
DUSU Election Result 2025: कौन हैं राहुल झांसला? जिन्होंने ABVP को हराकर बनाया उपाध्यक्ष पद पर कब्ज़ा
DUSU Election Result 2025: दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनाव यानी DUSU चुनाव हर बार की तरह इस बार भी सुर्खियों में रहे। 2025 के नतीजों में जहां ABVP ने तीन पदों पर कब्ज़ा जमाकर अपना परचम लहराया, वहीं NSUI ने भी उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल करके बड़ा धमाका कर दिया। इस जीत ने NSUI कार्यकर्ताओं के बीच जश्न का माहौल बना दिया।
इस जीत का श्रेय जाता है राहुल झांसला को, जिन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के गोविंद तंवर को शिकस्त देकर DUSU उपाध्यक्ष का ताज अपने नाम कर लिया।
राहुल झांसला ने कैसे जीती बाज़ी?
राहुल झांसला का मुकाबला सीधा-सीधा तीन उम्मीदवारों से था—ABVP के गोविंद तंवर और AISA-SFI के सोहन कुमार। नतीजों में राहुल ने 29,339 वोट हासिल कर बाज़ी मार ली। वहीं गोविंद तंवर 20,547 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। सोहन कुमार तीसरे स्थान पर खिसक गए।
राहुल ने गोविंद तंवर को 8,792 वोटों से मात दी। यह अंतर बताता है कि छात्र समुदाय ने इस बार बदलाव और नए चेहरों पर भरोसा जताया।
कौन हैं राहुल झांसला?
24 साल के राहुल झांसला मूल रूप से राजस्थान के अलवर ज़िले के रहने वाले हैं। वे दिल्ली यूनिवर्सिटी में एमए (बौद्ध अध्ययन) के पहले वर्ष के छात्र हैं।
पिछले दो सालों से राहुल डीयू की छात्र राजनीति में सक्रिय हैं और लगातार छात्रों की आवाज़ बनते रहे हैं। फीस बढ़ोतरी, हॉस्टल की दिक्कतें, क्लासरूम प्रबंधन और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर वे खुलकर बोलते रहे हैं।
राहुल को इस चुनाव में पूर्वांचल और राजस्थान दोनों छात्र संगठनों का मजबूत समर्थन मिला। यही वजह रही कि चुनाव प्रचार में उनका ग्राउंड कनेक्शन ABVP से कहीं आगे निकल गया।
चुनाव जीतने के बाद राहुल का वादा
चुनाव जीतने के बाद राहुल झांसला ने साफ कहा कि उनकी लड़ाई केवल कुर्सी पाने तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों की असली समस्याओं को हल करने के लिए है।
उन्होंने कहा—
- खेल प्रणाली (Sports System) में सुधार लाएंगे।
- हॉस्टल और क्लासरूम की व्यवस्थाओं को साफ-सुथरा और बेहतर करेंगे।
- पीने के लिए साफ पानी उपलब्ध कराएंगे।
- महिला छात्रों की सुरक्षा और विकास के लिए “महिला विकास प्रकोष्ठ” स्थापित करेंगे।
राहुल के इन वादों ने छात्रों के बीच उम्मीद की नई किरण जगाई है।
60,000 से ज्यादा छात्रों ने डाला वोट
इस बार DUSU चुनाव में कुल 1.53 लाख रजिस्टर्ड वोटर्स में से 60,272 छात्रों ने वोट डाला। पिछले साल की तुलना में इस बार लगभग 4% ज्यादा मतदान हुआ।
चुनाव के दौरान NSUI ने ABVP पर EVM मशीन से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
ABVP का दबदबा, NSUI का पलटवार
चुनाव नतीजों में ABVP ने तीन पदों—अध्यक्ष, सचिव और जॉइंट सेक्रेटरी—पर जीत हासिल की।
- अध्यक्ष बने आर्यन मान, जिन्हें 28,841 वोट मिले।
- सचिव बने कुणाल चौधरी, जिन्हें 23,779 वोट मिले।
- जॉइंट सेक्रेटरी बनीं दीपिका, जिन्होंने 21,825 वोट हासिल किए।
NSUI के खाते में केवल उपाध्यक्ष पद आया, लेकिन यह जीत बेहद अहम है। क्योंकि ABVP का लंबे समय से दबदबा रहा है और उपाध्यक्ष पद NSUI के हाथ आने से छात्र राजनीति में एक नया संतुलन बनता दिख रहा है।
राजनीति की नई प्रयोगशाला
दिल्ली यूनिवर्सिटी के चुनाव केवल कॉलेज कैंपस तक सीमित नहीं होते। इन्हें अक्सर राष्ट्रीय राजनीति की प्रयोगशाला कहा जाता है। यहाँ से निकले कई नेता आगे चलकर देश की राजनीति में अहम किरदार निभाते हैं।
राहुल झांसला की जीत भी इस लिहाज से बेहद मायने रखती है। उनकी छवि एक ज़मीनी और छात्र-हितैषी नेता की है। यदि वे अपने वादों को पूरा करते हैं, तो यह उनके भविष्य की राजनीति का भी मजबूत आधार बन सकता है।
छात्रों की उम्मीदें
नॉर्थ कैंपस की छात्रा रिद्धिमा कहती हैं—
“राहुल भाई ने हमारी समस्याएँ सुनी हैं। हमें भरोसा है कि वे हॉस्टल और क्लासरूम की दिक्कतों को सुलझाएँगे।”
वहीं खेल से जुड़े छात्र अभिषेक का कहना है—
“स्पोर्ट्स को लेकर राहुल का विज़न हमें उम्मीद देता है। अगर बदलाव आया तो हमें सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।”
इन प्रतिक्रियाओं से साफ है कि राहुल की जीत सिर्फ चुनावी नहीं, बल्कि एक उम्मीद की जीत है।
नतीजों का असर
DUSU चुनाव 2025 ने एक बार फिर दिखा दिया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में राजनीति का समीकरण कभी भी बदल सकता है। NSUI के खाते में भले ही केवल एक पद आया हो, लेकिन यह पद सबसे अहम साबित हो सकता है।
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