EV-D68: पोलियो जैसे लक्ष्ण वाली बिमारी पैदा करने वाला वायरस अमेरिका में!

हाल के महीनों में, अमेरिका में एक श्वसन वायरस फैल रहा है, जो छोटे बच्चों के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। एंटरोवायरस D68 (EV-D68), एक सामान्य वायरस जो आमतौर पर हल्के श्वसन संबंधी लक्षणों से जुड़ा होता है, अब तेजी से एक दुर्लभ लेकिन गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी एक्यूट फ्लैसिड मायलाइटिस (AFM) से जुड़ा पाया जा रहा है।

EV-D68
EV-D68

 

AFM अचानक मांसपेशियों की कमजोरी का कारण बन सकता है, खासकर हाथों और पैरों में, जिससे दीर्घकालिक विकलांगता हो सकती है। देश भर में पानी के नमूनों में EV-D68 के बढ़ते स्तर का पता चलने के साथ ये चिंताएं बढ़ रही हैं कि देश भर में अचानक ही एक्यूट फ्लैसिड मायलाइटिस के मामलों में वृद्धि हो सकती है।

एंटरोवायरस EV-D68 क्या है?

एंटरोवायरस D68  एंटरोवायरस परिवार का हिस्सा है, जो सामान्यत: बच्चों के ऊपर असर करने वाले वायरस हैं। ये वायरस आम तौर पर मामूली लक्षण पैदा करते हैं, जैसे कि नाक बहना, खांसी, सिरदर्द और कभी-कभी बुखार। हालांकि, दुर्लभ मामलों में, EV-D68 AFM का कारण बन सकता है, जो एक पोलियो जैसी स्थिति है । इसमें अचानक लकवा (पैरालिसिस) हो जाता है, खासकर हाथो या पैरो में।

2014 में पहली बार इस वायरस ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया, जब अमेरिका में AFMके मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। उस वर्ष, 120 बच्चे AFM से ग्रसित पाए गए थे, और तब से, समय समय पर ऐसे पैरालिसिस के मामले सामने आते हैं जो इस वायरस से जुड़े हैं। अमेरिकी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, 2014 से AFM के 758 कनफर्म्ड मामले दर्ज किए गए हैं।

मौजूदा स्थिति और EV-D68 का फैलाव

हालिया रिपोर्टों में देश भर में जल के नमूनों में EV-D68 के स्तर में वृद्धि का संकेत दिया गया है। वेस्टवॉटरस्कैन, एक गैर-लाभकारी संगठन जो जल में वायरल गतिविधियों की निगरानी करता है, ने पानी के सैम्पल्स में EV-D68 न्यूक्लिक एसिड्स में बड़ी मात्रा में बढ़त का पता लगाया है, जिससे संक्रमणों में संभावित वृद्धि का संकेत मिलता है। यह वृद्धि विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि सितंबर पारंपरिक रूप से AFM मामलों के लिए अनुकूल मौसम माना जाता है।

जॉन्स हॉपकिन्स सेंटर फॉर हेल्थ सिक्योरिटी की महामारी विशेषज्ञ कैटलिन रिवर्स ने EV-D68 में इस वृद्धि के समय को लेकर चिंता व्यक्त की है।

एंटरोवायरस D68 आमतौर पर हर दूसरे साल आता है, और हालांकि 2014 से मामलों में उतार-चढ़ाव हुआ है, COVID-19 महामारी ने इस पैटर्न को बाधित कर दिया। महामारी के दौरान लॉकडाउन और प्रतिबंधों के कारण 2020 में वायरल प्रसार में काफी कमी आई, जिसमें AFM के मामलों में भी तेज गिरावट देखी गई। हालांकि, वायरस के स्तर में फिर से वृद्धि होने के कारण, स्वास्थ्य अधिकारी 2024 में AFM के पुनरुत्थान से डर रहे हैं।

AFM के लक्षण

एंटरोवायरस D68 के अधिकांश मामलो में दूसरी सांस की बीमारियों जैसे हलके लक्ष्ण ही देखने को मिलते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • नाक बहना
  • खांसी
  • बुखार
  • सिरदर्द
  • गले में खराश

हालांकि ये लक्षण चिंताजनक नहीं हैं लेकिन वायरस कभी-कभी एक्यूट फ्लैसिड मायलाइटिस (AFM) का कारण बन सकता है, जो एक गंभीर स्थिति है। AFM के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

