National Farmer’s Day 2024: हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस (Kisan Diwas) मनाया जाता है, जो भारत के पाँचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के रूप में मनाया जाता है। चौधरी चरण सिंह का जीवन और उनके द्वारा किए गए कार्य किसानों के लिए एक प्रेरणा हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य किसानों के प्रति आभार व्यक्त करना और उनके योगदान को पहचानना है। क्योंकि किसान ही हैं, जो देश की आर्थिक रीढ़ हैं और देश की समृद्धि के असली स्तंभ माने जाते हैं।
चौधरी चरण सिंह का योगदान
चौधरी चरण सिंह को किसान हितों के सशक्त समर्थन के लिए ‘किसानों का चैंपियन’ (Champion of Farmers) कहा जाता है। उनका जीवन और कार्य हमेशा किसानों के कल्याण के लिए समर्पित रहा। उन्होंने 1979 से 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया और इस दौरान उन्होंने किसानों की भलाई के लिए कई ऐतिहासिक पहलें कीं। उनके द्वारा लाए गए कृषि सुधारों और नीतियों ने न केवल किसानों की स्थिति में सुधार किया, बल्कि भारतीय कृषि को भी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए।
उनकी सबसे प्रमुख पहल थी 1939 का ऋण उन्मूलन बिल (Debt Redemption Bill), जिसे उन्होंने किसानों के हित में पेश किया। यह बिल किसानों को साहूकारों के शोषण से मुक्त करने के लिए था, जो अक्सर उधारी की वजह से किसानों को बुरी तरह से दबा लेते थे। इसके अलावा, उन्होंने उत्तर प्रदेश में भूमि सुधारों के द्वारा किसानों को भूमि के मालिक बनाने के लिए कई योजनाएँ लागू कीं। इन सुधारों के परिणामस्वरूप, राज्य में कृषि की स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव आए।
किसान घाट, जो दिल्ली में स्थित है, चौधरी चरण सिंह की स्थायी धरोहर है। यह उनके योगदान और किसानों के लिए उनकी निष्ठा को सम्मानित करने का प्रतीक है।
किसान दिवस की महत्वता
किसान दिवस का उद्देश्य सिर्फ चौधरी चरण सिंह के योगदान को याद करना नहीं है, बल्कि यह दिन किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी स्वीकार करने का अवसर है। कृषि न केवल देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, बल्कि यह करोड़ों भारतीयों की आजीविका का भी मुख्य स्रोत है।
किसान देश की आर्थिक प्रगति में अहम भूमिका निभाता है, लेकिन इस समय किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उनकी समस्याओं में उचित मूल्य, ऋण, जलवायु परिवर्तन, बाजार तक पहुंच, और कृषि में नवीनतम तकनीकी बदलाव की कमी जैसी चुनौतियाँ शामिल हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य इन समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करना और सरकार की योजनाओं के बारे में किसानों को जागरूक करना है।
National Farmer’s Day 2024 का विषय: “समृद्ध राष्ट्र के लिए ‘अन्नदाता’ को सशक्त बनाना”
इस वर्ष के National Farmer’s Day 2024 का विषय है “समृद्ध राष्ट्र के लिए ‘अन्नदाता’ को सशक्त बनाना”। यह विषय किसानों के लिए बेहतर संसाधन, अवसर और नीतियाँ सुनिश्चित करने की आवश्यकता को स्पष्ट करता है ताकि वे न केवल अपनी खेती को बेहतर बना सकें, बल्कि समग्र रूप से देश की कृषि क्षेत्र में योगदान बढ़ा सकें।
यह विषय इस बात को रेखांकित करता है कि यदि हम अपने किसानों को सशक्त बनाएंगे, तो यह न केवल उनकी खुद की आर्थिक स्थिति में सुधार करेगा, बल्कि यह देश की समृद्धि और विकास के लिए भी एक मजबूत आधार बनेगा।
किसान दिवस पर विशेष पहल
किसान दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें किसानों के लिए विशेष योजनाओं की घोषणाएँ, किसान सम्मान पुरस्कार, और कृषि से जुड़ी नीतियों पर चर्चा होती है। इस दिन, सरकार और समाज दोनों मिलकर किसानों के कल्याण के लिए काम करने की दिशा में प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं। इस दिन को मनाने का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य यह है कि कृषि संकट पर व्यापक चर्चा हो और इस संकट के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।
राष्ट्रीय किसान दिवस पर किसान संगठनों द्वारा प्रदर्शन भी किए जाते हैं, जिसमें वे अपनी समस्याओं को उजागर करते हैं और उचित समाधान की मांग करते हैं। इसके अलावा, किसानों को नई कृषि तकनीकों और मार्केटिंग रणनीतियों से भी अवगत कराया जाता है, ताकि वे अपनी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकें।
किसानों के लिए सरकारी योजनाएँ
भारत सरकार ने किसानों की भलाई के लिए कई योजनाएँ और नीतियाँ बनाई हैं। इनमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, और सिंचाई योजनाओं जैसी महत्वपूर्ण योजनाएँ शामिल हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता और समुचित साधन प्रदान करना है ताकि वे अपनी कृषि गतिविधियों को और प्रभावी तरीके से चला सकें।
इसके साथ ही, सरकार ने कृषि अवसंरचना कोष, स्वयं सहायता समूह, और कृषि व्यवसायों के लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान भी किया है, जिससे किसानों को अपने उत्पादन और विपणन के नए तरीके अपनाने में मदद मिल रही है।