इथियोपिया में लगभग 12,000 साल बाद हुए एक बड़े ज्वालामुखी विस्फोट ने वैश्विक विमानन क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है।
Ethiopia volcano eruption: इथियोपिया में लगभग 12,000 साल बाद हुए एक बड़े ज्वालामुखी विस्फोट ने वैश्विक विमानन क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है। हायली गुब्बी नामक यह ज्वालामुखी अचानक सक्रिय हुआ और रविवार सुबह भारी मात्रा में राख और गैसें उगलने लगा। इसके प्रभाव इतने व्यापक रहे कि सोमवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा विमानन अलर्ट जारी करना पड़ा। इसकी वजह से कई फ्लाइटों के मार्ग बदले गए, जिनमें भारत की इंडिगो एयरलाइंस की एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान भी शामिल है।
Ethiopia volcano eruption: इंडिगो की कन्नूर–अबू धाबी फ्लाइट को बदलना पड़ा मार्ग
विस्फोट के बाद हवा में फैले राख के गुबार से उड़ान सुरक्षा प्रभावित होती दिखी। इसी कारण इंडिगो की फ्लाइट 6E 1433, जो कन्नूर से अबू धाबी जा रही थी, को अहमदाबाद की ओर डायवर्ट करना पड़ा। एयरलाइन के मुताबिक विमान पूरी तरह सुरक्षित रूप से अहमदाबाद उतरा।
इंडिगो ने यात्रियों की सुविधा के लिए कन्नूर वापसी की एक विशेष सेवा शुरू करने की घोषणा की है, ताकि प्रभावित यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो। कंपनी ने कहा कि वह स्थिति की लगातार निगरानी कर रही है और सुरक्षा मानकों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
Ethiopia volcano eruption: हायली गुब्बी ज्वालामुखी12 हजार साल बाद जागा
इथियोपिया के एरटा एले पर्वत श्रृंखला में स्थित हायली गुब्बी ज्वालामुखी पिछले 12,000 वर्षों से शांत था। ज्वालामुखी विशेषज्ञ इसे क्षेत्र के इतिहास की सबसे असाधारण घटनाओं में से एक बता रहे हैं। रविवार सुबह इस ज्वालामुखी ने अचानक सक्रिय होकर राख, पत्थर और सल्फर डाइऑक्साइड को हवा में उछाल दिया। टूलूज वोल्कैनिक ऐश एडवाइजरी सेंटर (VAAC) की रिपोर्ट के अनुसार राख का गुबार 10 से 15 किलोमीटर ऊंचाई तक पहुंचा। इसके बाद यह लाल सागर को पार करते हुए पूर्व दिशा में फैलने लगा। बादल की दिशा ने यमन, ओमान और दक्षिण एशिया तक चिंता बढ़ा दी फिलहाल माना जा रहा है कि यह राख का गुबार आगे उत्तर भारत की ओर भी बढ़ सकता है, जिसके कारण भारत के विभिन्न विमानन प्राधिकरण अलर्ट मोड पर हैं।
Ethiopia volcano eruption: भारत में भी बढ़ी निगरानी, दिल्ली–जयपुर के ऊपर असर की आशंका
भारतीय विमानन प्राधिकरण (DGCA) और एयरलाइंस ने स्थिति का विश्लेषण शुरू कर दिया है। सोमवार शाम से ही दिल्ली और जयपुर के ऊपर उड़ान मार्गों पर संभावित प्रभाव की निगरानी की जा रही है। कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों ने एहतियातन अपना मार्ग बदला, ऊंचाई में परिवर्तन किया, वैकल्पिक एयर-रूट अपनाए। एयरलाइंस के अनुसार, राख के गुबार का रुख और घनत्व देखने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी।
Ethiopia volcano eruption: एयरलाइन कंपनियों ने अपनी एडवाइजरी जारी की
अकासा एयर ने भी एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। कंपनी ने कहा वह अंतरराष्ट्रीय विमानन प्रोटोकॉल के अनुसार स्थिति पर करीबी नजर रख रही है। यात्रियों की सुरक्षा कंपनी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। तकनीकी टीम वैश्विक VAAC डेटा और मौसम विभागों से लगातार अपडेट ले रही है।
ज्वालामुखीय राख विमान इंजनों के लिए बेहद खतरनाक होती है। यह इंजन में फंसकर पिघल सकती है और उड़ान के दौरान खतरनाक परिस्थिति पैदा कर सकती है। इसी कारण वैश्विक स्तर पर एयरलाइंस इससे संबंधित किसी भी अलर्ट को अत्यंत गंभीरता से लेती हैं।
Ethiopia volcano eruption: ओमान और यमन में भी असर, पर्यावरण अलर्ट जारी
राख का गुबार पहले ही यमन और ओमान के कई क्षेत्रों में पहुंच गया है। ओमान के पर्यावरण प्राधिकरण ने लोगों को ज्वालामुखीय गैसों और राख के संभावित प्रभावों को लेकर सचेत किया है। हालांकि देश के 68 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से किसी ने प्रदूषण स्तर में बढ़ोतरी दर्ज नहीं की है। अधिकारियों ने कहा कि निवासी ‘नाकी’ प्लेटफ़ॉर्म पर वास्तविक समय में वायु गुणवत्ता देख सकते हैं। इससे पता चलता है कि फिलहाल प्रभाव सीमित है, लेकिन तेजी से बदलते हवा के रूझान खतरा बढ़ा सकते हैं।
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