  • अचानक हाथों या पैरों में कमजोरी
  • मांसपेशियों के टोन का नुकसान
  • शरीर के कुछ हिस्सों को हिलाने में कठिनाई
  • संतुलन या समन्वय में समस्या

गंभीर मामलों में, एक्यूट फ्लैसिड मायलाइटिस लकवा का कारण बन सकता है, और कई बच्चे ट्रीटमेंट मिलने के बाद भी जिंदगी भर के लिए विकलांग ही रह जाते हैं। कुछ रोगी अपने अंगों को दोबारा सामान्य नहीं कर पाते, जो इस स्थिति की गंभीरता को उजागर करता है।

उपचार और चुनौतियाँ

वर्तमान में, AFM का कोई इलाज नहीं है, और उपचार के विकल्प भी काफी सीमित हैं। AFM को कण्ट्रोल और मैनेज करने का मुख्य तरीका काफी जहां फिजिकल थेरेपी है। इस थेरेपी का उद्देश्य बच्चो में जितना हो सके मूवमेंट वापस लाना और ताकत वापस लाना है। लेकिन इस सब के बावजूद कई बच्चे लम्बे समय तक विकलांगताओं का सामना करते रहते हैं।

शोधकर्ता AFM के लिए अधिक प्रभावी उपचार खोजने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। एक संभावित विकल्प मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपचार है, जिसने क्लीनिकल ट्रायल्स में आशाजनक परिणाम दिखाए हैं। इस शोध का नेतृत्व डॉ. बडी क्रीच जैसे विशेषज्ञ कर रहे हैं, और यह भविष्य के लिए आशा की किरण पैदा करता है। हालांकि उपचार अभी अपने प्रारंभिक चरणों में है और इसको सब तक पहुँचने में कई साल लग सकते हैं।

EV-D68
EV-D68

रोकथाम और सावधानियां

चूंकि EV-D68 के लिए कोई इलाज या टीका नहीं है, रोकथाम महत्वपूर्ण है। पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए बुनियादी साफ़ सफाई की आदतों के महत्व पर जोर देते हैं। यहां कुछ प्रमुख सावधानियां दी गई हैं:

  1. बार-बार हाथ धोना: खांसने, छींकने या सार्वजनिक स्थानों पर सतहों को छूने के बाद कम से कम 20 सेकंड तक साबुन और पानी से हाथ धोएं।
  2. बीमार व्यक्तियों के संपर्क से बचें: ऐसे लोगों के निकट संपर्क से बचें, जो बीमार हैं, क्योंकि एंटरोवायरस D68 संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर फैल सकता है।
  3. बीमार होने पर घर में रहें: जिन बच्चों और वयस्कों में खांसी, नाक बहना या बुखार जैसे लक्षण होते हैं, उन्हें दूसरों को वायरस फैलने से रोकने के लिए घर पर ही रहना चाहिए।
  4. चिकित्सा सहायता लें: यदि कोई बच्चा श्वसन बिमारी या अचानक मांसपेशियों में कमजोरी के कोई संकेत दिखाता है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है।
  5. अक्सर छुई जाने वाली सतहों को कीटाणुरहित करें: दरवाजों के हैंडल, काउंटरटॉप्स और खिलौनों जैसी सतहों को नियमित रूप से साफ और कीटाणुरहित करें, ताकि वायरस के प्रसार को कम किया जा सके।

एंटरोवायरस D68 में वृद्धि और इसके साथ जुड़े एक्यूट फ्लैसिड मायलाइटिस जैसी संभावित विनाशकारी स्थिति ने अमेरिका भर में चिंता पैदा कर दी है। हालांकि EV-D68 के अधिकांश संक्रमणों में हल्के श्वसन लक्षण होते हैं, दुर्लभ मामलों में, यह वायरस छोटे बच्चों में लकवा का कारण बन सकता है। जल के आंकड़े एंटरोवायरस D68 के स्तर में महत्वपूर्ण वृद्धि दिखा रहे हैं और एक्यूट फ्लैसिड मायलाइटिस के अनुकूल मौसम के करीब आ रहे हैं इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ ख़ास सतर्कता की सलाह दे रहे हैं।

एक्यूट फ्लैसिड मायलाइटिस के उपचार विकल्प सीमित हैं, और शोधकर्ता नए उपचार विकसित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। इस बीच, माता-पिता और देखभाल करने वाले संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए साफ़ सफाई सुनिश्चित कर सकते हैं, बीमार व्यक्तियों के संपर्क से बच सकते हैं और संभावित लक्षणों के बारे में जानकारी रख सकते हैं।

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