Divorce within 24 hours India: 24 घंटे भी नहीं टिकी शादी, फेरों के तुरंत बाद क्यों टूटा ‘डॉक्टर कपल’ का रिश्ता?
Divorce within 24 hours India: शादी को आमतौर पर सात जन्मों का बंधन कहा जाता है। लोग इसे ज़िंदगी भर का साथ मानते हैं, जहाँ समझौता, भरोसा और साथ निभाने की कसमें खाई जाती हैं। लेकिन पुणे से सामने आया यह मामला इन सभी धारणाओं को झकझोर देता है। यहाँ एक नवविवाहित डॉक्टर दंपती की शादी महज 24 घंटे भी नहीं टिक पाई।
शादी की रस्में पूरी हुईं, फेरे लिए गए, लेकिन उसके कुछ ही घंटों बाद ऐसा क्या हुआ कि रिश्ता वहीं खत्म करने का फैसला ले लिया गया? यह सवाल अब सोशल मीडिया से लेकर आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
शादी के तुरंत बाद शुरू हुए मतभेद
जानकारी के अनुसार, यह शादी लव मैरिज थी। दोनों पढ़े-लिखे, प्रोफेशनल और समझदार माने जा रहे थे। लेकिन शादी के बाद ही पति-पत्नी के बीच ऐसे मतभेद सामने आए, जिनकी शायद पहले ठीक से बात नहीं हुई थी।
महिला के वकील के मुताबिक, शादी के बाद पति ने अपने काम को लेकर एक अहम बात बताई। पति ने कहा कि वह मर्चेंट नेवी से जुड़ा है और ड्यूटी के लिए उसे लंबे समय तक जहाज पर रहना पड़ सकता है। कई बार यह अवधि छह-छह महीने तक की हो सकती है।
यहीं से बिगड़ी बात
पत्नी को यह बात बिल्कुल भी स्वीकार नहीं थी। उनका कहना था कि इतनी बड़ी और ज़िंदगी से जुड़ी जानकारी शादी से पहले साझा की जानी चाहिए थी। शादी के बाद इस तरह का खुलासा उन्हें धोखे जैसा लगा।
पति की लंबी गैरहाज़िरी, साथ न रह पाने की आशंका और पहले से जानकारी न मिलने की नाराज़गी ने जल्द ही विवाद का रूप ले लिया। हालात इतने बिगड़ गए कि शादी के 24 घंटे के भीतर ही पत्नी ने पति से अलग रहने का फैसला कर लिया।
कोई हिंसा नहीं, कोई हंगामा नहीं
इस पूरे मामले की सबसे खास बात यह रही कि कहीं भी हिंसा, मारपीट या आपराधिक आरोप सामने नहीं आए। दोनों ने आपसी सहमति से और पूरी तरह कानूनी तरीके से अपने रिश्ते को खत्म करने का निर्णय लिया।
हालाँकि वे शादी के एक दिन के भीतर अलग हो गए थे, लेकिन कानूनन तलाक की प्रक्रिया में समय लगता है। करीब 18 महीने की कानूनी प्रक्रिया के बाद अब जाकर उनका तलाक औपचारिक रूप से पूरा हुआ है।
सोशल मीडिया पर बहस
यह मामला सामने आते ही सोशल मीडिया पर दो तरह की प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं।
कुछ लोग इसे जल्दबाज़ी भरा फैसला बता रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि जब सोच और उम्मीदें मेल न खाएँ, तो रिश्ता जबरदस्ती निभाने का कोई मतलब नहीं।
कई लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि शादी से पहले ऐसे अहम मुद्दों पर खुलकर बात क्यों नहीं की गई? करियर, समय, परिवार और भविष्य की योजनाएँ — ये सब शादी से पहले साफ होनी चाहिए थीं।
इस घटना से क्या सीख मिलती है?
यह मामला सिर्फ एक शादी टूटने की खबर नहीं है, बल्कि एक बड़ी सीख भी देता है।
शादी से पहले सिर्फ प्यार काफी नहीं होता, बल्कि ईमानदार बातचीत और पारदर्शिता सबसे ज़रूरी होती है।
करियर, लाइफस्टाइल, जिम्मेदारियाँ और अपेक्षाएँ — अगर इन पर पहले ही बात हो जाए, तो कई रिश्ते टूटने से बच सकते हैं।
निष्कर्ष
पुणे का यह ‘डॉक्टर कपल’ मामला दिखाता है कि आज के दौर में लोग अब अपनी खुशहाली और मानसिक शांति को ज़्यादा अहमियत दे रहे हैं। जब उन्हें लगता है कि रिश्ता आगे चलकर दर्द और समझौते से भरा होगा, तो वे उसे वहीं रोक देना बेहतर समझते हैं।
शादी लंबी चले या छोटी — सबसे ज़रूरी है कि फैसला ईमानदारी, समझदारी और आपसी सम्मान के साथ लिया जाए
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