अमेरिका के नए राष्ट्रपति बनने के बाद Donald Trump अपने पड़ोसी देशों को लेकर कई बयान दे रहे हैं जिनमें वह लगातार कुछ देशों को अमेरिका में शामिल होने की सलाह दे रहे हैं या वकालत भी कर रहे हैं। एक ओर जहां वह कनाडा को अमेरिका में मिलने की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर ग्रीनलैंड और पनामा नहर पर भी अमेरिका की कब्जे की बात कह दी। ट्रंप जबसे चुनाव जीते हैं उसके बाद से ही लगातार बयान बाजी का सिलसिला जारी हो गया है। कनाडा को अमेरिका में मिलने की बात पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अब जाकर बयान दिया है वही ग्रीनलैंड और पनामा ने भी उनके बयान पर मुंहतोड़ जवाब दिया है और उनके बयान को भी खारिज किया है।
ग्रीनलैंड को लेकर क्या है Donald Trump का कहना ?
अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति Donald Trump कहते हैं कि ग्रीनलैंड और पनामा नहर पर अमेरिका का कब्जा होना चाहिए क्योंकि वे दोनों अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर लिखा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा और दुनिया में कहीं भी जाने की आजादी के लिए अमेरिका महसूस करता है कि ग्रीनलैंड पर उनका नियंत्रण बहुत जरूरी है। इस बयान के आने के तुरंत बाद ही ग्रीनलैंड ने अपनी प्रतिक्रिया दी और ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट इग़ा ने कहा कि “हम बिकाऊ नहीं है और हम कभी भी बिकाऊ नहीं होंगे, हमें स्वतंत्रता के लिए अपने लंबे समय संघर्ष को नहीं भूलना चाहिए” हालांकि हमें पूरी दुनिया और खासकर अपने पड़ोसियों के साथ सहयोग और व्यापार के लिए खुले रहना चाहिए।
ग्रीनलैंड की कहानी
एरिक द रेड ने ग्रीनलैंड की खोज की थी। फिर सन 1721 में डेनमार्क नॉर्वे के मशीनरी हंसा ने बस्ती बसाई। 1940 में जर्मनी ने डेनमार्क पर कब्जा कर लिया। 1941 से 1945 तक ग्रीनलैंड अमेरिका के कब्जे में रहा। 1950 में थ्यूले एयर बेस पर अमेरिका का नियंत्रण हुआ। 1953 में ग्रीनलैंड डेनमार्क का हिस्सा बना। 1979 में ग्रीनलैंड में होमरूल की स्थापना हुई। 2008 में स्वायत्तता के लिए मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई। 2010 में अध्ययन के अनुसार ग्रीनलैंड की आइस शीट पिघल रही है। 2021 के बाद ग्रीनलैंड ने तेल और गैस के खनन पर रोक लगाई।
ग्रीनलैंड के बयान पर डेनमार्क के प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया
Donald Trump के बयान पर ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री के बयान आने के बाद मंगलवार को डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ़्रेडरिक्सन ने ट्रंप के दावों को खारिज करते हुए उन्हें कहा कि “हमें नहीं लगता कि ग्रीनलैंड पर कब्जा करने के लिए अमेरिका सैन्य और आर्थिक ताकत का इस्तेमाल करेगा”।
इसके अलावा फ्रेडरिक्सन ने कहा कि वह अमेरिका के आर्कटिक क्षेत्र में बड़ी रुचि दिखाने का स्वागत करते हैं साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ये ग्रीनलैंड की जनता के प्रति ‘सम्मानजनक’ तरीके से किया जाना चाहिए।
Donald Trump के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने ग्रीनलैंड का दौरा किया
Donald Trump का ग्रीनलैंड पर बयान तब आया जब उनके बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने ग्रीनलैंड का दौरा किया है। वह ग्रीनलैंड की राजधानी नोक पहुंचे हैं। ट्रंप जूनियर ने कहा कि वह लोगों से बात करने के लिए व्यक्तिगत दौरे पर आए हैं और सरकारी अधिकारियों से मिलने की उनकी कोई योजना नहीं है। जब डेनमार्क के प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन से ट्रंप जूनियर के ग्रीनलैंड दौरे को लेकर सवाल पूछा गया इस पर उन्होंने कहा कि ग्रीनलैंड ग्रीनलैंडर्स का है और केवल स्थानीय आबादी ही अपना भविष्य तय कर सकती है। उन्होंने इस बात पर भी सहमति जताई है कि ग्रीनलैंड बिकाऊ नहीं है।
ग्रीनलैंड को अमेरिका में क्यों मिलाना चाहते हैं Donald Trump?
अब हम जानेंगे की आखिर Donald Trump ग्रीनलैंड को अमेरिका में मिलने पर लगातार जोर क्यों दे रहे हैं ?उत्तरी अमेरिका से यूरोप जाने के सबसे छोटे रूट पर ग्रीनलैंड दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है। यह अमेरिका की सबसे बड़े स्पेस सुविधा का केंद्र भी है। अमेरिका काफी लंबे समय से ग्रीनलैंड को रणनीतिक रूप से महत्व देता रहा है। उसने शीत युद्ध के दौरान थ्योरी में एक रडार बसें भी स्थापित किया थ। जिसके बाद ही दुनिया के कई दुर्लभ खनिज के बड़े भंडार भी ग्रीनलैंड में मौजूद है जो बैटरी और हाईटेक डिवाइस बनाने में इस्तेमाल होते हैं। सभी जगह मौजूद रूसी और चीनी जहाजों की निगरानी के लिए सेना की कोशिशों के लिए ग्रीनलैंड बेहद जरूरी है।
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