
Gaza children malnutrition भूख से तड़पते मासूम, डॉक्टर बोले - ये बच्चे शायद कभी ठीक न हो पाएं
Gaza children malnutrition: गाज़ा की धरती आज भीषण मानवीय संकट से गुजर रही है। भूख से तड़पते बच्चे, कमजोर शरीर और सूनी आंखों के साथ अस्पतालों में बिस्तरों पर पड़े हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अब शायद इनमें से कई बच्चे कभी ठीक नहीं हो पाएंगे।
अस्पतालों में सन्नाटा और सिसकियाँ: Gaza children malnutrition की भयावह तस्वीरें
गाज़ा के malnutrition treatment centres में एक अजीब सी खामोशी है। नन्हें बच्चे जो अब रो भी नहीं पा रहे, इलाज के लिए आए हैं लेकिन शायद अब बहुत देर हो चुकी है।
Save the Children संस्था की Rachel Cummings कहती हैं:
“वो बच्चे इतने थके हुए, इतने बीमार हैं कि अब रो भी नहीं पा रहे। अस्पताल में एकदम सन्नाटा था।”
कुछ बच्चे तो सीधे कह रहे हैं कि वो मर जाना चाहते हैं क्योंकि “स्वर्ग में खाना और पानी होता है।”
डॉक्टरों का दावा: “अब बचाना संभव नहीं”, Gaza humanitarian crisis ने तोड़ी उम्मीदें
ग्लिया हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. तारिक लोबानी कहते हैं:
“जो बच्चे अभी malnourished हैं, अगर तुरंत हालात नहीं बदले तो ये सभी मर जाएंगे।”
उनका कहना है कि गाज़ा में भूख से मरने वाले बच्चों की संख्या असली आंकड़ों से 10 गुना ज़्यादा हो सकती है, क्योंकि आधिकारिक रिकॉर्ड में सिर्फ उन्हीं को malnutrition death माना जाता है जिनकी मौत में कोई और बीमारी नहीं जुड़ी हो।
प्लम्पीनट (PlumpyNut) भी नहीं बचा पा रहा जान
गाज़ा के “Patient Friends Hospital” में PlumpyNut नामक इलाज दिया जा रहा है। यह peanut, sugar और milk powder से बनी एक high-calorie खाद्य सामग्री है, जो दुनियाभर में severe malnutrition के इलाज में इस्तेमाल होती है।
लेकिन गाज़ा में यह भी पर्याप्त नहीं है।
“यह इलाज सिर्फ एक कदम है, लेकिन अन्य पोषण तत्वों की भारी कमी है,” Save the Children की Cummings कहती हैं।
“बच्चे इलाज के दौरान भी और बीमार हो रहे हैं।”
Israel blockade और सहायता की विफलता: starvation in Gaza की असली जड़
मार्च 2 से मई 21 तक Israel ने Gaza में खाद्य आपूर्ति पूरी तरह बंद कर दी थी, जिससे भूख से त्रस्त हालात पैदा हुए। इस दौरान UN-led aid system को हटाकर एक निजी अमेरिकी संस्था Gaza Humanitarian Foundation (GHF) को यह जिम्मेदारी दी गई, जो कभी पहले मानवीय राहत नहीं दे पाई थी।
UN के आंकड़ों के अनुसार, गाज़ा का अधिकांश हिस्सा famine threshold को पार कर चुका है।
लूटपाट और हवाई मदद का ढकोसला
हालांकि अब थोड़ी राहत पहुंच रही है, लेकिन aid trucks को रास्ते में ही लूट लिया जाता है। लोग अपनी जान की परवाह किए बिना भोजन पाने के लिए इकट्ठा हो जाते हैं। Satellite images से यह साफ दिखता है कि aid distribution पूरी तरह असफल हो रहा है।
UN ने भी हवाई मदद की आलोचना की है, जिसे वो महंगी, खतरनाक और अप्रभावी बताते हैं।
मां की पीड़ा: “मैं अपनी बेटी को सिर्फ पुदीने का पानी पिला रही हूं”
Mohassen Shaaban, गाज़ा की एक मां, अपनी एक महीने की बेटी रहाफ को गोद में लिए कहती हैं:
“हमारे पास कुछ भी नहीं है। मैं उसे सिर्फ उबले हुए पुदीने का पानी पिला रही हूं। ना दूध है, ना साफ जगह, ना खाना।”
Doctor बोले: “जो नुकसान हो चुका, वो permanent है”
War Child Alliance के CEO Rob Williams बताते हैं:
“बच्चों के मस्तिष्क का विकास इस स्थिति में रुक गया है — और यह नुकसान अब reversible नहीं है।”
“अब जो भी aid ट्रक आ रहे हैं, वो इस cognitive और physical damage को undo नहीं कर सकते।”
केवल एक समाधान: Permanent Ceasefire और Full Border Access
UN और तमाम मानवीय संस्थाओं का साफ कहना है कि जब तक Gaza की सीमाएं पूरी तरह नहीं खोली जातीं और commercial goods तथा food supplies की unrestricted entry नहीं होती, हालात नहीं सुधर सकते।
“यह अब सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है,” Rob Williams कहते हैं,
“यह उन नीतियों का नतीजा है जिनमें सवाल यह नहीं है कि भूख कैसे रोकी जाए, बल्कि यह है कि ‘कैसे दिखाया जाए कि कुछ किया जा रहा है’।”