Drunk Husband Law India: पत्नी की मना करने के बावजूद रोज शराब पीते हैं? संभल जाइए, BNS का नया कानून पड़ सकता है भारी
Drunk Husband Law India: शाम के वक्त दोस्तों का दबाव, “आज बस दो पेग हो जाएं”, और फिर नशे में घर लौटकर हंगामा—यह कहानी भारत के कई घरों में आम है। लेकिन अब ऐसा करना पति के लिए महंगा साबित हो सकता है। नए भारतीय न्याय संहिता (BNS) में शादीशुदा महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक सख्त प्रावधान जोड़ा गया है, जो शराब के नशे में पत्नी को परेशान करने वाले पतियों पर कार्रवाई का रास्ता खोलता है।
अगर कोई पति पत्नी की साफ मनाही के बावजूद रोज शराब पीकर घर आता है, झगड़ा करता है, गाली-गलौज करता है या डर का माहौल बनाता है, तो पत्नी उसके खिलाफ BNS की धारा 85B के तहत शिकायत दर्ज करा सकती है। इस धारा के तहत पति को तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
शराब पीना अपराध नहीं, लेकिन उत्पात अपराध है
यह समझना बेहद जरूरी है कि यह कानून शराब पीने पर रोक नहीं लगाता। अगर कोई व्यक्ति शराब पीता है, लेकिन घर में शांति बनाए रखता है, पत्नी को डराता-धमकाता नहीं है और हिंसा नहीं करता, तो इस कानून के तहत उस पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।
कानून का मकसद उन मामलों पर लगाम लगाना है, जहां पति नशे में आकर पत्नी की मानसिक शांति, सम्मान और सुरक्षा को खतरे में डाल देता है। बार-बार झगड़ा, गालियां देना, चीजें तोड़ना या डर पैदा करना अब सिर्फ “घरेलू मामला” नहीं रहेगा, बल्कि कानूनी अपराध माना जाएगा।
धारा 85B कब लागू होगी?
पत्नी इस धारा के तहत शिकायत तभी दर्ज करा सकती है, जब कुछ खास शर्तें पूरी हों—
- पति शराब या किसी नशीले पदार्थ के सेवन के बाद घर में हंगामा करता हो
- पत्नी की सुरक्षा, सम्मान या मानसिक संतुलन पर असर पड़ रहा हो
- पत्नी ने साफ तौर पर शराब पीकर घर आने से मना किया हो, फिर भी पति रोजाना यह आदत दोहरा रहा हो
अगर पति अविवाहित है या शादीशुदा होने के बावजूद नशे में कोई उत्पात नहीं करता, तो यह कानून उस पर लागू नहीं होता।
पत्नी को कौन-कौन से अधिकार मिलते हैं?
यह कानून सिर्फ सजा तक सीमित नहीं है, बल्कि पत्नी को कई मजबूत कानूनी अधिकार भी देता है—
1. शिकायत और FIR का अधिकार
पत्नी सीधे थाने जाकर शिकायत या FIR दर्ज करा सकती है। ऐसे मामलों में पुलिस को कार्रवाई करनी होगी।
2. सुरक्षा और संरक्षण की मांग
अगर पत्नी को डर है कि पति नशे में हिंसा कर सकता है, तो वह—
- पुलिस से सुरक्षा मांग सकती है
- पति से अलग रहने का आदेश ले सकती है
- पति को ‘गुड बिहेवियर बॉन्ड’ पर रखने की मांग कर सकती है
3. भरण-पोषण का अधिकार
अगर शराब की वजह से पति घर की जिम्मेदारियों से भाग रहा है, तो पत्नी भरण-पोषण यानी मेंटेनेंस की कानूनी मांग कर सकती है।
पत्नी अपना केस कैसे मजबूत बनाए?
कानून भावनाओं से नहीं, सबूतों से चलता है। इसलिए पत्नी को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए—
- घटनाओं का रिकॉर्ड रखें
पति कब शराब पीकर आया, क्या किया, क्या कहा—सब नोट करें। - वीडियो या ऑडियो सबूत
मोबाइल से रिकॉर्ड किया गया छोटा सा वीडियो भी बड़ा सबूत बन सकता है। - गवाह जुटाएं
पड़ोसी, परिवार के सदस्य या रिश्तेदार जो घटना देख चुके हों। - मेडिकल रिपोर्ट
अगर शारीरिक चोट लगी है, तो तुरंत मेडिकल कराएं। - पहले शिकायत, फिर FIR
शुरुआत जनरल डायरी, महिला हेल्पलाइन या लिखित शिकायत से भी की जा सकती है।
कानून इतना सख्त क्यों है?
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू हिंसा के बड़ी संख्या में मामलों की जड़ शराब होती है। नशे में किया गया झगड़ा अक्सर मारपीट, मानसिक उत्पीड़न और डर में बदल जाता है। इसी वजह से नए BNS में महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए धारा 85B जैसी सख्त व्यवस्था की गई है।
सरकार का साफ संदेश है—शराब पीना आपकी निजी पसंद हो सकती है, लेकिन उसके कारण किसी महिला की शांति, सम्मान और सुरक्षा खतरे में नहीं पड़नी चाहिए।
अंत में एक सीधी बात
अगर आप शादीशुदा हैं और शराब पीते हैं, तो यह कानून आपको डराने के लिए नहीं, संभलने के लिए है। पत्नी की मना करने के बावजूद नशे में हंगामा करना अब “घर की बात” नहीं रही। कानून की नजर में यह अपराध है, और इसकी सजा भी तय है।
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