलिए इस दिन बर्तन खरीदना स्वास्थ्य और दीर्घायु का संकेत है।
अगर संभव हो, तो नया बर्तन खरीदने के बाद उसमें कुछ अनाज या पानी भरकर पूजा में इस्तेमाल करें। इससे घर में सुख और समृद्धि आती है।
Dhanteras 2025 के दिन झाड़ू – दरिद्रता को दूर करने का प्रतीक
धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की परंपरा भी काफी लोकप्रिय है। हिंदू मान्यता के अनुसार, झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है।
इस दिन नया झाड़ू खरीदकर घर की सफाई करना दरिद्रता को दूर करता है और नकारात्मक ऊर्जा को मिटाता है।
ध्यान रखें कि पुरानी झाड़ू को फेंकने से पहले उसे किसी पवित्र स्थान पर रखकर नमस्कार करें।
Dhanteras 2025 के दिन गोमती चक्र और शंख – सौभाग्य और रक्षा के प्रतीक
गोमती चक्र और शंख को बहुत शुभ माना गया है। धनतेरस पर इन्हें खरीदकर घर में रखने से नजर दोष और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
गोमती चक्र को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या धन रखने वाली जगह पर रखें, इससे आर्थिक स्थिरता आती है।
शंख को पूजा घर में रखें और उसमें रोज सुबह जल चढ़ाएं। यह मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का सुंदर उपाय है।
Dhanteras 2025 के दिन दीपक और मिट्टी की प्रतिमाएं – शुभता और प्रकाश का प्रतीक
धनतेरस पर मिट्टी या पीतल के दीपक खरीदना बहुत मंगलकारी होता है।
इस दिन घर के बाहर 13 दीपक जलाने की परंपरा है — 12 घर के अंदर और 1 द्वार पर यमराज के नाम का दीपक।
यह दीप न केवल अंधकार मिटाता है, बल्कि परिवार को अकाल मृत्यु से भी बचाने का प्रतीक माना जाता है।
साथ ही, मिट्टी की लक्ष्मी-गणेश मूर्तियां भी खरीदनी चाहिए, जिन्हें दीपावली की रात पूजा में स्थापित किया जाता है।
Dhanteras 2025 अनाज – अन्न ही है सच्चा धन
धनतेरस पर घर में नया अनाज या धान लाना भी बहुत शुभ माना जाता है। भारतीय संस्कृति में अन्न को “मां अन्नपूर्णा” का रूप कहा गया है।
घर में अन्न का आना यह संकेत देता है कि पूरे साल सुख और समृद्धि बनी रहेगी।
आप इस दिन पूजा के लिए धान, गेहूं या मूंग दाल खरीद सकते हैं और इसे घर के मंदिर में रख सकते हैं।
Dhanteras 2025 पूजा का महत्व
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी, कुबेर देवता और यमराज की पूजा की जाती है।
भगवान धन्वंतरि से स्वास्थ्य और दीर्घायु, मां लक्ष्मी से धन और सौभाग्य, और कुबेर देवता से व्यवसायिक सफलता की कामना की जाती है।
शाम को दीपक जलाकर “ॐ धन्वंतरये नमः” मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
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