Dhirendra Shastri On Diwali Crackers: दूसरे मज़हब वाले दीपावली पर ज्ञान न पेले ,हम बकरीद पर नहीं पेलते है !
Dhirendra Shastri On Diwali Crackers: दिवाली के त्योहार के करीब आते ही हर साल पटाखों को लेकर बहस शुरू हो जाती है। इस साल इस बहस में छतरपुर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र शास्त्री का बयान सुर्खियों में आया। उन्होंने दिवाली पर पटाखों को लेकर मीडिया से बातचीत में कहा कि “दीपावली पर बहुत सावधानी रखें और ज्ञान न पेलें। दूसरे मजहब के लोग हमें बकरीद या ताजिए पर ज्ञान नहीं देते, तो हमसे भी दिवाली पर ज्ञान न पेलें।”
पंडित धीरेंद्र शास्त्री मुंबई में सिद्धि विनायक गणेश मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे। वहां मीडिया ने उनसे सवाल किया कि दिवाली पर पटाखों से प्रदूषण बढ़ता है और बॉलीवुड कलाकार इस बार लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे कम पटाखे फोड़ें। इस पर शास्त्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि पटाखों पर बहस और ज्ञान देने का सही समय नहीं है। उनका कहना था कि हम अपनी परंपरा निभाएंगे, लेकिन दूसरों से भी यही उम्मीद रखते हैं कि वे हमारे त्योहारों पर हमें ज्ञान न पेलें।
पंडित शास्त्री ने यह भी कहा कि “पटाखे फोड़ने से प्रदूषण होता है, यह बात सही है। अभिनेताओं की अपील भी सही है कि दिवाली पर कम पटाखे फोड़ें। लेकिन यह केवल दिवाली तक ही सीमित क्यों रहती है, अन्य पर्वों पर क्यों नहीं?” उनके इस बयान का मकसद सभी धर्मों और पर्वों के प्रति समान दृष्टिकोण रखना था।
विवाद और माफी
हालांकि, पं. शास्त्री के बयान में कुछ शब्दों को लेकर विवाद शुरू हो गया। उनके कुछ कथन सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए और लोगों ने उनकी आलोचना की। विवाद बढ़ने के बाद, पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने बयान के कुछ हिस्सों के लिए माफी भी मांगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका मकसद किसी धर्म या समुदाय को अपमानित करना नहीं था, बल्कि यह केवल दिवाली पर ज्ञान देने को लेकर था।
शास्त्री ने साफ शब्दों में कहा कि हमारी परंपरा और रीति-रिवाजों का सम्मान होना चाहिए, और दूसरों से भी यही अपेक्षा रखी जाती है। यह बयान और विवाद समाज को यह सोचने पर मजबूर करता है कि धर्म, परंपरा और पर्यावरण के बीच संतुलन कैसे बनाए रखा जाए।
दिवाली और पटाखों की परंपरा
हर साल दीपावली पर पटाखे फोड़ने की परंपरा रहती है। यह त्योहार रोशनी, खुशियों और आपसी भाईचारे का प्रतीक है। हालांकि, पटाखों से होने वाला प्रदूषण भी बड़ी समस्या बन चुका है। शास्त्री ने कहा कि दिवाली पर सावधानी जरूर बरतें, लेकिन इसे लेकर दूसरों से ज्ञान पाने की प्रवृत्ति न रखें। उन्होंने यह भी कहा कि उनका मकसद लोगों को भयभीत करना या विवाद खड़ा करना नहीं है, बल्कि यह हमारी परंपरा का हिस्सा है और इसे निभाना हमारी जिम्मेदारी है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
शास्त्री के बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएँ मिली-जुली हैं। कुछ लोगों ने उनकी बात को सही माना और कहा कि हर धर्म और त्योहार का सम्मान करना चाहिए। वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि यह बयान विवादास्पद था और इसे लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। इस पूरे मामले में पं. शास्त्री की माफी और स्पष्टिकरण ने स्थिति को थोड़ी सहज की है।
‘आई लव मोहम्मद’ पर बयान
इस मौके पर पं. शास्त्री ने ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर भी अपनी राय रखी। उनका कहना था कि अगर कोई व्यक्ति ‘आई लव मोहम्मद’ बोलता है तो वह गलत नहीं है। इसी तरह अगर कोई ‘आई लव महादेव’ कहता है तो वह भी गलत नहीं। हर किसी को अपने धर्म और देवता से प्रेम करने का अधिकार है। लेकिन जो भड़काऊ और हिंसक नारे लगाए जाते हैं, उन्हें हिंदू समाज और भारत का कानून बर्दाश्त नहीं करेगा। उनका कहना था कि अगर कोई ऐसा करता है, तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा।
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