
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की फाल्गुन अमावस्या तिथि का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की फाल्गुन अमावस्या तिथि का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। फाल्गुन मास की अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या कहा जाता है। यह तिथि पितरों की शांति, दान-पुण्य और स्नान के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
फाल्गुन अमावस्या 2025 तिथि
फाल्गुन अमावस्या की तिथि प्रतिवर्ष बदलती रहती है। 2025 में फाल्गुन अमावस्या का शुभ समय इस प्रकार है.
इस बार फागुन अमावस्या 27 फरवरी को मनाई जाएगी इस सुबह 4:00 बजे से लेकर 28 फरवरी सुबह 12:00 बजे तक चलेगी।
फाल्गुन अमावस्या का धार्मिक महत्व
1. पितृ तर्पण और श्राद्ध
2. दान-पुण्य का महत्व
3. गंगा स्नान और व्रत
4. ग्रह दोष निवारण
5. भगवान शिव और विष्णु की पूजा
फाल्गुन अमावस्या पूजा विधि
प्रातःकाल जल्दी उठकर पवित्र नदी, तालाब या घर में स्नान करें।
स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें और व्रत एवं पूजा का संकल्प लें।
इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करें।यदि संभव हो, तो ब्राह्मणों को भोजन कराएं और गौसेवा करें।
भगवान शिव को जल, दूध, बेलपत्र और भस्म अर्पित करें। विष्णु को तुलसी पत्र, फल-फूल और पंचामृत से स्नान कराएं।
इस दिन महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।ओम् नमः शिवाय और ओम् नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें।
जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, तिल और गुड़ का दान करें।गौमाता को चारा खिलाएं और पक्षियों के लिए दाना-पानी रखें।
फाल्गुन अमावस्या से जुड़ी पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार एक ब्राह्मण परिवार बहुत गरीब था और उसे खाने-पीने के लिए कुछ भी नहीं मिलता था। ब्राह्मण की पत्नी बहुत दुखी थी और उसने भगवान विष्णु से प्रार्थना की। भगवान ने उन्हें फाल्गुन अमावस्या का व्रत करने की सलाह दी।
ब्राह्मण परिवार ने इस दिन गंगा स्नान किया, पितरों का तर्पण किया, और दान-पुण्य किया। व्रत पूरा करने के बाद उनके घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं रही। तभी से यह व्रत हर वर्ष किया जाने लगा और यह मान्यता बनी कि फाल्गुन अमावस्या के दिन व्रत और दान करने से जीवन में समृद्धि आती है और पितृ दोष समाप्त होते हैं।
फाल्गुन अमावस्या के लाभ
पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
सभी तरह के पापों का नाश होता है।
ग्रह दोष दूर होते हैं।
धन, सुख-समृद्धि और शांति का आशीर्वाद मिलता है।
संतान प्राप्ति और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है।
फाल्गुन अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जिसे पितरों के लिए, ग्रह दोष निवारण, और धार्मिक साधनाओं के लिए शुभ माना जाता है।
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