
भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच Gautam Gambhir इंग्लैंड दौरे से अचानक ही वापस भारत लौट आए हैं
भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच Gautam Gambhir इंग्लैंड दौरे से अचानक ही वापस भारत लौट आए हैं। इसके पीछे की वजह उन्होंने पारिवारिक आपातकाल बताया है। बताया जा रहा है, उनकी मां सीमा गंभीर को 11 जून 2025 को दिल का दौरा पड़ा जिस वजह से गौतम गंभीर को वापस भारत लौटना पड़ा। आपको बता दे कि भारत 20 जून से इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज शुरू करने वाला है। जिसके कप्तान शुभमन गिल होंगे। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक गौतम गंभीर 17 जून को टीम के साथ फिर से जुड़ेंगे जो लीड्स के हेडिंग्ले में पहले टेस्ट से सिर्फ तीन दिन पहले होगा।
Gautam Gambhir की जिम्मेदारी डेशकाटे को मिली
सूत्रों के अनुसार Gautam Gambhir र पारिवारिक आपात स्थिति की वजह से भारत वापस लौट आए हैं। Gautam Gambhir की अनुपस्थिति में सहायक कोच रेयान टेन डेशकाटे शुक्रवार से भारत और भारत ए के बीच शुरू होने वाले चार दिवसीय इंट्रा स्क्वाड मैच के दौरान टीम की देखरेख करेंगे। इसके अलावा टीम को गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल और बल्लेबाजी कोच सीतांशु कोटक जैसे दूसरे कोचिंग स्टाफ से भी मदद मिलेगी। यदि गौतम गंभीर के घर पर सब कुछ ठीक रहा तो एक सप्ताह के अंदर ही इंग्लैंड लौटेंगे।
भारतीय टीम के लिए नई चुनौती
यह टेस्ट सीरीज भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक नए युग की शुरुआत है। क्योंकि इसमें रोहित शर्मा, विराट कोहली और रवि चंद्र अश्विन जैसे दिग्गज प्लेयर नहीं होंगे। क्योंकि वह टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। शुभमन की अगुवाई और Gautam Gambhir की कोचिंग में यह पहला बड़ा टूर्नामेंट होगा। आपको बता दें कि हाल ही में टेस्ट क्रिकेट में खराब प्रदर्शन के कारण Gautam Gambhir की कोचिंग पर भी सवाल उठाए गए लेकिन वह युवा खिलाड़ियों के साथ इस सीरीज में नया इतिहास रचने के लिए तैयार है।
कुलदीप-जडेजा पर होंगी निगाहे
कुलदीप यादव और रविंद्र जडेजा की प्रदर्शन पर लोगों की उम्मीदें टिकी रहेगी। भारतीय टेस्ट टीम की अंतिम एकादशी में जगह बनाने के लिए इन दोनों के बीच दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है। भारत के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने बुधवार को कहा था कि यह मैच भारत की तैयारी की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि सामान्य अभ्यास सत्रों से 1 दिन में 90 ओवर गेंदबाजी और फील्डिंग करने की क्षमता विकसित करना बहुत मुश्किल होता है। इस चार दिवसीय मैच को आधिकारिक तौर पर प्रथम श्रेणी का दर्जा प्राप्त नहीं है। इसमें अगर कोई भी बल्लेबाज सस्ते में आउट हो जाता है तो उसे दूसरा मौका मिलता है।
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