
Extreme Heavy Rain Alert: अगले 7 दिन प्रचंड बारिश के लिए रहिए तैयार – मौसम विभाग की चेतावनी
Extreme Heavy Rain Alert: सितंबर की शुरुआत कई राज्यों के लिए चुनौती लेकर आई है। भारत मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि आने वाले 7 दिनों तक देश के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बेहद भारी बारिश होगी। सिर्फ बारिश ही नहीं, बल्कि कई जगहों पर तेज़ हवाएं और आंधी-तूफान भी चलने की संभावना है। ऐसे में आपको और आपके परिवार को सतर्क रहने की ज़रूरत है।
कहाँ–कहाँ बरसेंगे बादल?
मौसम विभाग के मुताबिक, 1 सितंबर से ही उत्तर भारत और पहाड़ी राज्यों में बारिश का दौर तेज़ हो जाएगा।
- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश – 1 सितंबर को बेहद भारी बारिश का अलर्ट।
- जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ – 1 से 3 सितंबर तक लगातार बारिश।
- राजस्थान (पूर्वी हिस्से) – 1 से 7 सितंबर तक तेज बारिश।
- पश्चिमी राजस्थान – 1, 2 और 5 से 7 सितंबर तक भारी बारिश की संभावना।
उत्तर भारत में सबसे बड़ा असर
उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में बरसात हमेशा चिंता का विषय रहती है। उत्तराखंड और हिमाचल में बादल फटने और भूस्खलन (landslide) की घटनाएं हर साल जान और माल का नुकसान कराती हैं। इस बार भी मौसम विभाग ने साफ कहा है कि नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है, सड़कों पर बाधा आ सकती है और यात्रा मुश्किल हो सकती है।
मध्य और पश्चिम भारत पर भी असर
- गुजरात – 4 और 5 सितंबर को बेहद भारी बारिश हो सकती है।
- महाराष्ट्र (मध्य हिस्से, कोकण और गोवा) – अगले 7 दिन लगातार बरसात का अनुमान है।
- राजस्थान (पूर्वी और पश्चिमी) – 1 से 7 सितंबर तक लगातार बारिश, जिससे कई जिलों में जलभराव की स्थिति बन सकती है।
इसका सीधा असर किसानों पर भी पड़ेगा। खरीफ की फसल (धान, मक्का, सोयाबीन) के लिए यह बारिश राहत भी दे सकती है, लेकिन अगर ज्यादा पानी हुआ तो खेतों में नुकसान भी हो सकता है।
पूर्वोत्तर राज्यों का हाल
बरसात का सबसे लंबा असर इस बार पूर्वोत्तर भारत में देखने को मिलेगा।
- असम और मेघालय – 1 से 6 सितंबर तक लगातार भारी बारिश।
- नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा – 1 से 5 सितंबर तक जोरदार बारिश।
- अरुणाचल प्रदेश – 6 और 7 सितंबर को तेज बारिश का अनुमान।
पहाड़ी और नदी किनारे बसे इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनने की संभावना जताई जा रही है।
दक्षिण भारत में भी अलर्ट
- केरल और माहे – 3 से 6 सितंबर तक भारी बारिश।
- कोस्टल आंध्र प्रदेश और यनम – 1 से 3 सितंबर तक तेज बारिश।
- कर्नाटक (तटीय हिस्से) – 1 से 7 सितंबर तक लगातार बरसात।
- साउथ इंटीरियर कर्नाटक – 3 सितंबर को भारी बारिश का अनुमान।
दक्षिण भारत में कई जिलों में पहले से ही पानी भरने की खबरें आ रही हैं। नए अलर्ट के बाद प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
लोगों के लिए जरूरी चेतावनी
भारी बारिश सिर्फ असुविधा ही नहीं लाती, बल्कि जान का खतरा भी बढ़ाती है। मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि:
- नदियों और नालों के पास न जाएं।
- भूस्खलन की आशंका वाले पहाड़ी रास्तों से बचें।
- बारिश और बिजली गिरने के दौरान पेड़ों के नीचे खड़े न हों।
- मोबाइल पर मौसम विभाग के अलर्ट लगातार चेक करते रहें।
- प्रशासन और स्थानीय एजेंसियों की गाइडलाइन को फॉलो करें।
क्यों हो रही है इतनी बारिश?
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार मानसून की ट्रफ लाइन (Monsoon Trough Line) उत्तरी भारत की तरफ खिसकी हुई है। इसके अलावा लो प्रेशर एरिया (Low Pressure Area) और अरब सागर से आ रही नमी भी लगातार बारिश को बढ़ा रही है। सितंबर का पहला हफ्ता मानसून की गतिविधियों के लिहाज़ से सबसे सक्रिय रहने वाला है।
आम लोगों की चिंता और उम्मीद
बारिश से किसानों को राहत मिल सकती है, क्योंकि अच्छी बारिश फसल के लिए वरदान होती है। लेकिन बहुत ज्यादा पानी खेतों में खड़ी फसल को नुकसान भी पहुंचा सकता है। वहीं शहरों में रहने वाले लोगों को ट्रैफिक जाम, जलभराव और बिजली कटौती जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
लोगों की सबसे बड़ी चिंता है – सुरक्षा। खासकर उन राज्यों में जहां हर साल बारिश के साथ भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाएं आती हैं।
सितंबर की शुरुआत प्रचंड बारिश के साथ हो रही है। आने वाले 7 दिन पूरे देश के लिए चुनौती बन सकते हैं। मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दे दी है, अब ज़रूरत है कि हम सब सतर्क रहें और अनावश्यक जोखिम से बचें।
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