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महाकुंभ भगदड़ के बाद प्रयागराज में होटलों की बुकिंग में गिरावट, 50% कमरे खाली

महाकुंभ भगदड़ के बाद प्रयागराज में होटलों की बुकिंग में गिरावट, 50% कमरे खाली

महाकुंभ भगदड़ के बाद प्रयागराज में होटलों की बुकिंग में गिरावट, 50% कमरे खाली

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प्रयागराज महाकुंभ के दौरान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या स्नान के दिन हुई भगदड़ के बाद से शहर के होटलों में बुकिंग में भारी गिरावट आई है। इस घटना ने न केवल श्रद्धालुओं के मन में भय पैदा किया, बल्कि होटल मालिकों के लिए भी आर्थिक मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। कई होटल मालिक चिंतित हैं, क्योंकि उनके होटल के 40-50 प्रतिशत कमरे खाली रह गए हैं। इस स्थिति को लेकर होटल मालिक अपने ग्राहकों से संपर्क करके महाकुंभ के बाद आने का आग्रह कर रहे हैं, ताकि वे पुण्य के भागीदार बन सकें।

क्या कह रहे हैं होटल मालिक?

प्रयागराज होटल एंड रेस्तरां वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सरदार हरजीत सिंह ने बताया, “29 जनवरी के दिन हुई भगदड़ के बाद होटल की बुकिंग में तेज गिरावट आई है। जो लोग पहले से बुकिंग करवा चुके थे, वे होटल तक नहीं पहुंच सके। हम अब बसंत पंचमी स्नान के बाद लोगों से प्रयागराज आने की अपील कर रहे हैं, ताकि किसी को भी कोई परेशानी न हो।” उन्होंने यह भी कहा कि घटना के बाद कई लोग अपनी बुकिंग रद्द कर चुके थे, क्योंकि 28, 29 और 30 जनवरी को प्रशासन द्वारा किए गए सड़क अवरोध के कारण श्रद्धालु होटल तक नहीं पहुंच सके।

हरजीत सिंह ने आगे कहा, “15-20 किलोमीटर दूर से पैदल चलकर होटल तक पहुंचना महिलाओं और बच्चों के लिए असंभव था। सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए थी, जिससे लोग आसानी से होटल तक पहुंच सकें।” हालांकि, उनका मानना है कि बसंत पंचमी के बाद स्थिति में सुधार होगा और होटल बुकिंग में वृद्धि होगी।

होटल मालिकों की आशा

प्रयाग इन’ होटल के मालिक अनिल कुमार गुप्ता ने बताया, “हमारे होटल में करीब 25 प्रतिशत बुकिंग कैंसिल हो गई है। मौनी अमावस्या के बाद कई कमरे खाली रह गए हैं, क्योंकि लोग होटल तक नहीं पहुंच सके।” हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ लोगों से एक-दो दिन का रुकने का कोई चार्ज नहीं लिया, क्योंकि उस वक्त उनके पास काफी कमरे खाली थे। उनका मानना है कि बसंत पंचमी स्नान के बाद, जब बाहरी वाहन शहर में आने लगेंगे, स्थिति सामान्य हो जाएगी और श्रद्धालु फिर से महाकुंभ में भाग लेने के लिए आएंगे।

सामाजिक मीडिया का असर

होटल मालिकों का यह भी आरोप है कि यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने इस घटना को गलत तरीके से प्रचारित किया, जिससे लोगों के मन में डर बैठ गया। इससे महाकुंभ में आने की संख्या में कमी आई है। हालांकि, होटल मालिकों को उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति में सुधार होगा और श्रद्धालु फिर से महाकुंभ में अपनी धार्मिक यात्रा पर लौटेंगे।

आगे की उम्मीदें

महाकुंभ एक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। हालांकि, इस बार की भगदड़ ने कुछ समय के लिए स्थिति को प्रभावित किया है, लेकिन होटल मालिकों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी, और वे अपने होटल में बुकिंग की स्थिति को सामान्य देखेंगे। विशेष रूप से बसंत पंचमी स्नान के बाद, जब प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है, तो श्रद्धालु बिना किसी डर के महाकुंभ में भाग ले सकेंगे।

कुल मिलाकर, इस घटना के बाद जो चिंताएँ सामने आईं, वे उम्मीद जताती हैं कि जल्द ही स्थिति सामान्य होगी और महाकुंभ का पर्व श्रद्धालुओं के लिए एक सुरक्षित और दिव्य अनुभव बनेगा।

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