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एलन मस्क के DOGE ने भारत में “मतदाता जागरूकता” के लिए $21 मिलियन की फंडिंग रोकी, BJP ने बताया ‘बाहरी हस्तक्षेप’

एलन मस्क के DOGE ने भारत में "मतदाता जागरूकता" के लिए $21 मिलियन की फंडिंग रोकी, BJP ने बताया 'बाहरी हस्तक्षेप'

एलन मस्क के DOGE ने भारत में "मतदाता जागरूकता" के लिए $21 मिलियन की फंडिंग रोकी, BJP ने बताया 'बाहरी हस्तक्षेप'

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अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE), जिसे टेस्ला के सीईओ एलन मस्क द्वारा संचालित किया जा रहा है, ने भारत में मतदाता जागरूकता (voter turnout) के लिए दिए जाने वाले $21 मिलियन की फंडिंग को रद्द कर दिया है। यह फंड पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में स्वीकृत किया गया था और इसका उद्देश्य भारत में चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करना था।

DOGE ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि यह राशि $486 मिलियन के एक बड़े बजट का हिस्सा थी, जिसे वैश्विक स्तर पर “Consortium for Elections and Political Process Strengthening” के तहत विभिन्न देशों में चुनावी प्रक्रियाओं को सुधारने के लिए आवंटित किया गया था।

BJP ने बताया ‘बाहरी हस्तक्षेप’

DOGE द्वारा इस फंडिंग को रद्द करने की घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप (external interference) बताया है।

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमित मालवीय ने इस फंडिंग पर सवाल उठाते हुए कहा,
“भारत में मतदाता जागरूकता के लिए $21 मिलियन की फंडिंग? यह निश्चित रूप से हमारी चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है। इससे किसका फायदा होगा? निश्चित रूप से सत्तारूढ़ पार्टी का नहीं!”

मालवीय ने आगे आरोप लगाया कि भारतीय संस्थानों में विदेशी शक्तियों की घुसपैठ की साजिश हो रही है और इसका मुख्य उद्देश्य भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली को कमजोर करना है।

जॉर्ज सोरोस का जिक्र, कांग्रेस पर निशाना

बीजेपी ने इस मामले में बिलियनेयर इन्वेस्टर और परोपकारी कार्यों के लिए चर्चित जॉर्ज सोरोस का नाम भी घसीटा है। अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार से जुड़े जॉर्ज सोरोस की वैश्विक संस्थाएं भारत की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि 2012 में कांग्रेस सरकार ने भारत के चुनाव आयोग और अमेरिकी संगठन इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (IFES) के बीच एक समझौता किया था। यह संगठन USAID (अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी) से वित्तीय सहायता प्राप्त करता है, जो कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत बजट कटौती का सामना कर रहा है।

“जो लोग चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर सवाल उठा रहे हैं, उन्होंने ही भारत के चुनाव आयोग को विदेशी ताकतों के हवाले कर दिया था। कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने भारत की संस्थाओं को योजनाबद्ध तरीके से कमजोर करने की अनुमति दी,” मालवीय ने कहा।

अमेरिका में अन्य विदेशी परियोजनाएं भी रद्द

DOGE के अनुसार, इस फैसले के तहत भारत के अलावा अन्य देशों में कई प्रमुख परियोजनाओं की फंडिंग भी रद्द कर दी गई है:

अमेरिका ने इन अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं की फंडिंग की रद्द

अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए दी जाने वाली करोड़ों डॉलर की सहायता राशि को रद्द कर दिया है। एलन मस्क के नेतृत्व में यह फैसला अमेरिकी करदाताओं के पैसे की बचत और सरकारी खर्च में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लिया गया है। इस निर्णय के तहत कई देशों में चल रही प्रमुख योजनाओं की वित्तीय सहायता समाप्त कर दी गई है। आइए जानते हैं किन-किन परियोजनाओं की फंडिंग को रद्द किया गया है:

रद्द की गई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय परियोजनाएं:

