
डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 28 दिसंबर 2024 को दिल्ली के निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर देश के शीर्ष नेता, विदेश मंत्री और कई प्रमुख हस्तियां उनके अंतिम दर्शन के लिए उपस्थित थीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
अंतिम संस्कार की रस्में:
मनमोहन सिंह की सबसे बड़ी बेटी उपिंदर सिंह ने उनके अंतिम संस्कार की अग्नि को प्रज्वलित किया, इस दौरान गुरु वाणी के मंत्रों का उच्चारण किया गया। शिख समुदाय के पुजारियों और उनके परिवार के सदस्यों ने साथ मिलकर बानी के श्लोकों का पाठ किया।
राजनीतिक दलों और विपक्षी नेताओं ने भी इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने निगमबोध घाट पर पहुंचकर उन्हें अंतिम सम्मान दिया।
विदेशी गणमान्य व्यक्तियों का शोक:
भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्यल वांगचुक और मॉरीशस के विदेश मंत्री धनंजय रामफुल ने भी मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। मॉरीशस सरकार ने उनकी श्रद्धांजलि स्वरूप, राष्ट्रीय ध्वज को आधे झुका दिया है। सिंह के प्रधानमंत्री रहते भारत और कई देशों के साथ रिश्ते मजबूत हुए थे, जिनमें भूटान और मॉरीशस शामिल हैं।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम यात्रा:
मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा सुबह कांग्रेस मुख्यालय से शुरू हुई, जहां कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके पार्थिव शरीर को फूलों से सजाए गए वाहन में रखा गया, और “मनमोहन सिंह अमर रहे” के नारे गूंजते हुए लोग उनके साथ चल रहे थे।
कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ उनके परिजनों ने भी इस यात्रा में भाग लिया। राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने सिंह के पार्थिव शरीर के साथ यात्रा की।
मनमोहन सिंह का योगदान:
डॉ. मनमोहन सिंह को भारत के आर्थिक सुधारों के आर्किटेक्ट के रूप में याद किया जाएगा। उनके नेतृत्व में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाई और आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए। वह 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे और उनके समय में भारत की अर्थव्यवस्था ने कई सफलताएं हासिल की।
राष्ट्रीय शोक और सम्मान:
पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर पूरे देश में सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है, जिसके दौरान राष्ट्रीय ध्वज को आधे झुका दिया जाएगा। उनका योगदान भारतीय राजनीति और समाज में हमेशा याद किया जाएगा।
मनमोहन सिंह का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनका जीवन और कार्य भारतीयों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगा।
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