
Earth Day 2025 हमारी शक्ति, हमारी पृथ्वी
Earth Day 2025 : पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां पर जीवन संभव है। पृथ्वी पर न केवल इंसान बल्कि अन्य जीव जंतु भी अपना जीवन विप कर सकते हैं। पृथ्वी में जल है वायु है ग्रेविटी है, और अनुकूल तापमान भी है जिसके कारण पृथ्वी पर जीवन संभव है।
हर साल 22 अप्रैल को “अर्थ डे” या “पृथ्वी दिवस” मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य केवल यही नहीं है कि हम पृथ्वी की महत्वता को जाने बल्कि इसके कुछ अन्य महत्व भी है। ए जानते हैं पृथ्वी दिवस का इतिहास और कुछ जरूरी बातें।
कब और क्यों मनाया जाता है “अर्थ डे” ?
पृथ्वी दिवस या अर्थ डे हर साल 21 अप्रैल को मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस को भारत के साथ-साथ अन्य 195 देश से ज्यादा देशों में मनाया जाता है।
आपको बता दे कि पृथ्वी दिवस को मनाने की शुरुआत 1970 में सबसे पहले अमेरिकी सीनेटर*** ने की थी। उन्होंने इसकी शुरुआत पर्यावरण की शिक्षा के तौर पर की थी, इससे पहले 1969 में कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में तेल रिसाव की वजह से त्रासदी हो गई इसके बाद कई लोगों की जान चली गई थी। इस त्रासदी के बाद पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने का फैसला लिया गया था। कुछ समय बाद नेल्सन के आवाहन पर 22 अप्रैल को तकरीबन 2 करोड़ अमेरिकियों ने “अर्थ डे” मनाया।
अर्थ डे का शब्द की खोज जूलियन कोनिग ने करी थी। माना जाता है कि 21 अप्रैल को उनका जन्मदिन था, यही वजह थी कि पर्यावरण संरक्षण से जुड़े आंदोलन की शुरुआत 22 अप्रैल को उन्होंने अपने जन्मदिन के मौके पर करी और उसे “अर्थ डे” नाम दिया।
क्यों मनाते हैं पृथ्वी दिवस?
दुनिया भर में 22 अप्रैल के दिन अर्थ डे मनाने की परंपरा है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह है कि, देशभर में प्रदूषण बढ़ रहा है, ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है और जंगलों की कटाई तेजी से हो रही है। अगर इसी तरह पृथ्वी का नाश होता रहा तो बहुत जल्द पृथ्वी का विनाश हो जाएगा।
इस दिन को मनाने का उद्देश्य है कि लोगों को जागृत करना, ताकि लोग अपने ग्रह को महत्व दे और इसकी इज्जत करें।
पृथ्वी दर्द में है!
आज से सैकड़ो साल पहले कि पृथ्वी आज के मुकाबले काफी शुद्ध और स्वस्थ थी। पहले पृथ्वी पर हर जगह पेड़ पौधे थे, गाने और गहरी जंगल थे, इन जंगलों में कई प्रकार के जीव जंतु हुआ करते थे, जो कि शायद आज लुप्त हो चुके हैं। पहले की पृथ्वी में शुद्ध स्वच्छ जल होता था हालांकि आजकल गंदा और खारा जल मिलता है।
जैसे-जैसे मनुष्य विकसित होता गया उसने सभी जंगलों को नष्ट करना शुरू कर दिया। प्लास्टिक की खोज करी और पृथ्वी को नुकसान पहुंचाया। अब पृथ्वी में बड़ी-बड़ी फैक्ट्री से और गाड़ियों से इस कदर प्रदूषण फैलता है कि ग्लोबल वार्मिंग की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हमारे ओजोन लेयर में होल तक हो चुका है, जो की काफी खतरनाक है।
ग्लोबल वार्मिंग
ग्लोबल वार्मिंग होने से हमारे पृथ्वी के तापमान पर काफी ज्यादा असर पड़ता है। हर जगह जरूर से ज्यादा गर्मी होने लगती है, ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं और वहां रहने वाले जीव जंतुओं के लिए काफी मुश्किलें पैदा हो रही है। वातावरण में वायु दूषित है, जिससे छोटे नवजात बच्चों और बूढ़े लोगों को सबसे ज्यादा असर पड़ता है।
2025 का थीम
हर साल 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। हर साल इसका कोई ना कोई थीम होता है। इस साल अर्थ डे 2025 का थीम है, “Our power, Our earth” यानी हमारी शक्ति, हमारी पृथ्वी।
पृथ्वी को बचाने के तरीके
हमें पृथ्वी के बारे में सिर्फ पृथ्वी दिवस के मौके पर ही नहीं सोचना चाहिए बल्कि, हर समय पृथ्वी की रक्षा करने की सोच रखनी चाहिए । पृथ्वी हमें जल देती है पानी देती है हवा देती है, जिसके कारण पृथ्वी पर इंसान ही नहीं बल्कि अन्य जीव जंतुओं को जीवन मिलता है। सोचो अगर पृथ्वी ही ना हो तो हमारा क्या होगा?
अगर पृथ्वी हमें इतना कुछ देती है, तो हम पृथ्वी को बदले में क्या दे रहे हैं?
ग्लोबल वार्मिंग? और डिफोरेस्टेशन?
अपने ग्रह को बचाने के लिए हमें छोटे-छोटे बदलाव करने चाहिए जैसे – पानी का बचाव, प्लास्टिक का काम से कम उपयोग करना, प्रदूषण को नियंत्रण में करना, ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना,
और लोगों को पर्यावरण के बारे में जागृत करना और हमारे पृथ्वी की महत्वता के बारे में शिक्षित करना।