  1. एशिया में शिक्षा सुधार के लिए $47 मिलियन की फंडिंग रद्द
    • इस राशि का उद्देश्य एशिया के विभिन्न देशों में शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाना और छात्रों के सीखने के परिणामों में सुधार करना था।
  2. लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के लिए $40 मिलियन की फंडिंग बंद
    • यह फंडिंग महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई थी।
  3. प्राग सिविल सोसायटी सेंटर के लिए $32 मिलियन की सहायता रोकी
    • यह केंद्र नागरिक समाज को मजबूत करने और लोकतांत्रिक मूल्यों के समर्थन के लिए काम करता है।
  4. मोल्दोवा में समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए $22 मिलियन की फंडिंग समाप्त
    • इस परियोजना का उद्देश्य मोल्दोवा में एक भागीदारीपूर्ण और समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया को सशक्त करना था।
  5. नेपाल में ‘Fiscal Federalism’ के लिए $20 मिलियन की सहायता रद्द
    • इस सहायता का उद्देश्य नेपाल में राजकोषीय संघवाद (Fiscal Federalism) को लागू करने में सहायता करना था, जिससे स्थानीय सरकारों की वित्तीय स्वायत्तता बढ़ाई जा सके।
  6. नेपाल में जैव विविधता संरक्षण के लिए $19 मिलियन की फंडिंग बंद
    • यह फंडिंग वन्यजीवों और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए थी, जिससे नेपाल की पारिस्थितिकी को संरक्षित किया जा सके।
  7. माली में सामाजिक समरसता बढ़ाने के लिए $14 मिलियन की फंडिंग समाप्त
    • इस परियोजना का उद्देश्य माली में सामाजिक एकता (Social Cohesion) को बढ़ावा देना और सामाजिक तनाव कम करना था।
  8. सर्बिया में सार्वजनिक खरीद प्रणाली में सुधार के लिए $14 मिलियन की सहायता रद्द
    • इस योजना का लक्ष्य सर्बिया में सार्वजनिक खरीद प्रणाली को पारदर्शी और जवाबदेह बनाना था।
  9. मोज़ाम्बिक में स्वैच्छिक पुरुष खतना कार्यक्रम के लिए $10 मिलियन की फंडिंग बंद
    • इस राशि का इस्तेमाल मोज़ाम्बिक में एचआईवी/एड्स की रोकथाम के लिए पुरुषों के स्वैच्छिक खतना कार्यक्रम के तहत किया जाना था।
  10. कंबोडिया के युवाओं के कौशल विकास के लिए $9.7 मिलियन की सहायता रोकी
  1. दक्षिणी अफ्रीका में समावेशी लोकतंत्र के लिए $2.5 मिलियन की फंडिंग बंद
  1. कंबोडिया में स्वतंत्र आवाज़ों को मजबूत करने के लिए $2.3 मिलियन की सहायता समाप्त
  1. कोसोवो में हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए $2 मिलियन की फंडिंग रद्द
  1. लाइबेरिया में मतदाता विश्वास बढ़ाने के लिए $1.5 मिलियन की सहायता रोकी

बांग्लादेश में अमेरिकी हस्तक्षेप के आरोप

DOGE के इस कदम से पहले अमेरिका पर बांग्लादेश की राजनीतिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करने के आरोप लगे थे। अमेरिका ने बांग्लादेश के राजनीतिक ढांचे को मजबूत करने के लिए $29 मिलियन की फंडिंग को भी रद्द कर दिया है।

हाल ही में, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को हटाए जाने और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के अंतरिम नेता बनने के बाद अमेरिका पर ‘डीप स्टेट’ द्वारा शेख हसीना सरकार को गिराने की साजिश के आरोप लगे थे।

जब इस मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पूछा गया, तो उन्होंने किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार करते हुए कहा,
“हमारी डीप स्टेट की इसमें कोई भूमिका नहीं है। यह बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति का हिस्सा है और हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे।”

BJP ने कांग्रेस को घेरा

बीजेपी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के दौरान विदेशी ताकतों को भारत के चुनावी संस्थानों तक पहुंचने की अनुमति दी गई थी।

मालवीय ने कहा,
“यह स्पष्ट है कि विदेशी समर्थित एनजीओ और संस्थाएं भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं। BJP इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।”

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