International Disability Day 2024: हर साल 3 दिसंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विभिन्न साझेदार अंतर्राष्ट्रीय विकलांगता दिवस (IDPD) मनाते हैं। यह दिन विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और उनकी भलाई को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। 2024 के लिए इस दिवस का विषय है, “समावेशी और स्थायी भविष्य के लिए विकलांग व्यक्तियों के नेतृत्व को प्रोत्साहन”। इस विषय के माध्यम से यह दर्शाने की कोशिश की गई है कि विकलांग व्यक्ति न केवल समाज के महत्वपूर्ण अंग हैं, बल्कि एक बेहतर, समावेशी और टिकाऊ भविष्य के निर्माण में उनका नेतृत्व बेहद जरूरी है।
विकलांगता और वैश्विक जनसंख्या
दुनिया की कुल जनसंख्या का 16% हिस्सा विकलांग व्यक्तियों का है। बावजूद इसके, स्वास्थ्य क्षेत्र में नेतृत्व की भूमिकाओं तक उनकी पहुंच बेहद सीमित है। भेदभाव, कलंक, शिक्षा और रोजगार के अवसरों से वंचित रहने जैसी कई बाधाएं उनके नेतृत्व क्षमता को बाधित करती हैं। WHO का मानना है कि विकलांग व्यक्तियों के नेतृत्व को प्रोत्साहित करना न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र में समानता सुनिश्चित करने के लिए बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भी अनिवार्य है।
विकलांग व्यक्तियों के नेतृत्व को प्रोत्साहित करने के प्रयास
स्वास्थ्य क्षेत्र में विकलांग व्यक्तियों को निर्णय प्रक्रिया में शामिल करना सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। WHO ने इस दिशा में एक नई रणनीतिक योजना उपकरण विकसित किया है। यह उपकरण विकलांग व्यक्तियों को निर्णय प्रक्रिया में शामिल करने के लिए मानवाधिकार आधारित दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है।
“हमारे बिना हमारे लिए कुछ नहीं” के नारे के साथ विकलांग व्यक्तियों के नेतृत्व का महत्व स्पष्ट होता है। यह नारा यह दर्शाता है कि विकलांग व्यक्तियों की भागीदारी, प्रतिनिधित्व और समावेशन के बिना उनकी समस्याओं का समाधान संभव नहीं।
विकलांगता और भारत
भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार, कुल 2.68 करोड़ लोग विकलांग हैं, जो देश की कुल जनसंख्या का लगभग 2.21% हैं। इनमें से 56% पुरुष और 44% महिलाएं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले विकलांग व्यक्तियों का प्रतिशत 69% है, जबकि 31% शहरी क्षेत्रों में रहते हैं। शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में उनकी स्थिति चिंताजनक है; केवल 36.34% विकलांग व्यक्ति कार्यरत हैं और 54.4% साक्षर हैं।
भारत में विकलांग व्यक्तियों के लिए कानूनी प्रावधान
भारत सरकार ने विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों को सुनिश्चित करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 लागू किया। यह अधिनियम 21 प्रकार की विकलांगताओं को मान्यता देता है और समावेशी समाज के निर्माण के लिए कई प्रावधान प्रदान करता है:
- शिक्षा: 6 से 18 वर्ष की आयु के विकलांग बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है।
- रोजगार: सरकारी नौकरियों में विकलांग व्यक्तियों के लिए 4% आरक्षण।
- सुलभता: सार्वजनिक भवनों को विकलांग व्यक्तियों के लिए सुलभ बनाने की समय सीमा।
- राष्ट्रीय और राज्य आयोग: विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा के लिए।
International Disability Day 2024 का महत्व
अंतर्राष्ट्रीय विकलांगता दिवस न केवल विकलांग व्यक्तियों की स्थिति पर ध्यान आकर्षित करता है, बल्कि समाज को अधिक समावेशी और न्यायसंगत बनाने की आवश्यकता पर जोर देता है। इस दिवस का उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें वह मंच प्रदान करना है, जहां वे अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन कर सकें।
2024 की थीम और वैश्विक संदर्भ
2024 की थीम को वैश्विक राजनीतिक और नीतिगत संदर्भ को ध्यान में रखकर चुना गया है। यह थीम विकलांग व्यक्तियों की नेतृत्व क्षमता को सभी स्तरों—स्थानीय से वैश्विक—पर मान्यता देने का प्रयास करती है। आगामी 2025 के विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन और 2030 एजेंडा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए यह विषय एक महत्वपूर्ण प्रेरणा प्रदान करता है।
विकलांगता समावेशन रणनीति और WHO का योगदान
संयुक्त राष्ट्र ने 2019 में विकलांगता समावेशन रणनीति शुरू की। इसका उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों को बढ़ावा देना और उन्हें समाज के हर क्षेत्र में समान रूप से भाग लेने का अवसर प्रदान करना है। WHO ने इस दिशा में 2022 में स्वास्थ्य समानता पर एक वैश्विक रिपोर्ट भी जारी की, जिसमें स्वास्थ्य असमानताओं को दूर करने के उपाय सुझाए गए।
भारत में विकलांगता कल्याण योजनाएं
भारत सरकार ने विकलांग व्यक्तियों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं:
- सुगम्य भारत अभियान: सार्वजनिक स्थानों और सरकारी इमारतों को सुलभ बनाना।
- डीडीआरएस योजना: विकलांग व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता।
- एडीआईपी योजना: सहायक उपकरणों की खरीद और फिटिंग के लिए वित्तीय सहायता।
- राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना: उच्च शिक्षा के लिए विकलांग छात्रों को वित्तीय सहायता।
अंतर्राष्ट्रीय विकलांगता दिवस 2024 समावेशी समाज और विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि विकलांग व्यक्ति समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और उनके नेतृत्व को मान्यता देना न केवल उनके अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए बल्कि एक बेहतर और न्यायपूर्ण दुनिया के निर्माण के लिए भी आवश्यक है।
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